Awarded With Rank of ‘Colonel Commandant’ : हरीसिंह गौर विवि की वीसी एनसीसी के मानद ‘कर्नल कमांडेंट’ रैंक से विभूषित!

देशभर के 19 कुलपतियों में शामिल किया, मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ झोन से प्रो नीलिमा गुप्ता अकेली!  

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Awarded With Rank of ‘Colonel Commandant’ : हरीसिंह गौर विवि की वीसी एनसीसी के मानद ‘कर्नल कमांडेंट’ रैंक से विभूषित!

Sagar : डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर एक और गौरवपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता को एनसीसी के मानद ‘कर्नल कमांडेंट’ रैंक से विभूषित किया गया। भारत सरकार ने 13 अप्रैल को प्रकाशित गजट में देशभर के 19 कुलपतियों को मानद ‘कर्नल रैंक’ प्रदान किए जाने की घोषणा की है। इसमें मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ झोन से कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता को यह रैंक प्रदान की गई।

कुलपति पद के कार्यकाल तक विश्वविद्यालय में ‘कर्नल कमांडेंट’ पद के रूप में उनकी नियुक्ति भी की गई। अन्य कुलपतियों में जेएनयू की कुलपति प्रो शांतिश्री धुलीपुड़ी पंडित तथा महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय बड़ौदा के कुलपति प्रो वीके श्रीवास्तव भी शामिल हैं। विश्वविद्यालय परिवार ने इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए बधाई दी।

2024 में देशभर में शिक्षा के क्षेत्र की 50 सबसे प्रभावशाली महिलाओं में उनका नाम शामिल हुआ है। देश की प्रख्यात प्राणिशास्त्र वेत्ता प्रो गुप्ता को जंतु विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट शोध कार्य के लिए कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा जा चुका है। डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय से पहले वे तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, मुंगेर विश्वविद्यालय (अतिरिक्त प्रभार), छत्रपति साहूजी महाराज कानपुर विश्वविद्यालय की कुलपति रह चुकी हैं। वे कई समितियों और बोर्डों का भी हिस्सा रही, जिनमें योजना और निगरानी बोर्ड, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी में विजिटर द्वारा नामित सदस्य, तमिलनाडु केंद्रीय विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद सदस्य, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा की बोर्ड ऑफ गवर्नर्स आदि हैं।

प्राणि विज्ञान, जलीय विष विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी, इम्यूनोलॉजी में विशेषज्ञता के साथ उनकी 8 पुस्तकें, 36 पुस्तक अध्याय और 200 शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं। भारत सरकार द्वारा जन्तु वर्गीकरण के लिए प्रतिष्ठित ‘ईके जानकी अम्मल राष्ट्रीय पुरस्कार’ के अलावा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा का सर्वोच्च ‘सरस्वती सम्मान’तथा विज्ञान का ‘विज्ञान रत्न’ सहित उन्हें कई सम्मान एवं पुरस्कार मिले हैं।

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उनके गतिशील नेतृत्व में हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय ने कई उपलब्धियां हासिल की। जिनमें विश्वविद्यालय को एनएएसी द्वारा ए+ से मान्यता, कई समझौता ज्ञापनों (कामधेनु पीठ, एस व्यासा, भारतीय प्राणी सर्वेक्षण, पैलियोएथनोलॉजी रिसर्च सेंटर, मॉस्को, महार रेजिमेंट) पर हस्ताक्षर हुए। इंजीनियरिंग में नए पाठ्यक्रम, पर्यावरण विज्ञान, वैदिक अध्ययन, आईटीईपी, होटल प्रबंधन, स्वास्थ्य देखभाल और अस्पताल प्रबंधन, यात्रा और पर्यटन प्रबंधन जैसे पाठ्यक्रमों ही शुरुआत हुई।

साथ ही उनके नेतृत्व में विश्वविद्यालय परिसर ने अपने विशाल परिसर में फैली नई इमारतों के साथ एक नया रूप दिया गया। विश्वविद्यालय को हाल ही में एपीएआर में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए शिक्षा मंत्री द्वारा पुरस्कृत किया गया। शिक्षा और अनुसंधान में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को ‘उत्कृष्टता के रास्ते’ कार्यक्रम के तहत दूरदर्शन नई दिल्ली पर प्रदर्शित भी किया गया।