Aryan Case:वकील की दलील भी आर्यन को जमानत नहीं दिला सकी

जमानत के लिए दी गई दलीलों से अदालत सहमत नहीं

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मुंबई। शाहरुख़ खान के बेटे आर्यन खान की जमानत याचिका पर बुधवार दोपहर 2.45 बजे सुनवाई होगी। यदि उसे जमानत दी गई तो उसे जेल से छोड़ा जाएगा, अन्यथा उसे जेल में ही रहना होगा। आर्यन को 3 अक्टूबर को एक क्रूज में ड्रग्स लेने के मामले में अपने 7 साथियों के साथ पकड़ा गया था। अदालत ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) को बुधवार तक अपना जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
आर्यन के वकील ने अपनी जमानत याचिका में कहा कि आर्यन निर्दोष हैं। उसने कोई अपराध नहीं किया। आर्यन खान को इस मामले में झूठा फंसाया गया। उसके पास से किसी ड्रग्स की जब्ती नहीं हुई। यह स्वीकृत तथ्य है कि आर्यन खान के पास से कोई ड्रग्स बरामद नहीं हुई। NCB के पास Aryan के खिलाफ कोई आपत्तिजनक सामग्री भी नहीं है। जमानत याचिका में कहा गया कि एक अक्टूबर, 2021 के पंचनामा को देखने से स्पष्ट हो जाता है कि उनके पास से कुछ भी बरामद नहीं हुआ।
याचिका में कहा गया कि यह बताने के लिए रिकॉर्ड में कुछ भी नहीं है, कि Aryan खान किसी भी तरह से उत्पादन, निर्माण, कब्जे, बिक्री, खरीद, परिवहन, आयात, निर्यात या किसी भी नशीली दवाओं का उपयोग किया या फिर अवैध तस्करी से जुड़ा है। किसी भी नशीली दवाओं की तस्करी से संबंधित अपराधियों को भी शरण नहीं दिया। Aryan खान और कथित ड्रग तस्करों (Drug Smuggler) के बीच कथित व्हाट्सएप चैट के बारे में याचिका में कहा गया कि चैट में किसी भी मामले का उस मामले से कोई संबंध नहीं है, जिसकी जांच NCB कर रही है।
जमानत याचिका के मुताबिक Aryan अपने परिवार के साथ मुंबई का स्थायी निवासी है। उसके फरार होने या न्याय से भागने की भी कोई आशंका नहीं है। रिकॉर्ड में भी ऐसा कुछ भी नहीं है, जिससे यह लगे कि जमानत देने पर Aryan खान अपनी स्वतंत्रता का दुरुपयोग करेगा। आर्यन एक प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता का बेटा है। उसने अमेरिका के दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से सिनेमा कला में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। वह जिम्मेदार नागरिक है और अपनी प्रतिष्ठा को कायम रखता है।
वकील ने अपनी जमानत याचिका में यह भी कहा कि आर्यन खान के पास कोई नशीला पदार्थ जब्त नहीं किया गया। आरोपों को सच मानने के बिना, NDPS Act 1985 की धारा 37 (1) लागू नहीं होता है। धारा 37 गंभीर अपराधों की बात करती है जो संज्ञेय और गैर-जमानती हैं। इन मामलों से जुड़े उल्लंघनों के लिए कठोर कारावास की सजा हो सकती है, जिसे एक साल तक बढ़ाया जा सकता है। इसमें 10 हज़ार रुपए तक जुर्माना हो सकता है।
याचिका में यह भी कहा गया कि इस प्रकार, आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 की अनुसूची-2 के प्रावधानों के साथ पढ़ी गई उक्त धारा वर्तमान अपराध, यदि कोई हो, को जमानती प्रकृति का बना देगी। याचिका के मुताबिक आवेदक को तत्काल जमानत दी जाना चाहिए। भले ही न्यायालय इस निष्कर्ष पर पहुंचता है कि NDPS Act के तहत अपराध गैर-जमानती है, उक्त अधिनियम के तहत किसी भी अपराध के लिए आवेदक को आरोपित करने के लिए कोई सबूत नहीं है। यह बिना किसी सबूत का मामला है। सारे आरोप ‘नशीले पदार्थों की खपत’ के दायरे में आते हैं, जो अधिकतम एक साल तक कारावास या जुर्माना या दोनों के साथ दंडनीय है।
इस मामले में अन्य आरोपियों से भी Aryan के खिलाफ कोई रिकवरी नहीं हुई। न वर्तमान मामले में पूरी रिकवरी का इस्तेमाल किया जा सकता है। आर्यन युवा है और उसका किसी भी प्रकार का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। इससे पहले ड्रग्स या साइकोट्रोपिक पदार्थों के सेवन या उपयोग में उसका शामिल होने का कोई प्रमाण नहीं मिला।
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