जर्जर सड़कें,बांध जलाशयों की मरम्मत के लिए खुला खजाना, वित्त ने बढ़ाई लोनिवि, जल संसाधन की खर्च सीमा

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भोपाल:प्रदेश में अतिवर्षा और बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुई सड़के, पुल-पुलियों और जलाशय, बांध, नहरों की मरम्मत जल्द करवाने के लिए वित्त विभाग ने लोक निर्माण विभाग और जलसंसाधन विभाग के लिए मासिक खर्च सीमा और बढ़ा दी है।

वित्त विभाग ने लोक निर्माण विभाग के लिए तीसरी तिमाही में विशेष मासिक पूंजीगत व्यय सीमा बढ़ाकर 509 करोड़ रुपए कर दी है। इसी तरह जलसंसाधन विभाग की विशेष मासिक व्यय सीमा बढ़ाकर 456 करोड़ रुपए कर दी है। प्रदेश के एक दर्जन से अधिक जिलों में अतिवृष्टि और बाढ़ से काफी नुकसान हुआ है। सड़कों, घरों, पुल-पुलिया और जलाशय, नहर, बाधों को काफी अधिक क्षति पहुंची है। ऐसे मकान जिनकी मरम्मत करना संभव नहीं है उन्हें सरकार ने अलग से भवन स्वामियों को छह हजार रुपए की अतिरिक्त मदद की है। इसके अलावा उन्हें नुकसान का मुआवजा भी दिया जा रहा है।

वहीं प्रदेश के राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग और अन्य निकायों की सड़कों,सीएम ग्रामीण सड़कों की हालत काफी खराब हो गई है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर जैसे बड़े महानगरों में ही सड़कों की मरम्मत के लिए करोड़ों रुपए की जरुरत है। जो बजट पहले मिला था वह खर्च हो चुका है। ठेकेदारों के पुराने भुगतान हीं नहीं हो पाए है। ऐसे में वित्त विभाग ने जो खर्च सीमा तय की थी वह राशि खर्च हो चुकी है और काम करवाने के लिए अतिरिक्त राशि की जरुरत है। लोक निर्माण विभाग और जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रमुख सचिवों ने मार्च, जुलाई और सितंबर में वित्त विभाग को पत्र लिखकर अतिरिक्त राशि की मांग जर्जर सड़कों, पुल-पुलियाओं और बांध, जलाशयों की मरम्मत के लिए मांगी थी। वित्त विभाग ने दोनो विभागों के बार-बार आ रहे पत्रों पर विचार करने के बाद निर्णय लिया है कि तृतीय त्रैमास में लोक निर्माण और जलसंसाधन विभागों की विशेष मासिक खर्च सीमा बढ़ा दी जाए।