Mains Exam से पहले हुआ Dengue, फिर भी 1st attempt में Crack किया IAS

1794
Mains Exam
IAS

Mains Exam से पहले हुआ Dengue

मिर्जा गालिब का एक शेर है:
हाथों की लकीरों पर मत जा ए गालिब
नसीब उनके भी होते हैं जिनके हाथ नहीं होते

ias

पिता किसान, माता प्राइमरी स्कूल की टीचर। छोटे से गांव में प्रारंभिक शिक्षा। Civil Engineering की डिग्री पूरी करने के बाद UPSC की तैयारी, ना कोई कोचिंग और ना ही कोई गाइडेंस। इतना ही नहीं UPSC मुख्य परीक्षा के 28 दिन पहले डेंगू ने जकड़ लिया। जल्दी ठीक हो जाऊं,इसलिए दोस्तों ने सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल में भर्ती करवाया लेकिन तबीयत में सुधार नहीं हुआ तो अपने घर आकर लोकल अस्पताल में भर्ती हुआ। बीमारी की गंभीरता को देखते डॉक्टरों ने ICU में भर्ती किया। UPSC की मुख्य परीक्षा में अब गिनती के ही दिन बाकी थे।

ICU में बेड पर किताबें रखकर पढ़ाई की। भांजी से नोट्स तैयार करवाए। इसी बीच डॉक्टर से झगड़ा हुआ। डॉक्टर ने कहा परीक्षा जिंदगी से बड़ी नहीं है? परीक्षा तो फिर भी दे सकते हैं पर जीवन बार-बार नहीं मिलेगा। मगर नवजीवन नहीं माने और अस्पताल के ICU में रहकर दोस्तों के साथ Video Call पर तैयारी की। थोड़ा ठीक होने पर Main Exam के कोई 13 दिन पहले अस्पताल से छुट्टी होने पर वापस दिल्ली आए। एक बार तो मन ने कहा मुश्किल है, लेकिन दोस्तों ने हिम्मत बंधाई और मुख्य परीक्षा में हिस्सा लेने के लिए मानसिक रुप से तैयार किया।

SDM

परीक्षा के पहले इतने संघर्ष, कभी डेंगू तो कभी डायरिया, कुत्ते ने काटा, मोबाइल गुम। इतने हादसे होने के बाद एक दोस्त ने ज्योतिष को हाथ दिखवा दिया। ज्योतिष ने हाथ देखकर कहा कि 27 की उम्र तक तो IAS बनने का कोई चांस नहीं।

एक बार मैं फिर निराशा के गर्त में चला गया लेकिन फिर दोस्तों ने हिम्मत बांधी और गालिब का शेर याद कर पूरी तैयारी और मेहनत के साथ, खुद पर भरोसा किया और परीक्षा दे दी।

इन सब विपरीत परिस्थितियों के बाद भी सन 2018 में इस युवा ने न सिर्फ लिखित परीक्षा पास की बल्कि इतना Confidence था कि इंटरव्यू के 2 दिन पहले परिजनों को पत्र लिख दिया था कि में IAS बन गया और वाकई जब अंतिम परिणाम आया तो इस युवा ने विपरीत परिस्थितियों में ज्योतिष को झुठला कर ही दम दिया। IAS क्रैक करने के बाद इस युवा को मध्य प्रदेश कैडर में 2019 बैच आवंटित हुआ।

श्योपुर में सहायक कलेक्टर का कार्य करने के बाद यह IAS वर्तमान में धार जिले के आदिवासी बहुल क्षेत्र कुक्षी में SDM हैं।

नाम है नवजीवन पवार।

हाथों की लकीरों पर मत जा ए गालिब
नसीब उनके भी होते हैं जिनके हाथ नहीं होते

और मिर्ज़ा ग़ालिब के इस शेर को पूरी तरह चरितार्थ करके दिखाया नवजीवन ने।

IAS

कोई ढाई महीने पहले कुक्षी का SDM बनने के बाद नवजीवन द्वारा इस आदिवासी बहुल इलाके में जो नवाचार शुरू किए गए हैं वह कुक्षी की जनता विशेषकर यहां के आदिवासियों के लिए प्राण वायु साबित हो रहे हैं। SDM साहब से मिलने के लिए किसी भी पर्ची की आवश्यकता नहीं है।अगर वे ऑफिस में हैं तो कोई भी उनसे कभी भी मिल सकता है। बाग से आई बुजुर्ग महिला शांताबाई बताती है कि साहब ने वर्षों से लंबित उनकी समस्या का हाथोंहाथ निराकरण कर दिया। SDM साहब जब ऑफिस में बैठते हैं तो उनका दरवाजा खुला रखते हैं। किसी भी व्यक्ति को उनसे मिलने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ता है।

Also Read: https://in.linkedin.com/in/navjivan-pawar-5a46a4130

आज के अधिकारी जहां अपना मोबाइल नंबर देने में नखरे करते है वही इस युवा IAS ने अपने मोबाइल नंबर की स्लिप बना रखी है जो वह सबको देते हैं। उनका मोबाइल नंबर 9329301390 का प्रचार मीडिया के माध्यम से भी करवाया है। नवजीवन पवार कहते है एक लोक सेवक के नाते लोगों से मिलने में क्या पर्दा।

कुक्षी में स्वतंत्रता दिवस पर जिन स्थानों पर नवजीवन को झंडावंदन करना था वहां गांव की नेत्रहीन बालिका से ध्वजारोहण करवा कर नवीन भारत उदय का संदेश दिया। युवा नवजीवन का मानना था कि बालिका तिरंगे को देख नही सकती पर हम उसे उसके अहसास होने की खुशी तो दे सकते है।बाद में उन्होंने इस बालिका की आखों के इलाज का बीड़ा भी उठाया।

SDM साहब के बारे में क्षेत्र के लोग बताते हैं कि वे दूरदराज आदिवासी ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन पर नीचे बैठ कर लोगों से रूबरू चर्चा कर समस्याओं का निराकरण करते हैं।

नवजीवन पवार ने यह सिद्ध किया है कि कामयाबी उन्हें ही मिलती है जो दृढ़ इच्छाशक्ति, निश्चय के साथ ही सफलता पाने के लिए जुनूनी भी हो।

WhatsApp Image 2021 09 11 at 2.05.08 AM

नासिक जिले के छोटे से गांव नवीबेज के मेहनती किसान और आदर्श शिक्षिका के बेटे नवजीवन पवार की कहानी से आज की युवा पीढ़ी को यह संदेश मिलता है कि कभी भी हार नहीं माने, नकारात्मक विचारों को कभी भी अपने मन में ना लाएं और कभी भी हतोत्साहित न हो।

हाथों की लकीरों की बजाए मेहनत पर भरोसा रखें।

Also Read: Ex Prime Minister Nehru पर लिखी फेसबुक पोस्ट पर IAS officer Under fire

Author profile
Suresh Tiwari
सुरेश तिवारी

MEDIAWALA न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक सुरेश तिवारी मीडिया के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम है। वे मध्यप्रदेश् शासन के पूर्व जनसंपर्क संचालक और मध्यप्रदेश माध्यम के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहने के साथ ही एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी और प्रखर मीडिया पर्सन हैं। जनसंपर्क विभाग के कार्यकाल के दौरान श्री तिवारी ने जहां समकालीन पत्रकारों से प्रगाढ़ आत्मीय रिश्ते बनाकर सकारात्मक पत्रकारिता के क्षेत्र में महती भूमिका निभाई, वहीं नए पत्रकारों को तैयार कर उन्हें तराशने का काम भी किया। mediawala.in वैसे तो प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की खबरों को तेज गति से प्रस्तुत करती है लेकिन मुख्य फोकस पॉलिटिक्स और ब्यूरोक्रेसी की खबरों पर होता है। मीडियावाला पोर्टल पिछले सालों में सोशल मीडिया के क्षेत्र में न सिर्फ मध्यप्रदेश वरन देश में अपनी विशेष पहचान बनाने में कामयाब रहा है।