Congress leaders joining Bjp: ….. तो संजय शुक्ला,आकाश विजयवर्गीय विधायक होते

1166

Congress leaders joining Bjp: …..तो संजय शुक्ला,आकाश विजयवर्गीय विधायक होते

बड़ी देर कर दी हुजूर आते-आते। यह निश्चय ही संजय शुक्ला जैसों के लिये ही कहा गया होगा। मसला फिर मोहब्बत का हो या राजनीति का। मप्र भाजपा के प्रमुख नेता जानते हैं कि विधानसभा चुनाव(नवंबर 2023) से पहले अक्टूबर में इंदौर क्षेत्र क्रमांक 1 के तत्कालीन कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला को भाजपा में आकर उसी क्षेत्र से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया था,जिसे उन्होंने नकार दिया था। वह भी इसलिये कि वे महज विधायकी को तो जेब में मान रहे थे। बताते हैं तब उन्होंने भाजपा की सरकार आने पर मंत्री पद की आश्वस्ति चाही थी, जो न मिलने पर कांग्रेस में ही रुक गये थे। भरोसा तो यह था कि कांग्रेस सरकार बस आ ही रही है और वे मंत्री तो बना ही दिये जायेंगे। खैर,ये तो वक्त-वक्त की बात है। अब, जब भाजपा में आये हैं तो न विधायकी है, न मंत्री पद। माया मिली न राम।फिर भी बोलो जय श्री राम। संतोष है तो इस बात का कि वे न सही, परिवार से दूसरा भाई गोलू शुक्ला भाजपा से ही लॉटरी के तौर पर विधायकी पा चुके हैं।इस तरह साढ़े चार साल इस तसल्ली के साथ बिताने हैं।

IMG 20240309 WA0025

अब इस पर बात करते हैं कि तब संजय भाजपा में आ जाते तो क्या होता? सबसे पहली बात तो यह कि भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय को विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना पड़ता या इंदौर-1 से तो कतई नहीं लड़ते। संभव है, तब कहीं और से पार्टी उन्हें आजमाती या यह भी संभव था कि इस समय वे इंदौर से लोकसभा के प्रत्याशी होते। कुछ भी हो सकता था। इससे इंदौर-3 से उनके बेटे आकाश का टिकट नहीं कटता। तीसरा,क्षेत्र क्रमांक-3 से तब गोलू शुक्ला को टिकट नहीं मिलता। अब संजय की राह आसान नहीं है। 2028 के विधानसभा चुनाव में यदि संजय को टिकट देना है तो गोलू का काटना पड़ेगा। यह इक्कीसवीं सदी की भाजपा है, जो एक ही शहर से दो भाई या पिता-पुत्र को टिकट नहीं देती। अगली बार महापौर भी पुरुष सामान्य नहीं रहेगा। इंदौर विकास प्राधिकरण में भी इतनी जल्दी तो नंबर लगने से रहा।याने उन्हें भाजपा कार्यकर्ता बनकर गली-मोहल्ले नापने होंगे। दुविधापूर्ण स्थिति तो उनके अपने क्षेत्र में ही होना है, जहां कल तक वे कैलाशजी को कोसते घूम रहे थे, आज कैसे उनकी शान में कसीदे पढ़ेंगे? राजनीति में यूं यह कोई इतनी बड़ी बात भी नहीं,बस आपमें वो हूनर होना चाहिये।

भाजपा सरकार और संगठन में अब बदलाव यानि भटकाव...

यह भी एक दिलचस्प संयोग है कि भाजपा में कैलाश विजयवर्गीय की राजनीति संजय के पिता विष्णुप्रसाद शुक्ला के उत्तराधिकारी के तौर पर ही हुई थी,जो बड़े भैया के नाम से पहचाने जाते थे। उनकी जड़ें संघ,जनसंघ में थी। वे क्षेत्र क्रमांक-2 से चुनाव लड़े, लेकिन कभी विजयी नहीं हो पाये। उनकी वरिष्ठता की वजह से ही कैलाशजी को विधानसभा का पहला चुनाव 1989 में क्षेत्र क्रमांक-4 से लड़ना पड़ा था और विजयी भी हुए थे। दूसरे चुनाव (1993) में इंटक और कांग्रेस प्रभावित क्षेत्र क्रमांक-2 से उन्हें टिकट दिया और नतीजतन आज तक यह क्षेत्र भाजपा का गढ़ है।पिछला चुनाव उन्होंने संजय शुक्ला को उनके गृह क्षेत्र क्रमांक-1 में जाकर हराया।

IMG 20240309 WA0024

बचे देपालपुर के पूर्व कांग्रेस विधायक विशाल पटेल तो वे इतने महत्वाकांक्षी नहीं । फिर भी 2028 की जमीन तैयार करने में कसर तो नहीं छोड़ेंगे। वहां से मनोज पटेल लगातार दो चुनाव हारने के बाद कमतर तो हो गये हैं, लेकिन मैदान नहीं छोड़ने वाले। संभव है, विशाल के आने के बाद दुगने जोश से मैदान पकड़ लें।वैसे अभी काफी वक्त दोनों के लिये है।

कुल मिलाकर इंदौर में भाजपा की राजनीति में काफी पेंच पड़ गये हैं। यहां तमाम पदों के लिये वैसे ही होड़ मची रहती है,ऐसे में संजय-विशाल का आगमन खलबली तो मचायेगा। संजय शुक्ला भी अति महत्वाकांक्षी नेता नहीं माने जाते और अपने नेता के अनुसरण में विश्वास रखते हैं। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पचौरी के प्रति उनकी निष्ठा दशकों पुरानी है। भाजपा में भी उनके पीछे-पीछे ही आये हैं। पचौरी ढलती राजनीति के वाहक हैं। उनके साथ भाजपा की सौदेबाजी जैसा भी कुछ नहीं रहा होगा। तब संजय-विशाल के हिस्से में कुछ बड़ा आने का तो अभी सोचना भी नहीं चाहिये। जब, जो मिलेगा,उसे प्रसाद समझ कर ग्रहण करना होगा। धार के पूर्व सांसद गजेंद्र राजूखेड़ी के हिस्से में कुछ आ सकता है। उनके आने से धार जिले की राजनीति में रंजना बघेल घराने(पति मुकाम सिंह कराड़े,भतीजा जयदीप पटेल) का एकाधिकार जरूर प्रभावित हो सकता है।

Author profile
thumb 31991 200 200 0 0 crop
रमण रावल

 

संपादक - वीकेंड पोस्ट

स्थानीय संपादक - पीपुल्स समाचार,इंदौर                               

संपादक - चौथासंसार, इंदौर

प्रधान संपादक - भास्कर टीवी(बीटीवी), इंदौर

शहर संपादक - नईदुनिया, इंदौर

समाचार संपादक - दैनिक भास्कर, इंदौर

कार्यकारी संपादक  - चौथा संसार, इंदौर

उप संपादक - नवभारत, इंदौर

साहित्य संपादक - चौथासंसार, इंदौर                                                             

समाचार संपादक - प्रभातकिरण, इंदौर      

                                                 

1979 से 1981 तक साप्ताहिक अखबार युग प्रभात,स्पूतनिक और दैनिक अखबार इंदौर समाचार में उप संपादक और नगर प्रतिनिधि के दायित्व का निर्वाह किया ।

शिक्षा - वाणिज्य स्नातक (1976), विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन

उल्लेखनीय-

० 1990 में  दैनिक नवभारत के लिये इंदौर के 50 से अधिक उद्योगपतियों , कारोबारियों से साक्षात्कार लेकर उनके उत्थान की दास्तान का प्रकाशन । इंदौर के इतिहास में पहली बार कॉर्पोरेट प्रोफाइल दिया गया।

० अनेक विख्यात हस्तियों का साक्षात्कार-बाबा आमटे,अटल बिहारी वाजपेयी,चंद्रशेखर,चौधरी चरणसिंह,संत लोंगोवाल,हरिवंश राय बच्चन,गुलाम अली,श्रीराम लागू,सदाशिवराव अमरापुरकर,सुनील दत्त,जगदगुरु शंकाराचार्य,दिग्विजयसिंह,कैलाश जोशी,वीरेंद्र कुमार सखलेचा,सुब्रमण्यम स्वामी, लोकमान्य टिळक के प्रपोत्र दीपक टिळक।

० 1984 के आम चुनाव का कवरेज करने उ.प्र. का दौरा,जहां अमेठी,रायबरेली,इलाहाबाद के राजनीतिक समीकरण का जायजा लिया।

० अमिताभ बच्चन से साक्षात्कार, 1985।

० 2011 से नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने की संभावना वाले अनेक लेखों का विभिन्न अखबारों में प्रकाशन, जिसके संकलन की किताब मोदी युग का विमोचन जुलाई 2014 में किया गया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को भी किताब भेंट की गयी। 2019 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के एक माह के भीतर किताब युग-युग मोदी का प्रकाशन 23 जून 2019 को।

सम्मान- मध्यप्रदेश शासन के जनसंपर्क विभाग द्वारा स्थापित राहुल बारपुते आंचलिक पत्रकारिता सम्मान-2016 से सम्मानित।

विशेष-  भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा 18 से 20 अगस्त तक मॉरीशस में आयोजित 11वें विश्व हिंदी सम्मेलन में सरकारी प्रतिनिधिमंडल में बतौर सदस्य शरीक।

मनोनयन- म.प्र. शासन के जनसंपर्क विभाग की राज्य स्तरीय पत्रकार अधिमान्यता समिति के दो बार सदस्य मनोनीत।

किताबें-इंदौर के सितारे(2014),इंदौर के सितारे भाग-2(2015),इंदौर के सितारे भाग 3(2018), मोदी युग(2014), अंगदान(2016) , युग-युग मोदी(2019) सहित 8 किताबें प्रकाशित ।

भाषा-हिंदी,मराठी,गुजराती,सामान्य अंग्रेजी।

रुचि-मानवीय,सामाजिक,राजनीतिक मुद्दों पर लेखन,साक्षात्कार ।

संप्रति- 2014 से बतौर स्वतंत्र पत्रकार भास्कर, नईदुनिया,प्रभातकिरण,अग्निबाण, चौथा संसार,दबंग दुनिया,पीपुल्स समाचार,आचरण , लोकमत समाचार , राज एक्सप्रेस, वेबदुनिया , मीडियावाला डॉट इन  आदि में लेखन।