मीडियावाला.इन। गासिपिंग हमारे भारतीय समाज का एक अतिमहत्वपूर्ण अंग है। इसके बिना समझो हमारी दुनिया,सभ्यता और संस्कृति सूनी है। हमारे यहाँ ये परंपरा आदि काल से प्रचलित है। जहां तक ज्ञात है नारद मुनि इसके जनक माने...
मीडियावाला.इन। गासिपिंग हमारे भारतीय समाज का एक अतिमहत्वपूर्ण अंग है। इसके बिना समझो हमारी दुनिया,सभ्यता और संस्कृति सूनी है। हमारे यहाँ ये परंपरा आदि काल से प्रचलित है। जहां तक ज्ञात है नारद मुनि इसके जनक माने...
मीडियावाला.इन। हमारे भाई ने पाले है—एक कुतरु एक मिठ्ठु। कुतरु का नाम—शैगी मिठ्ठु हमारा –राजा। लगभग साथ साथ लाये गये दोनों। अब दोनों में दोस्ती है। जब भाई के घर जाओ--- मिठ्ठु चिल्लाकर बुआ आई खुशीयां लाई खुशियां...
मीडियावाला.इन। सुशील सिद्धार्थ बीमारियाँ जीवन दर्शन के वृक्ष की शाखाएँ हैं। किसी भी शाखा में लटक जाइए किसी न किसी ज्ञान में अटक जाएँगे। बीमार शब्द ही अद्भुत है। अस्वस्थ कहने से हाय हाय के कैनवास पर मुर्दनी, बदहाली, तबाही...
मीडियावाला.इन। कुछ दिन पहले तेरह साल के एक बच्चे की प्रतिभा जान कर मैं खुशी से बेजान सा हो गया।इस बच्चे नेपरीक्षा में कम नंबर आने पर अपने ही अपहरण की सफल योजना बनाई थी।पुलिस की मूर्खता सेयोजना असफल हो ...
1- मंत्रालय की आपातकालीन बैठक हुई और फलां महापुरुष की जयंती का राजकीय अवकाश घोषित| 2- कैबिनेट मीटिंग में शहरों के बदलने का प्रस्ताव हुआ सर्वसम्मति से पारित| जी हाँ, अब माननीयों की मीटिंगें देश की अन्य समस्याओं...
ख़बर क्या थी, साक्षात वाइरल होता वीडियो ही था। सीन कुछ यों था कि एक पेड़ था। पेड़ की डाल पर एक बन्दा एकदम उलटा लटक रहा था। ठीक वेताल की तरह। यों वह वेताल नहीं था, क्योंकि उसके...
मुझे एक ठेले वाले की तलाश थी, जो घर से कूलर उठाकर मेकेनिक की दूकान तक पहुंचा दे| मेरा कूलर खराब हो गया था| मुझे पता नही था कि इस बीच दुनिया काफी बदल चुकी है| आजकल कूलर सुधारने...
मीडियावाला.इन। मेरे दांत में भयंकर दर्द था। जब दर्द भयंकर हो तो आप दर्द के अतिरिक्त और कुछ नहीं सोच पाते हैं। वह दर्द रोटी का हो, बेरोजगारी का हो, फसल बरबाद होने का हो...
मीडियावाला.इन। व्यंग्य विधा के जाने-माने साहित्यकार स्व. सुशील सिद्धार्थ आज होते तो वे इस टीम का हिस्सा होते, अफ़सोस पोर्टल शुरू होने के पहले ही वे असमय चले गए | सुशील सिद्धार्थ का जाना दुखद, बेहद दुखद। अविश्वसनीय...