Food Scam in Tribal Hostel : आदिवासी हॉस्टल में मेस चल रही, फिर भी 40 क्विंटल गेहूं, 4 क्विंटल कंट्रोल लिया जा रहा!

कैसे एक फोन ने लंबे समय से चल रहे घोटाले का पर्दाफाश किया!

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Food Scam in Tribal Hostel : आदिवासी हॉस्टल में मेस चल रही, फिर भी 40 क्विंटल गेहूं, 4 क्विंटल कंट्रोल लिया जा रहा!

Burhanpur : कभी-कभी ऐसा कुछ हो जाता है कि बिना शिकायत या जांच के अपने आप ही कोई घोटाला सामने आ जाता है। कुछ ऐसा ही बुरहानपुर में हुआ। यहां प्रभारी प्राचार्य को आए एक फोन ने आदिवासी बच्चो के हॉस्टल में मध्यान्ह भोजन योजना में लंबे समय से चल रहे लाखों के घोटाले को सामने ला दिया। अब जनजातीय विभाग इस घोटाले की परतें उघाड़ने में लगा है। मामला सामने आने के बाद कलेक्टर ने नोटिस जारी किया। जांच के बाद इस घोटाले की असलियत सामने आएगी।

मामला मध्याह्न भोजन के घोटाले से जुड़ा है। सातपायरी स्थित एकलव्य आदिवासी हॉस्टल लंबे समय से घपलों और घोटालों की वजह से विवादों में है। यहां के तत्कालीन प्राचार्य उदयसिंह जाटव को कुछ महीने पहले निलंबित किया गया था। फिलहाल सुदर्शन सेठी प्रभारी प्राचार्य के रूप में जिम्मेदारी संभाले हैं। उन्हें एक दिन कंट्रोल दुकान से फोन कॉल आया कि आपके हॉस्टल के मध्याह्न भोजन के लिए राशन आ गया है, उसे उठवा लें। इस पर प्रभारी को शक हुआ कि हॉस्टल में तो पहले से ही मेस चलती है। फिर यह राशन क्यों दिया जा रहा है।

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उन्होंने कंट्रोल दुकान संचालक से लिखित में देने को कहा, लेकिन उसने नहीं दिया। तब प्राचार्य ने जनजातीय विभाग की सहायक आयुक्त को घटना और स्थिति की जानकारी दी। तब पता चला सालों से यहां राशन के नाम पर गड़बड़ी चल रही है। यह राशन बच्चों तक नहीं पहुंचता। क्योंकि, विभाग के स्तर पर यहां जैम पोर्टल के माध्यम से मेस चल रही है। इसके बाद मामला कलेक्टर भव्या मित्तल के संज्ञान में लाया गया और अब जांच के आदेश दिए गए।

मेस भी चल रही और कंट्रोल से राशन भी लिया जा रहा
इस हॉस्टल में 436 आदिवासी बच्चे रह रहे हैं। उनके लिए हर महीने कंट्रोल दुकान से 40 क्विंटल गेहूं और 4 क्विंटल चावल का आवंटन लिया जा रहा था। इसे लेकर अब कलेक्टर भव्या मित्तल ने तत्कालीन प्राचार्य उदयसिंह जाटव और छात्रावास अधीक्षिका ममता बंजारे को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। बताया गया कि सांठगांठ कर राशन दुकान से हर माह राशन लिया गया। यह मामला लाखों में पहुंच रहा है। अधीक्षिका वर्तमान में ट्रेनिंग पर है, लेकिन इसके बाद भी कंट्रोल से राशन उठाए जाने की बात सामने आई। अब जांच के बाद सारी परतें खुलेगी। राशन के लिए फोन आया तो विभाग को अवगत कराया

आए फोन की जानकारी अधिकारियों को दी
सुदर्शन सेठी ने कहा कि मुझे राशन ले जाने के लिए कंट्रोल से फोन आया, तब मैंने अपने विभाग को स्थिति से अवगत कराया। हमारे यहां पहले से ही जैम पोर्टल से मेस संचालित है, उसी से बच्चों को भोजन का वितरण होता है। फिर ये राशन क्यों! मौखिक रूप से शिकायत कर दी गई थी। अब इस मामले में वरिष्ठ अफसर निर्णय लेंगे।

जैम पोर्टल के माध्यम से मेस का ठेका हुआ
सातपायरी के आदिवासी हॉस्टल में जैम पोर्टल के जरिए जुलाई 2023 में मेस का ठेका दिया गया है। यह ठेका गुजरात की सतनाम केटरिंग को दिया गया, जिसके माध्यम से 436 बच्चों को भोजन दिया जाता है। हर माह करीब 8 लाख रूपए शासन से सातपायरी छात्रावास को मिलते हैं इसमें करीब 5-6 लाख रूपए मध्याह्न भोजन की राशि होती है। जबकि, करीब 2 लाख रूपए कर्मचारियों का वेतन, मानदेय, अन्य खर्च के होते हैं। ऐसे में मध्यान्ह भोजन के नाम पर यहां धांधली हुई। जो राशन उठाया जा रहा था वह छात्रावास में पहुंचता ही नहीं था।