Chandrayaan3-चंद्रमा मिशन लॉन्च: चौथी अंतरिक्ष महाशक्ति बनने की ओर भारत …

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Chandrayaan3-चंद्रमा मिशन लॉन्च: चौथी अंतरिक्ष महाशक्ति बनने की ओर भारत …

श्रीहरिकोटा: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से #Chandrayaan3 चंद्रमा मिशन लॉन्च किया। चंद्रयान-3 एक लैंडर, एक रोवर और एक प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैस है। इसका वजन करीब 3,900 किलोग्राम है.

भारत के तीसरे चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ (Chandrayaan-3) को लॉन्च कर दिया गया है। चंद्रयान-3 ने दोपहर 2:35 बजे चंद्रमा की ओर उड़ान भरा। इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से छोड़ा गया है। 615 करोड़ की लागत से तैयार हुआ यह मिशन करीब 50 दिन की यात्रा के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड करेगा। ‘चंद्रयान-3’ को भेजने के लिए LVM-3 लॉन्चर का इस्तेमाल किया गया है। अगर दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिग होती है, तो भारत दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बन जाएगा। वहीं, पीएम मोदी ने ट्वीट कर शुभकामनाएं दीं और कहा कि आज का दिन सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगा।

चंद्रयान-3 मिशन में बड़ी संख्या में महिलाओं का योगदान हैं। IANS से बातचीत में ISRO के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, ‘लगभग 54 महिला इंजीनियर/वैज्ञानिक हैं, जो चंद्रयान-3 मिशन पर काम कर रही है। वे अलग-अलग केंद्रों पर काम करने वाले विभिन्न प्रणालियों के सहयोगी और उप परियोजना निदेशक और परियोजना प्रबंधक हैं।’

14 जुलाई 2023 दोपहर 2:35 पर श्रीहरिकोटा के विवरण पर तैयार जन्मकुंडली के आधार पर वृश्चिक लग्न उदय हो रहा है. लग्न के स्वामी मंगल दशम भाव में शुक्र के साथ विराजमान हैं और इस मिशन को बल मिलने की प्रबल संभावना है, क्योंकि लग्नेश का दशम में होना और वहां से लग्न को देखना लग्न और दशम दोनों भागों को प्रबल बना रहा है जो भारत की इस मिशन के प्रति और विशेष रूप से इसरो और उसके वैज्ञानिकों की दृढ़ता को दिखाता है.

मंगल के साथ शुक्र का होना महिला वैज्ञानिकों के लिए भी एक प्रमुख अवसर है कि जब वह अपनी दुनिया पर छाप छोड़ सकें. चतुर्थ भाव में बैठे वक्री शनि इस पर कुछ समस्या उत्पन्न कर सकते हैं, लेकिन शनि – मंगल का संयुक्त प्रभाव तकनीकी कार्यों में शुभ माना जाता है. इसलिए उम्मीद कर सकते हैं कि यह समस्याओं को दूर करने वाले साबित होंगे.

 

 

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