Film Review: मिस्टर एंड मिसेज़ माही,सिर्फ एक माही काफी है !

एक है मर्द माही, नाम है महेंद्र अग्रवाल। एक है लुगाई माही, नाम है महिमा अग्रवाल।

Film Review: मिस्टर एंड मिसेज़ माही,सिर्फ एक माही काफी है !

मर्द माही क्रिकेटर बनना चाहता है, खूब पापड़ बेलता है। बेचारा बन नहीं पाता। उसका बापू कहता है – बेटा दुकान संभाल। स्पोर्ट्स गुड्स की घर की दुकान है। बेचारे को मज़बूरी में दुकान पर बैठना पड़ता। है

लुगाई माही बचपन में बच्चों के साथ गली क्रिकेट खेलती है। उसका बापू उसे कहता है – बेटी, इसमें कुछ नहीं धरा, पढ़-लिख ले, डॉक्टर बन जा। वह बेचारी भी क्रिकेट और गली छोड़कर पढ़ाई करने लगी और डॉक्टरनी बन गई।

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शादी-ब्याव की बात होती है। दोनों के छत्तीस गुण मिल जाते हैं। यहाँ तक कि नाम भी महेंद्र यानी माही और महिमा यानी माही। फिर वही होता है जो धर्मा प्रोडक्शंस ने ट्रेलर में बताया है।

अब जो लड़की ब्याह कर आती है वह वह आधी सुहागरात को बिस्तर से गायब! मर्द माही घर में ढूंढता है तो पता चलता है कि लुगाई माही टीवी पर क्रिकेट का मैच देख रही है। मर्द माही पूछता है – तुम्हें भी क्रिकेट का शौक है? लुगाई माही बोलती है -हां, मैं क्रिकेट का शौक रखती हूं लेकिन पिता के अरमानों के कारण मैं डॉक्टरनी बन गई।

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मर्द माही की तमन्ना थी कि वह क्रिकेट का बड़ा स्टार बने। धोनी टाइप। लेकिन बन नहीं पाता। उसके मन में तड़प रह जाती है। एक दिन मर्द माही का कोच कहता है कि तुम भले ही सिलेक्ट नहीं हो पाए हो, लेकिन कोच बन सकते हो। मर्द माही पहले तो प्रस्ताव ठुकरा देता है, लेकिन जब कोच के जलवे देखता है तो बात मान लेता है। अब सवाल यह कि उस जैसे व्यक्ति से क्रिकेट की कोचिंग लेगा कौन? फिर मर्द माही अपनी लुगाई माही के लिए क्रिकेट का कोच बन जाता है। जैसे अनेक लोगों का सिलेक्शन यूपीएससी में नहीं होता है तो वे यूपीएससी छात्रों के लिए मुखर्जी नगर या कोटा में कोचिंग क्लास खोल लेते हैं।

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मर्द माही कोचिंग करने लगता है और उसकी बावली डॉक्टरनी बीवी डॉक्टर का एक काम छोड़कर क्रिकेट सीखने लग जाती है। उसने जिंदगी में कभी क्रिकेट खेला, नहीं सिवाय गली क्रिकेट के। वो भी टेनिस बॉल से। लेकिन हीरो तो हीरो है। 15 साल पहले गली क्रिकेट खेलने वाली लड़की को वह 6 महीने में स्टेट टीम में जाने लायक बना देता है। लुगाई माही के जलवे होने लगते हैं और मर्द माही जल भुनता है। और फिर शुरू हो जाती है पचास साल पहले आई अमिताभ -जया की अभिमान जैसी स्टोरी ! मर्द माही जलकुकड़ा हो जाता है और अपनी लुगाई को भला बुरा कहता है, कुंठा में आ जाता है। ऐसे में उसकी मां बनी जरीना वहाब उसे ज्ञान देती है और गाड़ी वापस पटरी पर! मर्द माही की मेहनत से लुगाई माही राष्ट्रीय महिला क्रिकेट टीम में चुन ली जाती है। दोनों माहियों का मेल होता है और खेल ख़तम, पैसा हजम!

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इस फिल्म की पूरी कहानी इसके ट्रेलर में है। इसलिए अगर आप ट्रेलर देख चुके हो तो इस फिल्म की कहानी आपको अपने आप ही पता चल जाती है। जयपुर की कहानी है। अग्रवाल परिवार की कहानी है। शुद्ध शाकाहारी परिवार है। यह फिल्म भी शाकाहारी है। इसमें कोई हिंसा, मारधाड़, गाली-गलौज, बेडरूम सीन आदि नहीं है। शुद्ध पारिवारिक मारवाड़ी कहानी।

मिस्टर एंड मिसेज माही फिल्म का न तो महेन्द्र सिंह धोनी से कोई नाता है, न धोनी की पत्नी से! यह फिल्म क्रिकेट के बैकड्राप पर जरूर बनी है, लेकिन क्रिकेट इसका आधार नहीं है।

फिल्म में कुछ भी नया नहीं है। पुरानी कहानी है। जाह्नवी कपूर, राजकुमार राव, कुमुद मिश्रा , राजेश शर्मा, पुर्णेंदु भट्टाचार्य और जरीना वहाब ने अच्छा काम किया है। आप देखना चाहे तो देख सकते हैं।

 

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डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी

डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी जाने-माने पत्रकार और ब्लॉगर हैं। वे हिन्दी में सोशल मीडिया के पहले और महत्वपूर्ण विश्लेषक हैं। जब लोग सोशल मीडिया से परिचित भी नहीं थे, तब से वे इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। पत्रकार के रूप में वे 30 से अधिक वर्ष तक नईदुनिया, धर्मयुग, नवभारत टाइम्स, दैनिक भास्कर आदि पत्र-पत्रिकाओं में कार्य कर चुके हैं। इसके अलावा वे हिन्दी के पहले वेब पोर्टल के संस्थापक संपादक भी हैं। टीवी चैनल पर भी उन्हें कार्य का अनुभव हैं। कह सकते है कि वे एक ऐसे पत्रकार है, जिन्हें प्रिंट, टेलीविजन और वेब मीडिया में कार्य करने का अनुभव हैं। हिन्दी को इंटरनेट पर स्थापित करने में उनकी प्रमुख भूमिका रही हैं। वे जाने-माने ब्लॉगर भी हैं और एबीपी न्यूज चैनल द्वारा उन्हें देश के टॉप-10 ब्लॉगर्स में शामिल कर सम्मानित किया जा चुका हैं। इसके अलावा वे एक ब्लॉगर के रूप में देश के अलावा भूटान और श्रीलंका में भी सम्मानित हो चुके हैं। अमेरिका के रटगर्स विश्वविद्यालय में उन्होंने हिन्दी इंटरनेट पत्रकारिता पर अपना शोध पत्र भी पढ़ा था। हिन्दी इंटरनेट पत्रकारिता पर पीएच-डी करने वाले वे पहले शोधार्थी हैं। अपनी निजी वेबसाइट्स शुरू करने वाले भी वे भारत के पहले पत्रकार हैं, जिनकी वेबसाइट 1999 में शुरू हो चुकी थी। पहले यह वेबसाइट अंग्रेजी में थी और अब हिन्दी में है।

डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी ने नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर एक किताब भी लिखी, जो केवल चार दिन में लिखी गई और दो दिन में मुद्रित हुई। इस किताब का विमोचन श्री नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के एक दिन पहले 25 मई 2014 को इंदौर प्रेस क्लब में हुआ था। इसके अलावा उन्होंने सोशल मीडिया पर ही डॉ. अमित नागपाल के साथ मिलकर अंग्रेजी में एक किताब पर्सनल ब्रांडिंग, स्टोरी टेलिंग एंड बियांड भी लिखी है, जो केवल छह माह में ही अमेजॉन द्वारा बेस्ट सेलर घोषित की जा चुकी है। अब इस किताब का दूसरा संस्करण भी आ चुका है।