Backwater Tourism: राजस्थान में भी केरल की तरह बैकवाटर टूरिज्म को बढ़ावा देने की जरूरत

539
Backwater Tourism

Backwater Tourism: राजस्थान में भी केरल की तरह बैकवाटर टूरिज्म को बढ़ावा देने की जरूरत

गोपेन्द्र नाथ भट्ट की विशेष रिपोर्ट

भारत के दक्षिण-पश्चिमी सिरे पर स्थित, गॉड्स ओन कंट्री (भगवान का अपना देश) के रूप में जाना जाने वाला केरल, दुनिया में सबसे अधिक मांग वाले पर्यटन स्थलों में से एक है।

केरल भारत का एक खूबसूरत राज्य हैं, जोकि अपने बैकवाटर के लिए दुनियाभर में मशहूर हैं। भारत के केरल राज्य में आकर्षित झीलें, नहरे और सघन वन आदि हैं। केरल का नाम सुनते ही हमारे दिल में यहां के बैकवाटर में घूमने की इच्छा जागृत होने लगती हैं। इसके अलावा बैकवाटर में हाउस बोट में घूमते हुए केले के पत्ते में भोजन करना और नारियल पानी पीना वाकई दिलचस्प होता हैं। केरल बैकवाटर में घूमना एक सपने के सच होने जैसा प्रतीत होता हैं। हाउसबोट क्रूज़ पर जाना और दिल खोलकर मस्ती करना केरला की यात्रा पर आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर खीचता हैं।

Famous Lakes In Udaipur In Hindi | famous lakes in udaipur | HerZindagi

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केरल राज्य के लिए मीठे पानी का सबसे प्रमुख स्रोत बैकवाटर हैं जोकि समुद्री वनस्पति और जीवों का एक विशाल स्थान बन गया हैं।

PRO’s Transfer: राजस्थान सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में 44 अधिकारियों के तबादले 

केरल में घूमने के लिए सबसे अच्छे पर्यटन स्थलों में से एक एलेप्पी है, जो कोचीन से 53 किलोमीटर दूर है। एलेप्पी का अलाप्पुझा एक ऐसा स्थान हैं जहां चमकीले हरे बैकवाटर, ताड़ के किनारे वाली झीलें, हरे-भरे धान और केले के खेत, रंगीन लैगून और 150 साल पुराना लाइटहाउस है। केरल में यह सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल कायाकल्प और शांत बैकवाटर है, जिसे ‘पूर्व का वेनिस’ कहा जाता है। बैकवाटर पर आधा दिन या पूरे दिन का बोट क्रूज़ पर पर्यटक आनंदित होते है विशेष कर नई शादी करने वाले जोड़ों का यह पसंदीदा स्थल है। अधिक साहसी लोगों के लिए, रात भर के क्रूज के लिए जाते है। एलेप्पी बीच दक्षिण भारत के सबसे अच्छे समुद्र तटों में से एक है और यह लैगून, नदियों और बैकवाटर का संगम है।

केरल की तरह राजस्थान को भी बेक वाटर टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में लोकप्रिय बनाया जा सकता है। रेगिस्तान प्रधान प्रदेश राजस्थान में बेक वाटर पर्यटन राज्य के पर्यटन को नए पंख लगा सकता है।
राजस्थान में बेक वाटर पर्यटन को विकसित करने के लिए सबसे उपयुक्त स्थल दक्षिणी राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के माही बजाज सागर परियोजना का बेक वाटर है। वागड़ में माही गंगा को लाने वाले भागीरथ और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी ने माही परियोजना को तत्कालीन प्रधान मंत्री इन्दिरा गांधी द्वारा लोकार्पण करते समय सौ टापुओं का शहर नाम दिया था।

Tribal Fishermen Face Loss of Livelihood and Fish Populations Due to  Tilapia Invasion in Jaisamand Lake

माही के बेक वाटर में स्थित सौ टापुओं को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की मांग लम्बे समय तक की जा रही है। बांसवाडा को राजस्थान का चेरापूंजी माना जाता है तथा दक्षिणी राजस्थान का यह जिला छठी से 11वीं शताब्दी की पुरातत्व संपदाओं से भरा हुआ है। माही का बेक वाटर मध्य प्रदेश की सीमा तक लंबे चौड़े क्षेत्रफल के फैला हुआ हैं।

बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिला से लगा हुआ सलूंबर उदयपुर का जयसमन्द झील में भी बेक वाटर टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाने की पूरी संभावना हैं। वर्तमान में वहां बाबा का मगरा पर एक रिसोर्ट और जयसमन्द झील में बोट राइडिंग आदि गतिविधियां चल भी रही है। जयसमन्द झील एशिया की सबसे बड़ी कृत्रिम झील में से एक है।

माही बेक वाटर और जयसमन्द झील के अलावा चंबल बेक वाटर में भी पर्यटन की असीम संभावनाएं मौजूद है। घड़ियाड गेम सेंचुरी को छोड़ कर अथाह चंबल बेक वाटर और माही जयसमंद तथा प्रदेश के अन्य बड़े बांधों तथा जलाशयों में केरल की तरह बेकवाटर टूरिज्म को विकसित करने के लिए राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और उप मुख्यमंत्री एवं पर्यटन मंत्री दिया कुमारी को विशेष पहल करनी चाहिए।इससे पर्यटन के सिरमौर राजस्थान में पर्यटन और अधिक लोकप्रिय होंगा तथा देशी विदेशी पर्यटकों से प्रदेश की राजस्व आमदनी भी बढ़ेगी।

देखना है राजस्थान सरकार इस दिशा में क्या पहल करती है?