Gyanvapi Survey: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में सर्वे की अनुमति दी!

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Gyanvapi Survey: Gyanvapi Survey ने ज्ञानवापी परिसर में सर्वे की अनुमति दी!

ASI ने हलफनामा देकर कहा ‘वैज्ञानिक तरीके से जांच में कोई नुकसान नहीं!’

Allahabad : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे को लेकर गुरुवार को फैसला दे दिया। हाईकोर्ट ने सर्वे कराने की सेशन कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। सेशन कोर्ट ने परिसर में शिवलिंग और हिंदू धार्मिक चिन्ह होने की याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वे की इजाजत दी थी। इसके विरोध में मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सर्वे पर रोक लगाकर मामला हाईकोर्ट भेज दिया था। मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में दलील दी है कि अगर ASI सर्वे से मस्जिद परिसर को नुकसान पहुंचेगा। एएसआई ने हलफनामा देकर कहा कि वैज्ञानिक तरीके से जांच में कोई नुकसान नहीं होगा। इस मुद्दे पर सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता अजय मिश्र, केंद्र सरकार की ओर से एडिशनल सॉलीसीटर जनरल शशि प्रकाश सिंह और एएसआई के एडिशनल डायरेक्टर आलोक त्रिपाठी ने तर्क पेश किए.
ज्ञानवापी सर्वे पर के खिलाफ मस्जिद कमेटी की याचिका पर हाईकोर्ट ने फैसला दिया। कोर्ट ने परिसर को बिना नुकसान पहुंचाए वैज्ञानिक सर्वे की अनुमति दी है। पिछली सुनवाई में दोनों पक्षों की दलील पूरी होने के बाद चीफ जस्टिस की कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। वाराणसी जिला जज के 21 जुलाई के आदेश के खिलाफ मस्जिद कमेटी ने याचिका दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पर तत्काल रोक लगाते हुए मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट को सौंप दिया था।

सर्वे का आदेश सेशन कोर्ट दे दिया
वाराणसी सेशन कोर्ट में दो महिलाओं ने याचिका दाखिल कर दावा किया था कि मस्जिद परिसर के वुज़ू खाने वाले हिस्से में शिवलिंग है। याचिकाकर्ताओं ने इसके बाद कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिस पर सेशन कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया था। ASI को दिए सर्वे के आदेश में कहा गया था कि परिसर की मूल इमारत के साथ कोई छेड़छाड़ न की जाए। लेकिन जरूरत पर बिना इमारत को नुकसान पहुंचाए खुदाई की जा सकती है।

सुप्रीम कोर्ट से मुस्लिम पक्ष ने अपील की
इस आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सर्वे पर रोक लगाने की मांग की थी। मुस्लिम पक्ष ने अपने दावे में कहा था कि परिसर में अगर खुदाई की जाती है, तो इससे मस्जिद के मूल ढांचे को नुकसान पहुंचेगा। सर्वोच्च न्यायालय ने मामले को हाईकोर्ट के पास भेजकर तत्काल सर्वे पर रोक लगा दी थी।

राजनीति भी शुरू
ज्ञानवापी परिसर के सर्वे पर सियासी संग्राम शुरू हो गया। सपा के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि हिंदू मंदिर बौद्ध मठ को तोड़कर बनाए गए हैं। कुछ दिन पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुस्लिम पक्ष से इस संबंध में ऐतिहासिक गलती हुई। ज्ञानवापी की दीवारें चीख-चीखकर कह रही है कि वहां मंदिर है, त्रिशूल है, ज्योतिर्लिंग है। योगी पर पलटवार करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह बीजेपी का एक और चुनावी स्टंट है।

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