Child Laborers Found in Liquor Factory : ‘सोम’ की शराब फैक्ट्री में कई बच्चे शराब के काम में लगे मिले!

'बाल संरक्षण आयोग' ने इस शराब फैक्ट्री पर छापा मारकर यह गड़बड़ी पकड़ी! 

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Child Laborers Found in Liquor Factory : ‘सोम’ की शराब फैक्ट्री में कई बच्चे शराब के काम में लगे मिले!

Bhopal : ‘बाल संरक्षण आयोग’ ने रायसेन स्थित सोम डिस्टलरी का आज औचक निरीक्षण किया। आयोग की टीम को यहां करीब 50 नाबालिग बच्चे शराब बनाते मिले। आयोग ने पाया कि 20 नाबालिग लड़कियां को भी शराब बनाने के काम में लगाया गया था। बाल आयोग को निरीक्षण के दौरान बच्चों हाथों की चमड़ी भी झुलसी हुई मिली। यहां आबकारी विभाग की नाक के नीचे नाबालिगों से काम करवाया जा रहा था। श्रम विभाग की लापरवाही भी नजर आई, जिसने यहां बच्चों के काम करने को लेकर कोई कार्यवाही नहीं की।

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‘सोम’ की शराब फैक्ट्री में शराब कौन बना रहा है और किससे बनवाई जा रही है, यह जिम्मेदारी रायसेन के जिला अधिकारी वंदना पांडे और फैक्ट्री के प्रभारी अधिकारी का काम है। फैक्ट्री के अंदर कौन काम करेगा, उनकी आईडी क्या है और उसकी उम्र क्या है, उसका पुलिस रिकॉर्ड क्या है? यह सब चेक करना भी वंदना पांडे और प्रभारी अधिकारी सोम डिस्टिलरी का काम है। लेकिन, किसी ने ध्यान नहीं दिया कि इस शराब फैक्ट्री में 12 से 15 साल के बच्चों से शराब बनवाई जा रही है!

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बताया गया कि यदि नाबालिग बच्चों से शराब बनवाई जा सकती है, तो यहां ‘सिमी’ और ‘एफपीआई’ के संदिग्ध अपराधी भी शराब बनाने के काम में लगाए जा सकते हैं। संभव है कि यहां यह सब होता भी हो, क्योंकि रायसेन सिमी का दूसरा सबसे बड़ा केंद्र है। यदि मासूम बच्चे शराब बना रहे हैं तो नक्सलाइट और अपराधियों से भी तो शराब बनवाई जा रही होगी या सप्लाई कराई जा रही होगी!

नाबालिग बच्चों और बच्चियों को शराब निर्माण में उपयोग करना उनका आर्थिक और मानसिक शोषण घोर अपराध है। फैक्ट्री मालिक, फैक्ट्री का प्रभारी आबकारी अधिकारी पर तत्काल कार्रवाई की मांग की गई। देखा गया है कि सोम फैक्ट्री बिना शासन की परमिशन से अवैध रूप से शराब का कुंड बनाता है और जुर्माना चुकाकर बच जाता है। रायसेन और भोपाल संभाग के प्रमुख आबकारी अधिकारी दीपक रायचूर, वंदना पांडे, आलोक खरे और वीरेंद्र सक्सेना के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं होती। जबकि, विधानसभा में कार्यवाही का आश्वासन भी सरकार द्वारा दिया गया था।