भाजपा का दावा मोदी की आंधी से राजस्थान में 25 सीटों पर खिलेंगे कमल,कांग्रेस का दावा भाजपा नही लगा पाएगी हैट्रिक

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भाजपा का दावा मोदी की आंधी से राजस्थान में 25 सीटों पर खिलेंगे कमल,कांग्रेस का दावा भाजपा नही लगा पाएगी हैट्रिक

 

गोपेन्द्र नाथ भट्ट की रिपोर्ट 

राजस्थान सहित देश के 13 राज्यों की 88 लोकसभा सीटों पर शुक्रवार को वोटिंग का काम शाम 6 बजे खत्म हो गया। छह बजे बाद मतदान परिसर में प्रवेश कर चुके सभी मतदाताओं को भी मतदान का अवसर दिया गया। इन सीटों पर कुल 1202 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला ईवीएम मशीनों में कैद हुआ है। चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शाम सात बजे तक इनमें कुल 60.96 प्रतिशत मतदान होने की खबर है। इन सीटों पर पिछली बार 70.09 प्रतिशत मतदान हुआ था। इसके मायने ये यह हैं कि इस बार इन 88 लोकसभा सीटों पर करीब नौ फीसदी कम मतदान हुआ है। शुक्रवार को हुई दूसरे चरण की वोटिंग के साथ ही अब 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदान प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

राजस्थान में लोकसभा चुनाव के पहले चरण की तरह दूसरे चरण में भी 2019 के मुकाबले कम मतदान होने की खबर है। हालांकि दूसरे चरण में पहले चरण की तुलना में मतदाताओं ने अधिक उत्साह दिखाया।

पहले चरण में मतदाताओं ने मतदान में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। पहले चरण में प्रदेश में महज 51.07 फीसदी वोटिंग दर्ज की गई थी। वहीं दूसरे चरण में राजस्थान में बंपर वोटिंग हुई। नवीनतम जानकारी के अनुसार राजस्थान की 13 सीटों पर 64 प्रतिशत से अधिक वोटिंग होने की खबर है। देर रात तक इस प्रतिशत में और भी अधिक इजाफा होने की उम्मीद है।

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत राजस्थान की जोधपुर, कोटा, भीलवाड़ा, बाड़मेर, अजमेर, टोंक-सवाई माधोपुर, चित्तौड़गढ़, झालावाड़-बारां, जालोर-सिरोही, उदयपुर, राजसमंद, पाली और बांसवाड़ा – डूंगरपुर लोकसभा सीट पर मतदान हुआ। इसी के साथ राजस्थान की सभी 25 लोकसभा सीटों पर आम चुनाव का कार्य सम्पन्न होने के साथ ही 152 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम मशीनों में बंद हो गई है ।

चुनाव आयोग के मुताबिक राजस्थान में दूसरे चरण में सबसे ज्यादा वोटिंग बाड़मेर में 70.98 प्रतिशत से अधिक हुई है जबकि सबसे कम वोट टोंक-सवाई माधोपुर सीट पर 53.40 प्रतिशत डाले गए हैं। अजमेर में 55.34%, बांसवाड़ा में 70.20%, बाड़मेर-जैसलमेर में 70.98%, भीलवाड़ा में 57.26%, चित्तौड़गढ़ में 65.79%, जालोर-सिरोही में 62.28%, झालावाड़-बारां में 67.40%, जोधपुर में 63.30%, कोटा-बूंदी में 69.28%, पाली में 56.80%, राजसमंद में 55.70%, टोंक-सवाई माधोपुर में 53.40%, उदयपुर में 63.26 प्रतिशत मतदान होने की जानकारी मिली है। हालांकि अभी फाइनल मतदान प्रतिशत आना शेष है।

राजस्थान की जिन 13 सीटों पर शुक्रवार को वोट डाले गए है उनमें 2019 में 68.42% मतदान हुआ था। लोकसभा के 2019 में हुए पिछले आम चुनाव में प्रदेश की टाेंक-सवाई माधोपुर लोकसभा सीट पर 63.44 प्रतिशत, अजमेर में 67.32, पाली में 62.98%, जोधपुर में 68.89%, बाड़मेर जैसलमेर में 73.3%, जालौर सिरोही में 65.74% उदयपुर में 70.32%, बांसवाड़ा डूंगरपुर में 72.9%, चित्तौड़गढ़ में 72.39%, राजसमंद में 64.87%, भीलवाड़ा में 65.64%, कोटा में 70.22% और झालावाड़-बारां में 71.96 प्रतिशत मतदान हुआ था।

गौरतलब है कि 19 अप्रैल को राजस्थान में प्रथम चरण का मतदान हुआ था. यहां पर 12 लोकसभा सीटों के लिए वोटिंग हुई थी।राजस्थान में लोकसभा आम चुनाव-2024 के तहत पहले चरण के मतदान में शहरी मतदाता आगे रहे हैं। शहरी क्षेत्रों का मतदान प्रतिशत राज्य के औसत मतदान प्रतिशत से अधिक है। पहले चरण में मतदान वाले 12 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव आयोग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार कुल 58.28 प्रतिशत मतदान हुआ है।

उल्लेखनीय है कि राजस्थान के दूसरे चरण के चुनाव में प्रदेश के कई दिग्गज नेता और उनके परिवारजन चुनावी मैदान में हैं। इनमें कोटा से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, जोधपुर से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत,बाड़मेर से केंद्रीय राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, चित्तौड़गढ़ से भाजपा प्रदेशाध्यक्ष निवर्तमान सांसद सी पी जोशी, जालोर से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत, झालावाड़ से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र निवर्तमान सांसद दुष्यंत सिंह और भीलवाड़ा से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी आदि चुनाव लड़ रहे हैं। बाड़मेर-जैसलमेर और बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीटों पर त्रिकोणात्मक संघर्ष ने चुनाव को और अधिक रोचक बना दिया है।

राजस्थान में 18 वीं लोकसभा के लिए प्रदेश की सभी 25 लोकसभा सीटों पर छुटपुट घटनाओं के अलावा शांति पूर्ण ढंग से हुए मतदान के बाद भाजपा ने दावा किया है कि इस बार भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आंधी से कांग्रेस का पूरी तरह से सफाया होगा और

राजस्थान में सभी 25 लोकसभा सीटों पर कमल खिलेंगे। जबकि कांग्रेस का दावा है कि इस बार भाजपा राजस्थान में हैट्रिक नही लगा पाएगी और प्रदेश में कांग्रेस एवं इंडिया गठबंधन करीब एक दर्जन सीटों पर विजय हासिल कर कामयाब होगा। राजस्थान में बीते दो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अपना खाता तक नहीं खोल पाई थी और पार्टी को सभी 25 सीटों पर दो चुनावों में हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन इस बार कांग्रेस खेमे में उत्साह देखा गया है। पार्टी के नेताओं का दावा है कि पहले और दूसरे चरण के मतदान में पिछले आम चुनाव से कम मतदान होने से भाजपा चिंता में है जबकि कांग्रेस डबल डिजिट में सीटों पर जीत रही है। ऐसे में अब सभी को 4 जून को आने वाले चुनाव परिणाम का इंतजार है।

25 लोकसभा सीटों वाले राजस्थान में शुक्रवार को मतदान का कार्य पूरा हो गया है। दूसरे चरण में शुक्रवार को 13 सीटों पर वोट डाले गए हैं वहीं, पहले चरण में राज्य की 12 सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान हो चुका है। दूसरे चरण की 13 सीटों पर कुल 152 उम्मीदवार मैदान में हैं। 2019 में इन सभी सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी। राज्य की जिन सीटों पर सबकी नजर होगी उनमें जोधपुर, बाड़मेर,जालौर-सिरोही, चितौड़गढ़,भीलवाडा और झालावाड़ जैसी सीटें शामिल हैं। जोधपुर से केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, बाड़मेर से कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी,जालौर से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत मैदान में हैं। इसी तरह चितौड़गढ़ से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी तो भीलवाड़ा से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी मैदान में हैं।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि देश के सबसे बड़े भौगोलिक प्रदेश राजस्थान में इस बार ऊंट किस करवट बैठेगा और भाजपा की उम्मीदों के अनुरूप उनकी जीत की हैट्रिक लगेगी अथवा कांग्रेस के मंसूबों के अनुरूप उनका कोई खाता खुलेगा अथवा नहीं?