थाने में दुष्कर्म करने की झूठी रिपोर्ट लिखाकर न्यायालय में झूठे बयान देना महिला को पड़ा भारी!

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थाने में दुष्कर्म करने की झूठी रिपोर्ट लिखाकर न्यायालय में झूठे बयान देना महिला को पड़ा भारी!

मिथ्या साक्ष्य देने के लिए फरियादीया पर केस दर्ज करने का आदेश!

Ratlam : जिले के नामली थाने पर एक महिला ने 3 व्यक्तियों के विरुद्ध रास्ता रोककर घर में जबरदस्ती ले जाकर बलात्कार करने व जान से मारने की धमकी देने की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।

अपर लोक अभियोजक एवं शासकीय अधिवक्ता समरथ पाटीदार ने बताया कि 24-अगस्त-21 को फरियादिया ने नामली थाने पर अपने पति के साथ पहुँचकर नामली थाने में रिपोर्ट की थी कि वह ग्राम पल्दुना में अपने परिवार सहित रहती है तथा घरेलू कार्य करती है। उसकी शादी 9-10 वर्ष पहले हुई थी, शादी के बाद उसे एक लड़का भी है जिसकी उम्र 8 वर्ष है। उसका ससुराल व पीहर ग्राम पल्दुना में ही है वह 22 अगस्त-2021 को अपने पीहर पल्दुना राखी मनाने आई थी।

मैं एक दिन पिता गोपाल धाकड़ के घर पर रुकी व दूसरे दिन रात्रि 8 बजे के लगभग वह उसके ससुराल जाने हेतु निकली थी, उसके गांव में रहने वाले पप्पू पिता जगदीश धाकड़ के घर के सामने से निकल रही थी कि पप्पू ने उसे आवाज देकर रोका और पूछा था कि कहां जा रही हो तो उसने कहा था कि ससुराल जा रही है, इतने में पप्पू धाकड़ का भाई पृथ्वीराज धाकड़ व उसका दोस्त जितेंद्र धाकड़ भी वहां आ गए। तीनों लोग पप्पू के घर के दरवाजे के पास खड़े होकर उससे बात कर रहे थे कि अचानक तीनों ने उसे पकड़ कर पप्पू के घर के दरवाजे के अंदर कर दिया, जिससे उसे गले पर नाखून लग गए थे।

जितेंद्र और पृथ्वीराज उसे पप्पू के घर के अंदर छोड़कर वापस घर चले गये। पप्पू ने घर का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। वह चिल्लाई तो पप्पू उसे खींचकर उसके घर के दूसरे कमरे में ले गया और बोला कि चिल्लाई तो उसे जान से खत्म कर देगा। पप्पू ने उसके साथ जबरदस्ती 2 बार बलात्कार किया और उसे धमकी भी दी कि घर जाकर किसी को बताया तो वह उसके पति को जान से खत्म कर देगा जिससे वह डर गई।

डर के कारण उसने घटना किसी को नहीं बताई। दूसरे दिन शाम को उसका पति महेश उससे पूछने लगा कि कल से डरी सहमी क्यों है और गले पर नाखून के निशान देखकर पूछने लगे तब उसने उसके पति महेश को घटना की सारी बात बताई।

उसके बाद फरियादिया उसके पति के साथ पुलिस थाना नामली पर गई और वहां पर आरोपी जितेंद्र, पृथ्वीराज व पप्पू के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई।

फरियादिया की रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध धारा 366, 342, 376डी, 376 (2) (N), 506 भारतीय दंड संहिता में रिपोर्ट दर्ज की। पुलिस द्वारा जांच के दौरान फरियादीया के बयान लिए व फरियादीया के न्यायालय में भी धारा 164 के बयान करवाए उस समय भी फरियादिया ने तीनों आरोपियों द्वारा घटना कारित करना बताया है।

पुलिस द्वारा सम्पूर्ण जांच कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। जहां से प्रकरण में विचारण के दौरान फरियादिया ने न्यायालय में घटना के विपरीत और विरोधाभाषी कथन किए की आरोपियों द्वारा उसके साथ बलात्कार नहीं किया व जान से मारने की धमकी भी नहीं दी थी। इसके बाद न्यायालय ने तीनों आरोपियों को बरी करते हुए फरियादिया को न्यायालय के समक्ष शपथ पर मिथ्या साक्ष्य देना प्रमाणित मानकर उसके विरूद्ध धारा 182,193, 211 में प्रकरण पंजीबद्ध करने का आदेश दिया!

क्या कहते हैं लोक अभियोजक!

न्यायालय में यदि किसी व्यक्ति द्वारा मिथ्या साक्ष्य दिया जाता हैं तो उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 182,193,211 में सात वर्ष तक कि सजा हो सकती है।

समरथ पाटीदार
अपर लोक अभियोजक!