Honey Trap Case : हनी ट्रैप के 3 बरी आरोपियों के खिलाफ सरकार हाई कोर्ट जाएगी!  

भोपाल की अदालत ने मानव तस्करी के आरोप से उन्हें बरी किया!

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Honey Trap Case : हनी ट्रैप के 3 बरी आरोपियों के खिलाफ सरकार हाई कोर्ट जाएगी!

Bhopal : बहुचर्चित हनी ट्रैप मामले में मानव तस्करी के मामले के अदालत ने सोमवार को तीन आरोपियों को बरी कर दिया। फरियादी महिला ने कोर्ट में तीनों आरोपी आरती दयाल, श्वेता जैन और अभिषेक सिंह ठाकुर को पहचानने से इनकार कर दिया था। राज्य सरकार अब इस मामले में हाईकोर्ट में अपील करेगी।

आरोपी अभिषेक के वकील ने बताया कि सीआईडी कोर्ट में मानव तस्करी के सबूत पेश नहीं कर सकी। जबकि, जिस महिला को मानव तस्करी का शिकार बताया जा रहा था उसने कोर्ट में आरोपियों को पहचानने से ही इनकार कर दिया। ऐसे में कोर्ट ने हमारी दलीलों को सुनने के बाद अभिषेक, आरती दयाल और श्वेता जैन को भी बरी कर दिया है। फैसला सोमवार को भोपाल में एडीजे पल्लवी द्विवेदी की कोर्ट ने सुनाया।

स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) को हनी ट्रैप मामले की जांच के दौरान को एक युवती की खरीद फरोख्त की जानकारी मिली थी। जिसके बाद सीआईडी भोपाल ने पीड़ित महिला की शिकायत पर मानव तस्करी का एक अन्य केस दर्ज किया था। 27 दिसंबर 2019 को 3 आरोपी अभिषेक, आरती और श्वेता के खिलाफ चालान पेश किया। पीड़िता के साथ 11 गवाहों की सूची पेश की गई। सीआईडी को फरियादी ने 7 पेज का बयान सबूत के तौर पर दिया था। इसमें उसने सिर्फ एक बार श्वेता जैन का जिक्र किया। कहा कि उसे श्वेता ने बताया था कि श्वेता जैन और आरती दयाल के संपर्क और भी बड़े लोगों से है।

महिला की मानव तस्करी का मामला दर्ज कराने वाले फरियादी ने पुलिस को बताया था कि अभिषेक, आरती, श्वेता जैन सागर और श्वेता जैन व अन्य लोगों ने हमारी गरीबी और मजबूरी का फायदा उठाया। मेरी बेटी व अन्य लड़कियों का शारीरिक व मानसिक शोषण कराया है। इस मामले में सीआईडी ने जिन 10 अन्य लोगों के बयान दर्ज किए थे उनमें से किसी में भी श्वेता जैन का जिक्र नहीं किया था।

बयानों पर कायम नहीं रही पीड़िता

जांच एजेंसी को 29 सितंबर 2019 को पीड़िता ने बयान दिया था कि वह नरसिंहगढ़ जिले के एक गांव की रहने वाली है। उसकी परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। वह ग्रेजुएशन करने भोपाल आई थी। उसने एक इंस्टीट्यूट में प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया था। फरवरी 2019 में अभिषेक ठाकुर के संपर्क में आई और दोनों की फोन पर बात होने लगी।

एनजीओ में काम करने वाले अभिषेक ने आर्थिक मदद की बात कही थी। इसके बाद प्रेम जाल में फंसाने के बाद पत्नी की तरह रखा। बाद में अश्लील वीडियो बनाए और दूसरों के साथ संबंध बनाने के लिए मजबूर किया। बात नहीं मानने पर वीडियो वायरल करने की धमकी दी थी। हालांकि कोर्ट में पीड़िता इन तमाम आरोपों पर कायम नहीं रही। लिहाजा केस के तीनों आरोपी बरी करार दे दिए गए।

सीआईडी ने चालान में कहा 

सीआईडी के निरीक्षक मनोज शर्मा ने 27 दिसंबर 2019 को कोर्ट में हनी ट्रैप से जुड़े मानव तस्करी मामले का चालान सब्मिट किया था। इसमें श्वेता जैन से जब्त गेजेट्स में आपत्तिजनक वीडियो के अलावा मानव तस्करी की पीड़ित महिला के वीडियो मिलने की जानकारी दी गई थी। जो मामले की दूसरी आरोपी आरती दयाल, श्वेता जैन से संबद्धता एवं उनके आपराधिक षड्यंत्र में शामिल होने की पुष्टि करते हैं।