Easy to Reach Omkareshwar : ढाई घंटे नहीं, सिर्फ पौन घंटे में पहुंचेंगे इंदौर से ओंकारेश्वर!

इंदौर-एदलाबाद हाईवे के पूरा होने से जनवरी के बाद सफर आसान होगा! 

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Easy to Reach Omkareshwar : ढाई घंटे नहीं, सिर्फ पौन घंटे में पहुंचेंगे इंदौर से ओंकारेश्वर!

Indore : यह अचरज करने वाली बात नहीं, बल्कि सच है कि इंदौर से ओंकारेश्वर का सफर पौन से एक घंटे में पूरा हो सकेगा। जबकि, खंडवा दो घंटे में पहुंचा सकेगा। जनवरी 2025 तक यह काम पूरा हो जाएगा और इससे दुर्घटनाएं कम होंगी। इंदौर से मात्र पौन घंटे में ओंकारेश्वर पहुंच सकेंगे, जबकि अभी ढाई घंटे लगते हैं। इंदौर- खंडवा रोड के तेजाजी नगर से बलवाड़ा के हिस्से का काम 69% पूरा हो चुका है। 3 सुरंगों और 11 से ज्यादा ब्रिज की मदद से लम्बा रास्ता छोटा हो गया।

यह संभव हुआ नए इंदौर-एदलाबाद हाईवे के पूरा हो जाने से। इसके बन जाने से ओंकारेश्वर, महाराष्ट्र और राजस्थान अलावा दक्षिण राज्यों से भी भी इंदौर का सीधा संपर्क हो जाएगा। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (एनएचएआई) ने घाट सेक्शन खत्म करने के लिए यहां पहाड़ों को चीरकर सुरंगें बनाई हैं। इससे न केवल सफर सुखद होगा, हादसे भी नहीं होंगे और रास्ता जल्दी ख़त्म होगा। कहा जा रहा है कि जनवरी 2025 तक काम पूरा हो जाएगा और रास्ता खोल दिया जाएगा।

इंदौर-एदलाबाद हाईवे पर खंडवा रोड के पहाड़ों को काटकर कई सुरंगें बनाई जा रहीं हैं। तेजाजी नगर से बलवाडा घाट सेक्शन तक का काम जारी है। भंवरकुआं से बायग्राम तक रोड के काम को तेजी से अंतिम रूप दिया जा रहा है। यहां शनि मंदिर के पीछे पहाड़ काटकर सुरंग बनाई जा रही है। सिमरोल में आईआईटी के पास भी सुरंग बन रही है।

बायग्राम घाट सेक्शन के पहाड़ में सुरंग की गोलाई में तय दूरी पर 45 एमएम के कई छेद किए गए। इसमें टेमरॉक मशीन का उपयोग किया गया। बारिश में भी काम बंद नहीं किया गया। सुरंग में बरसात का पानी भरने पर पंप से उसे बाहर निकालकर फिर काम शुरू कर दिया जाता था।

एनएचएआई के अधिकारियों के अनुसार चोरल और भेरूघाट पर दोनों टनल और फ्लाईओवर बनने के बाद हादसों पर रोक लगेगी। सड़क निर्माण में एक भी ब्लैक स्पॉट नहीं होगा। रोड निर्माण का काम तेजी से किया जा रहा है। जनवरी 2025 तक काम पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।

सबसे आसान होगा इंदौर से ओंकारेश्वर। आना-जाना भी आसान हो जाएगा। अभी इंदौर-खंडवा दो लेन पर यातायात हमेशा ही जाम रहता है। अभी महाकाल लोक के कारण बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा हुआ और उज्जैन के साथ-साथ ओंकारेश्वर और ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग दर्शन के लिए बड़ी संख्या में सडक़ मार्ग से सफर करते हैं।