Bjp strategy:कमलनाथ के लिए आधा दरवाजा ही खोला !

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Bjp strategy:कमलनाथ के लिए आधा दरवाजा ही खोला !

पिछले कुछ दिनों से चल रही अटकलें कब,क्या स्वरूप लेंगी,यह अभी भी रहस्य है। अलबत्ता इतना तय है कि नकुलनाथ का तो भाजपा प्रवेश हो सकता है,लेकिन कमलनाथ की डगर गड्ढ—मढ्ढ है।वजह है,1984 में सिखों के साथ कांग्रेसियों के घनघोर अत्याचार।तो ऊंट की करवट का दिल थामकर इंतजार कीजिए। हो सकता है, वह खड़ा ही रहे। फिलहाल तो ऐसा लगता है कि न तो कमलनाथ जाने की जल्दी में हैं, न ही भाजपा उन्हें लेने को उतावली है और न ही कांग्रेस कमलनाथ के पैर पकड़कर रोकने के मूड में है ।तब, होगा क्या ? यहीं से राजनीति का असल चरित्र प्रारंभ होता है।सौदेबाजी तो होगी। जिसका प्रस्ताव आकर्षक होगा,बाजी उसके हाथ लगेगी।

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दरअसल,कमलनाथ के जाने और भाजपा में लेने में कोई सैद्धांतिक अड़चन नहीं है। फांस बने हैं, उन पर सिख विरोधी दंगों में सहभाग होने के आरोप। वरना तो नकुलनाथ कांग्रेस से हाथ छुड़ाकर कमलनाथ का हाथ थामे कब से भाजपा के आंगन में झूला झूल रहे होते। तब विचारणीय मुद्दा यह है कि कमलनाथ का चुनाव चिन्ह कमल का फूल बन पाएगा भी कि नहीं ?

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अभी भाजपा प्रवेश के जिस रास्ते पर जाम लगा है,उसका एक वैकल्पिक रास्ता जरूर है।अभी नकुलनाथ की गाड़ी आगे निकल जाने दी जाए,जिसमें कमलनाथ के कुछ चुनिंदा विश्वस्त सहयोगी भी रहें और लोकसभा चुनाव के बाद उन्हें या तो प्रवेश दे दिया जाए या निर्दलीय के तौर पर किसी राज्य से उच्च सदन राज्य सभा भेज दिया जाए। ऐसा भी कुछ हो सकता है, बशर्तें दोनों ही पक्ष हेकड़ी न दिखाएं।

एक और संभावना खारिज नहीं की जा सकती। सोनिया गांधी भावनात्मक तुरुप का पत्ता चल सकती हैं।मसलन,इंदिराजी के तीसरे बेटे,राजीव—संजय के सखा वगैरह,वगैरह। भाजपा की ओर से अनिर्णय लंबा खींचा तो कमलनाथ का हृदय परिवर्तन हो सकता है। भावनाएं तो मोम की तरह होती हैं,कब पिघल जाए,क्या कहें।

वैसे यह मसला मध्य प्रदेश भाजपा में भी खुशी के साथ बेचैनी का भी है। मसलन, वे आए तो ज्योतिरादित्य कैसे प्रतिक्रिया देंगे? प्रादेशिक नेता किस तरह,कितना सम्मान देंगे ? सिंधिया को पचा नहीं पा रहा तबका कमलनाथ के आगमन से दोहरे अपच से ग्रस्त होगा या इसे भी नियति मान लेगा ? लोकसभा की दावेदारी में भी कोई फर्क पड़ेगा ? याने जितने मुंह उतनी बातें। रविवार की रात कत्ल की रात है। जो सोएगा,वह खोएगा।

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रमण रावल

 

संपादक - वीकेंड पोस्ट

स्थानीय संपादक - पीपुल्स समाचार,इंदौर                               

संपादक - चौथासंसार, इंदौर

प्रधान संपादक - भास्कर टीवी(बीटीवी), इंदौर

शहर संपादक - नईदुनिया, इंदौर

समाचार संपादक - दैनिक भास्कर, इंदौर

कार्यकारी संपादक  - चौथा संसार, इंदौर

उप संपादक - नवभारत, इंदौर

साहित्य संपादक - चौथासंसार, इंदौर                                                             

समाचार संपादक - प्रभातकिरण, इंदौर      

                                                 

1979 से 1981 तक साप्ताहिक अखबार युग प्रभात,स्पूतनिक और दैनिक अखबार इंदौर समाचार में उप संपादक और नगर प्रतिनिधि के दायित्व का निर्वाह किया ।

शिक्षा - वाणिज्य स्नातक (1976), विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन

उल्लेखनीय-

० 1990 में  दैनिक नवभारत के लिये इंदौर के 50 से अधिक उद्योगपतियों , कारोबारियों से साक्षात्कार लेकर उनके उत्थान की दास्तान का प्रकाशन । इंदौर के इतिहास में पहली बार कॉर्पोरेट प्रोफाइल दिया गया।

० अनेक विख्यात हस्तियों का साक्षात्कार-बाबा आमटे,अटल बिहारी वाजपेयी,चंद्रशेखर,चौधरी चरणसिंह,संत लोंगोवाल,हरिवंश राय बच्चन,गुलाम अली,श्रीराम लागू,सदाशिवराव अमरापुरकर,सुनील दत्त,जगदगुरु शंकाराचार्य,दिग्विजयसिंह,कैलाश जोशी,वीरेंद्र कुमार सखलेचा,सुब्रमण्यम स्वामी, लोकमान्य टिळक के प्रपोत्र दीपक टिळक।

० 1984 के आम चुनाव का कवरेज करने उ.प्र. का दौरा,जहां अमेठी,रायबरेली,इलाहाबाद के राजनीतिक समीकरण का जायजा लिया।

० अमिताभ बच्चन से साक्षात्कार, 1985।

० 2011 से नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने की संभावना वाले अनेक लेखों का विभिन्न अखबारों में प्रकाशन, जिसके संकलन की किताब मोदी युग का विमोचन जुलाई 2014 में किया गया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को भी किताब भेंट की गयी। 2019 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के एक माह के भीतर किताब युग-युग मोदी का प्रकाशन 23 जून 2019 को।

सम्मान- मध्यप्रदेश शासन के जनसंपर्क विभाग द्वारा स्थापित राहुल बारपुते आंचलिक पत्रकारिता सम्मान-2016 से सम्मानित।

विशेष-  भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा 18 से 20 अगस्त तक मॉरीशस में आयोजित 11वें विश्व हिंदी सम्मेलन में सरकारी प्रतिनिधिमंडल में बतौर सदस्य शरीक।

मनोनयन- म.प्र. शासन के जनसंपर्क विभाग की राज्य स्तरीय पत्रकार अधिमान्यता समिति के दो बार सदस्य मनोनीत।

किताबें-इंदौर के सितारे(2014),इंदौर के सितारे भाग-2(2015),इंदौर के सितारे भाग 3(2018), मोदी युग(2014), अंगदान(2016) , युग-युग मोदी(2019) सहित 8 किताबें प्रकाशित ।

भाषा-हिंदी,मराठी,गुजराती,सामान्य अंग्रेजी।

रुचि-मानवीय,सामाजिक,राजनीतिक मुद्दों पर लेखन,साक्षात्कार ।

संप्रति- 2014 से बतौर स्वतंत्र पत्रकार भास्कर, नईदुनिया,प्रभातकिरण,अग्निबाण, चौथा संसार,दबंग दुनिया,पीपुल्स समाचार,आचरण , लोकमत समाचार , राज एक्सप्रेस, वेबदुनिया , मीडियावाला डॉट इन  आदि में लेखन।