9 Panchayats Without Secretaries : जिले की 9 पंचायतें बिना सचिव के चल रही, यहां के सचिव मुख्यालय में अटैच!

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9 Panchayats Without Secretaries /: जिले की 9 पंचायतें बिना सचिव के चल रही, यहां के सचिव मुख्यालय में अटैच!

 

कोई सचिव 6 साल से मुख्यालय में अटैच तो कई एक साल से, ग्रामीण परेशान!

 

इंदौर से गोविंद राठौर की खास खबर

 

Indore : जिले की 9 पंचायतें लंबे समय से बिना सचिव के संचालित हो रही है। सचिव की जगह पूरा काम अभी उनके सहायक कर रहे हैं। जबकि, पंचायतों में सचिव की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। ये सभी पंचायतें जिले की इंदौर जनपद की है। उल्लेखनीय है कि पंचायतों में सरकार का प्रतिनिधि सचिव ही होता है।

इंदौर जनपद की कंपेल, पिवड़ाय, पीपल्दा, रिंजलाय, अरण्या, पानोड़, सेमलिया रायमल, सिंधी बड़ोदा, खुडेल खुर्द में पिछले कई महीनों से कोई सचिव नहीं है। यह बात संबंधित अधिकारियों को भी पता है। लेकिन, इस पर अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया गया। जबकि, इन सभी सचिवों की नियुक्ति पंचायतों में है, पर इन्हें अलग-अलग कारणों से वहां से हटाकर जनपद मुख्यालय में अटैच किया गया है।

मोरोद पंचायत से दीपाली मंडलोई को 6 साल से, बिसनावदा से सोना शुक्ला को एक साल से, दूधिया से श्यामा साहू को भी एक साल से, रंगवासा से नरेश दुबे को आठ माह से, पिवडा़य से माखन पटेल को चार माह से, नैनोद से अनिल गुर्जर को भी चार माह से जनपद मुख्यालय पर अटैच कर दिया गया। जबकि, इन सचिवों को पंचायतों में भेजकर कार्य लिया जा सकता है या इनकी जगह किसी और कि नियुक्ति की जा सकती है जो नहीं की गई।

 

सचिव न होने से ग्रामीण परेशान

दरअसल इन पंचायतों में सचिव नहीं होने से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई शासकीय कार्य ऐसे है, जो सचिव के बिना नहीं हो सकते। ऐसे में ग्रामीणों को बार-बार मुख्यालय के चक्कर लगाना पड़ते है। कई बार ग्रामीण इसकी शिकायत सरपंच को भी कर चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी कोई हल नहीं निकाला जा रहा। जब पहले सचिव को पदस्थ करने की बात कहीं जाती थी, तो अधिकारी चुनाव आचार संहिता का हवाला देते थे। लेकिन, अब चुनाव के बाद भी इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं हो रही। पंचायत सूत्रों के अनुसार इन 9 मे से कुछ सचिवों को विवाद के चलते हटाया गया था। लेकिन, न तो उस विवाद को हल किया गया और न सचिवों को भेजा गया।