Heavy Rains: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली वर्षा और संसद नीट की चर्चा में डूबी

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Heavy Rains: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली वर्षा और संसद नीट की चर्चा में डूबी

गोपेन्द्र नाथ भट्ट की त्वरित टिप्पणी

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (एनसीआर) गुरुवार देर रात से शुक्रवार सवेरे तक हुई मूसलाधार वर्षा से तथा संसद के दोनों सदन राज्य सभा और लोकसभा शुक्रवार को नीट पर चर्चा की माँग में डूबे रहें। पूरे एनसीआर का वर्षा से ऐसा बेहाल हुआ कि इन्दिरा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (आईजीआई) के टर्मिनल एक की छत गिरने से एक व्यक्ति की मृत्यु हों गई और आईजीआई को विमानों के आवागमन के लिए बंद करना पड़ा। दक्षिणी दिल्ली के वीवीआईपी एरिया के कई बँगलों में भी पानी घुस गया और यें इलाके पानी से सराबोर नजर आए।भारी बारिश के चलते लोधी रोड पर स्थित समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव के सरकारी आवास में भी पानी भर गया, जिसके बाद संसद जाने के लिए स्टाफ के लोग उन्हें कँधे पर उठाकर कार तक ले गये।शुक्रवार को पूरी दिल्ली झील में तब्दील हो गई जिसकी वजह से रॉड पर यातायात जाम के साथ कई इलाक़ों में पानी बिजली और अन्य ज़रूरी सेवाएँ भी बाधित हुई।

 

इधर संसद के दोनों सदनों में शुक्रवार को नीट-यूजी परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने के मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा हुआ। संसद सत्र के पांचवें दिन शुक्रवार को नीट मुद्दे के चलते दोनों सदन बाधित रहें। लोकसभा में कार्यवाही हंगामे के चलते एक जुलाई तक स्थगित कर दी गई। हालांकि राज्यसभा में कार्यवाही रुक-रुककर चलती रही लेकिन बाद में राज्यसभा को भी 1 जुलाई तक स्थगित कर दिया गया। दरअसल, विपक्ष नीट पर चर्चा की मांग को लेकर स्थगन प्रस्ताव लाया था। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि नियमों के मुताबिक राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद के बीच स्थगन प्रस्ताव नहीं लाया जाता। राज्य सभा में भी 22 सांसदों के नोटिस को सभापति ने खारिज कर दिया।24 जून से शुरू हुआ संसद का यह सत्र 3 जुलाई तक चलेगा। राज्य सभा में पीएम मोदी 3 जुलाई को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे सकते हैं।

 

शुक्रवार को नीट-यूजी परीक्षा मुद्दे पर लोकसभा में चर्चा के दौरान प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी का माइक बंद हो गया।इसको लेकर उन्होंने गंभीर सवाल उठायें तथा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से कहा कि उनका माइक ऑन करवा दें। इस पर बिरला ने कहा कि ”माइक मैं बंद नहीं करता हूं, यहां कोई बटन नहीं होता.” राहुल ने पूछा कि सवाल यह है कि फिर लोकसभा में सांसदों के माइक ऑन-ऑफ कौन करता है? मेरे साथ बार बात ऐसा क्यों हो रहा हैं? कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, “अगर सरकार ने ईमानदारी से काम किया होता तो हवाई अड्डा नहीं गिरता, ट्रेन दुर्घटना भी नहीं होती और राम मंदिर की छत से पानी नहीं टपकता। इससे पता चलता है कि उनकी नीयत ठीक नहीं है और उनका केवल पैसे और घोटालों से संबंध है।”

 

उल्लेखनीय है कि संसद के दोनों सदनों में प्रत्येक संसद सदस्य की टेबल पर एक माइक होता है, जिससे वे अपनी बात संसदीय सत्रों के दौरान अध्यक्ष और अन्य सदस्यों तक पहुंचाते हैं।सदन में चर्चा में जो सदस्य अपनी बात रख रहा होता है, उसका माइक ऑन होता है।जैसे ही वह अपनी बात खत्म करता है उसका माइक ऑफ हो जाता है।लोकसभा और राज्यसभा में सांसदों के माइक ऑन या ऑफ करने के लिए अध्यक्ष या सभापति के पास कोई स्विच नहीं होता। यही बात लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राहुल गांधी से कही।सवाल यह है कि बहस के बीच किसी का माइक यदि बंद कराना हो तो क्या व्यवस्था है? इसके लिए लोकसभा अध्यक्ष सीधे तौर पर माइक बंद करने के लिए नहीं कहते। यह निर्देश संकेतों में दिए जाते हैं दोनों ओर बैठे साउंड इंजीनियरों के पास होते हैं।उनके पास हर सांसद का नंबर और माइक का कंट्रोल होता है। जैसे कि शून्यकाल में हर सांसद को बोलने के लिए तीन मिनिट का समय मिलता है।जैसे ही यह अवधि पूरी होती है, साउंड इंजीनियर उनका माइक बंद कर देते हैं। इसी तरह जब अध्यक्ष के आसन से निर्देश आता है तो साउंड इंजीनियर उसका पालन करते हैं।जैसे ही अध्यक्ष की ओर से कहा जाता है कि कोई बात रिकार्ड पर नहीं जाएगी तो माइक बंद कर दिया जाता है।किसी चर्चा के दौरान बीच में बोलने वाले सदस्य का माइक भी बंद कर दिया जाता है।

 

लोकसभा में राहुल गांधी का माइक ऑफ होने का मुद्दा कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर भी उठाया। कांग्रेस ने एक्स पर वीडियो शेयर किया। पार्टी ने लिखा, ”जहां एक ओर नरेंद्र मोदी नीट पर कुछ नहीं बोल रहे, उस वक्त विपक्ष के नेता राहुल गांधी जी युवाओं की आवाज़ सदन में उठा रहे हैं,लेकिन…ऐसे गंभीर मुद्दे पर माइक बंद करने जैसी ओछी हरकत करके युवाओं की आवाज को दबाने की साजिश की जा रही है..”

कांग्रेस ने राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे का माइक भी ऑफ कर दिए जाने की शिकायत की। पार्टी ने एक्स पर कहा-  ”देश में पेपर लीक से पीड़ित छात्रों की आवाज कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सदन में उठाई लेकिन उनका ‘माइक ऑफ’ कर दिया गया.”

उधर नीट मामले पर चर्चा की मांग के दौरान राज्यसभा में राज्य सभा में सुधांशु त्रिवेदी और सदन के नेता जेपी नड्‌डा के भाषणों के दौरान र भी नारेबाजी जारी रही । विपक्ष झूठ बोलना बंद करो, नीट पर जवाब दो, पेपर चोरी बंद करो जैसे नारे लगा रहे थे। इस मध्य चेयरमैन जगदीप धनखड़ और नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच विवाद की स्थिति बन गई । हंगामे के बीच खड़गे सभापति के आसन के पास पहुंच गए, जिस पर धनखड़ भड़क गए और कार्यवाही दो बजे तक रोक दी गई।खड़गे सदन से बाहर आकर बोले कि यह चेयरमैन की गलती है। मैं उनका ध्यान खींचने के लिए अंदर गया था लेकिन, तब भी वे नहीं देख रहे थे। वे केवल सत्ता पक्ष को देख रहे थे। नियमानुसार उन्हें मेरी तरफ देखना चाहिए, लेकिन उन्होंने जानबूझकर मुझे अनदेखा करके मेरा अपमान किया। तो मेरे लिए क्या बचा था? मुझे या तो अंदर जाना होगा या बहुत जोर से चिल्लाना होगा। राज्यसभा की कार्यवाही के बीच वेल में आगे खरगे, पैट स्पीकर धनखड़ बोले- ये पीड़ादायक है, ऐक्शन लूंगा। कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर राज्यसभा के चेयरमैन धनखड़ बोले कि नेता प्रतिपक्ष ने सदन से बाहर जाकर विरोधाभासी बयान दिया। वे वेल में आए थे।

धनखड़ ने कहा कि इस तरह का घटिया व्यवहार हर भारतीय को दुख पहुंचाता है और हमारी संस्था को शर्मसार करता है। पांच दशक से ज्यादा का अनुभव रखने वाले मल्लिकार्जुन खड़गे को सदन में घुसते, अनियंत्रित व्यवहार करते और गलत सूचना फैलाते देखना मेरे लिए बहुत दुखद था।

नेताओं को अनुकरणीय आचरण का उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। यह हमारे लोकतंत्र को कलंकित और अपमानित करता है। व्यवस्था के रखवालों का ऐसा व्यवहार बहुत गंभीर है और मेरे लिए और भी अधिक दुखदायी है।

इस बीच सांसद कविता पाटीदार ने धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा जारी रखी।

इस दौरान एक दुःखद हादसा भी हो गया।बेल में प्रदर्शन कर रहें प्रतिपक्ष सदस्यों में से एक कांग्रेस सांसद फूलों देवी नेताम को अनायास चक्कर आ गया और वह बेहोश हो गई। अफ़रातफ़री के इस माहौल में पानी पानी डॉक्टर डॉक्टर की आवाज़ें गूँजने लगी। फूलों देवी नेताम को तत्काल संसद से राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल ले जाया गया। रेणुका चौधरी बोली- एक महिला सांसद की जान की कोई कीमत नहीं।फूलो देवी के बेहोश होने के बाद भी सदन चलते रहने पर रेणुका चौधरी ने आरोप लगाया कि एक महिला सांसद की जान की कोई कीमत नहीं है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज राज्यसभा में ऐसी घटना हुई। एक महिला सांसद बेहोश हो गई और उसका बीपी लगभग स्ट्रोक के लेवल पर था। हमारे 12 सांसद उसे अस्पताल ले जा रहे हैं। सत्र अभी भी चल रहा है, क्या एक महिला सांसद की जान की कोई कीमत नहीं है? मैं इस व्यवहार से हैरान हूं। सी पी आई सांसद भी बोले- सरकार निर्दयी है

सीपीआई सांसद पी संतोष कुमार ने राज्यसभा की कार्यवाही जारी रहने की निंदा करते हुए कहा, “हमारी एक सांसद फूलो देवी नेताम जो सुबह से ही (नीट मुद्दे पर विरोध कर रही थीं, बेहोश हो गईं और उसके बाद भी कार्यवाही स्थगित नहीं की गई। यह दिखाता है कि यह सरकार कितनी निर्दयी है।” हालाँकि बाद में सेहत में सुधार होने पर फूलो देवी को अस्पताल से डिस्चार्ज भी कर दिया गया।

इधर शिक्षा मन्त्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि-“सरकार हर तरह की चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन सब कुछ परंपरा और मर्यादा के भीतर होना चाहिए। जब कल राष्ट्रपति ने खुद अपने भाषण में परीक्षा के बारे में बात की, तो इससे सरकार की मंशा का पता चलता है कि हम किसी भी मुद्दे का सामना करने के लिए तैयार हैं। सरकार की जिम्मेदारी देश के युवाओं के प्रति है, देश के छात्रों के प्रति है। सरकार अपना पक्ष रखने के लिए तैयार है, फिर भ्रम क्या है? हम सख्त से सख्त कार्रवाई करने जा रहे हैं और सीबीआई सबको पकड़ने जा रही है, हम किसी को नहीं छोड़ेंगे। सुधार के लिए एक हाई लेवल कमेटी भी बनाई गई है, जल्द ही उन सभी परीक्षाओं की तारीख भी घोषित की जाएगी। मैं विपक्ष से भी अनुरोध करता हूं कि वे राजनीति से बाहर आएं और चर्चा में शामिल हों।”

उधर राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी भी शुक्रवार को नई दिल्ली में रहे और उन्होंने संसद में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से शिष्टाचार भेंट कर उन्हें लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बनाने पर बधाई और शुभ कामनाएँ दी। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी नई दिल्ली में कुछ केन्द्रीय मंत्रियों से भी भेंट की।

उधर राजस्थान के ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हीरालाल नागर ने शुक्रवार को दिल्ली में केन्द्रीय विद्युत मंत्री मनोहर लाल तथा केन्द्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी से मुलाकात कर प्रदेश के विद्युत तंत्र के सुदृढ़ीकरण एवं कोयला खनन में केन्द्र से पूर्ण सहयोग की माँग को दोहराते हुए प्रदेश में बिजली एवं कोयले की आपूर्ति में सुधार से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से रखा।उन्होंने कहा कि यदि राजस्थान को आवंटित कैप्टिव माइंस हस्तांतरित हो जाती है तो कोयले की कोई कमी नहीं रहेगी तथा कोल इंडिया एवं अन्य स्रोतों से कोयले की खरीद पर होने वाले 40 प्रतिशत के अतिरिक्त वित्तीय भार का बोझ नहीं उठाना पड़ेगा। इसका लाभ प्रदेश के बिजली तंत्र एवं उपभोक्ताओं को होगा। श्री रेड्डी ने इस संबंध में केंद्र सरकार के स्तर पर हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया।

पाली सांसद एवं पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने भी केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान से मुलाकात की और उन्हें केंद्रीय विद्यालय के भवन निर्माण, पानी के कनेक्शन और 11 वी कक्षा हेतु आ रही समस्याओं से कराया अवगत कराया।

संसद में एन डी ए सरकार द्वारा आपातकाल के ख़िलाफ़ निंदा प्रस्ताव और प्रतिपक्ष द्वारा नीट परीक्षाओं के पेपरलीक मामलों पर चर्चा को लेकर अपनी अपनी और से जो मुहिम छेड़ी गई है उसका क्या हश्र होगा तथा प्रधानमन्त्री इन विषयों पर धन्यवाद प्रस्ताव के जवाब के दौरान क्या बोलेंगे यह देखना दिलचस्प रहेगा।