Country’s Super Thief : ऐसा चोर जिसने करीब एक हजार कार चुराई और जज बनकर खुद ही फैसला किया!

अभी तक किसी चोर ने खुद अपना फैसला नहीं किया, जो धनीराम ने किया!

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Country’s Super Thief : ऐसा चोर जिसने करीब एक हजार कार चुराई और जज बनकर खुद ही फैसला किया!

New Delhi : नटवरलाल और चार्ल्स शोभराज को भारत के लोग शातिर ठग और चोर के रूप में जानते हैं। दोनों ने लोगों की आंख में धूल झोंककर कई लोगों को चूना लगाया। लेकिन, इनसे अलग धनीराम मित्तल वह चोर है जिसने देश की कानून व्यवस्था और पुलिस की नाक ने दम कर रखा था। वह आज भी पहेली की तरह है। यह देश के सुपर चोर धनीराम मित्तल की सच्ची कहानी है। धनीराम ने वो काम किया जो चोरी के इतिहास में शायद ही किसी और चोर ने कभी किया होगा।

हरियाणा के भिवानी शहर का रहने वाले धनीराम मित्तल का नाम दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान की पुलिस बखूबी जानती है। उसने अपना एक ठिकाना दिल्ली के टीकरी गांव में भी बना रखा था। हरियाणा के इस शातिर चोर ने अकेले ही एक हजार से ज्यादा वाहनों की चोरी की। चोरी के 94 मामलों में वह गिरफ्तार भी हुआ और जेल भी गया। इसके बाद भी वह लंबे समय तक चोरी और धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम देता रहा।

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यह शातिर चोर सुर्खियों में तब आया, जब उसने जज बनकर अपने ही केस में फैसला सुना दिया। साथ ही 40 दिनों के अंदर हजारों कैदियों को जमानत भी दे दी। इस वजह से धनीराम मित्तल को देश और दुनिया का सबसे बड़ा चोर माना जाता है। अभी तक किसी चोर ने खुद अपना फैसला नहीं किया जो धनीराम ने किया।

कैसे बना चोर धनीराम

बताते हैं कि धनीराम भी आम युवक की तरह था। उसने अच्छी पढ़ाई करने और सरकारी नौकरी के लिए काफी कोशिश की। जब वह अच्छी नौकरी पाने में असफल रहा, तो बेहतर जिंदगी की तलाश में उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा। सबसे पहले उसने फर्जी कागजातों की मदद से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाए। इसके बाद फर्जीवाड़े के आधार पर धनीराम ने रेलवे में स्टेशन मास्टर की नौकरी हासिल कर ली।

पढ़ा-लिखा और शातिर चोर

जानकारी के अनुसार, धनीराम ने एलएलबी की पढ़ाई की थी। इसके अलावा उसने हैंडराइटिंग विशेषज्ञ और ग्राफोलॉजी की डिग्री भी हासिल की। इन डिग्रियों का इस्तेमाल करके वह गाड़ी चुराता और उनके फर्जी कागजात तैयार करके उन्हें बेच देता। धनीराम मित्तल भारत में कारों की चोरी करने वाला सबसे बड़ा चोर माना जाता है। उसने 1000 से ज्यादा कार चोरी करके बेची। खास बात यह है कि धनीराम मित्तल सारी चोरियां दिन में ही करता था।

किसी को नहीं पता कि धनीराम इस समय कहां है। लेकिन, रिकॉर्ड के अनुसार इस समय धनीराम मित्तल की उम्र 81 वर्ष के आसपास हैं।

जब चोर बैठ गया जज की कुर्सी पर

धनीराम केवल कार चुराने तक सीमित नहीं रहा। उसने फर्जी कागजात तैयार किए और जज बन गया। उसने फर्जी कागजात तैयार करके हरियाणा के झज्जर कोर्ट के एडिशनल सेशन जज को करीब दो महीने की छुट्टी पर भेज दिया और खुद जज की कुर्सी पर बैठ गया। इन दो महीनों में उसने 2000 से ज्यादा अपराधियों को जमानत पर रिहा कर दिया था। इसके साथ ही कई लोगों को उसने अपने फैसले से जेल भी भिजवाया। हालांकि, बाद में मामले का खुलासा हुआ, लेकिन तब तक धनीराम वहां से फरार हो चुका था। इसके बाद जिन अपराधियों को उसने जमानत पर रिहा किया था, उन्हें फिर से जेल में डाला गया।

कैसे आंख में धूल झोंककर भागा

धनीराम मित्तल का एक किस्सा यह भी है कि कई साल पहले उसे गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया था। उस समय जो जज थे, वो कई बार उसे अपनी अदालत में देख चुके थे। इसलिए खीझकर उन्होंने कहा कि तुम मेरी अदालत से बाहर जाओ, बार-बार क्यों आ जाते हो। इसके बाद वो जाने के लिए उठ गया। उसके साथ आए दो पुलिसकर्मी भी उठकर उसके साथ बाहर चले गए। इसके बाद वो वहीं से गायब हो गया। जब अदालत में फिर उसका नाम पुकारा गया, तो पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। क्योंकि, वो तो भाग चुका था। कहा जाता है कि उसने पुलिसकर्मियों से कहा था कि जज साहब ने तो उसे जाने के लिए कहा ही था, इसलिए मुझे जाने दो।