मां से जल्दी अलग होने की वजह से बाघिन नहीं सीख पाई शिकार के गुण, जंगल छोड़ रिहायशी क्षेत्र में डेरा जमा रही बाघिन

311

मां से जल्दी अलग होने की वजह से बाघिन नहीं सीख पाई शिकार के गुण, जंगल छोड़ रिहायशी क्षेत्र में डेरा जमा रही बाघिन

जंगल की बाघिन को भा रहे किसानों के खेत, बाघिन के जीवन के खतरे को देख PTR की टीम ने किया घंटों रेस्क्यू

पन्ना: पन्ना टाइगर रिजर्व जो देश दुनिया में बाघों की बढ़ती हुई संख्या के लिए विख्यात है। यहां लगातार बाघों की संख्या में इजाफा हो रहा है, यही कारण है कि यहां बाघों का दीदार करने के लिए दूर दराज से प्रतिदिन सैंकड़ों की संख्या में पर्यटक पन्ना आ रहे हैं।

आलम ये है कि अब लोगो को राह चलते बाघों की अठखेलियाँ देखने को मिल रही हैं। बता दें कि पन्ना टाइगर रिजर्व के हर बाघ-बाघिन की अपनी ही एक कहानी है, लेकिन आज हम जिस बाघिन की बात कर रहे हैं, वह किसी फिल्मी दुनिया से कम नहीं है, और मां से जल्दी अलग हो जाने की वजह से एक बाघिन शिकार के गुण नहीं सीख पाई, जिसके चलते अब वह रिहायशी इलाकों में गाय व भैंसों के शिकार पर निर्भर है। यही कारण है कि बाघिन का जंगल से मोह भंग हो गया है, और वह बार-बार रिहायशी क्षेत्र में जा रही है, जिसको लेकर गांव के लोग तो दहशत में है, कि पन्ना टाइगर रिजर्व की टीम भी सारे काम छोड़कर इस बाघिन की निगरानी कर रही है।

PTR की टीम सुबह से ही बाघिन का रेस्क्यू कर हांका लगाने में जुट जाती है। बता दें कि पन्ना टाइगर रिजर्व की बाघिन पी-234(23) की एक बाघिन जन्म के बाद जल्दी ही अपनी मां से अलग हो गई, जिस कारण वह पूरी तरह अपनी मां से शिकार करने और जंगल में रहने के नियम नहीं सीख पाई, और जंगल को छोड़ पीटीआर से लगे क्षेत्र ग्राम बराछ एवं डोभा में किसानों के खेतों में रहकर उनके जानवरों का शिकार कर अपनी भूख भूख मिटा रही है।

हालांकि जानकारी लगने के बाद कई बार पीटीआर की टीम इस बाघिन का रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ चुकी है, लेकिन बार-बार यह बाघिन शिकार की तलाश में उक्त ग्राम में आकर अपना डेरा जमा रही है…

देखिए वीडियो: क्या कह रही हैं, अंजना सुचिता तिर्की (फील्ड डायरेक्टर PTR)-

फील्ड डायरेक्टर ने बताया कि बाघिन के बार बार जंगल छोड़कर रिहायशी क्षेत्र में आने से न केवल किसानों और उनके जानवरों को ही नहीं बल्कि खुद बाघिन को भी खतरा है। जिसके चलते उच्च अधिकारियों को भी इसकी जानकारी दी गई है, कि यह बाघिन बार-बार रिहायसी क्षेत्रों में जा रही है, जिस वजह से इसका निर्णय लिया जाना चाहिए कि यह बाघिन जंगलों में रहने योग्य है या नहीं….? या इसे कहीं और शिफ्ट किया जाना चाहिए…

बता दें कि पीटीआर की टीम ने आज सुबह बाघिन का रेस्क्यू किया और हाथियों की मदद से बाघिन को पुनः जंगल की ओर खदेड़ दिया। अब प्रबंधन उक्त बाघिन को लेकर उच्च अधिकारियों के आदेश का इंतजार कर रहा है, कि जल्द से जल्द निर्णय लेकर बाघिन को कहीं और शिफ्ट किया जा सके।