Indore’s Pride Day : आज तय होगा किस दिन मनेगा इंदौर का गौरव दिवस

इतिहासकारों, प्रबुद्धजनों और जनप्रतिनिधियों की बैठक होगी

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Indore : इंदौर अपना गौरव दिवस कब मनाए, इसे लेकर कई तर्क-वितर्क हैं। इस मुद्दे पर सबकी अलग-अलग राय है। आज 12 फ़रवरी को इसे लेकर एक बैठक बुलाई गई है, जो संस्कृति और इतिहास के आधार पर इंदौर का स्थापना दिवस तय करेगी। इस बैठक में सामाजिक, सांस्कृतिक जानकारों, इतिहासकारों और जनप्रतिनिधियों को बुलाया गया है। अभी तक (2015 से) इंदौर का स्थापना दिवस 3 मार्च को मनाया जाता रहा है। इसे इंदौर का स्थापना दिवस भी माना जाता है।

लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की 31 मई को मनाई आने वाली जयंती को भी इंदौर का जन्मदिन मनाया जाता है। अहिल्याबाई ने 1767 से 1795 तक इंदौर और मालवा प्रांत पर शासन किया। उन्होंने महेश्वर को भी अपनी अस्थायी राजधानी बनाया था। संभव है इसी दिन (31 मई) को इंदौर गौरव दिवस के रूप में मनाने को लेकर सर्वसम्मति बन सके। संभाग आयुक्त डॉ पवन कुमार शर्मा ने बताया कि इंदौर का स्थापना दिवस तय करने के लिए ही शनिवार शाम साढ़े 5 बजे बैठक बुलाई गई है।

 

3 मार्च को इसलिए इंदौर का जन्मदिन

इंदौर के बड़ा रावला के जमींदार परिवार का दावा है, कि इंदौर का स्थापना दिवस 3 मार्च को है। 2015 से 3 मार्च को ही इंदौर का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। इतिहास का दूसरा पहलू यह है कि 1716 में हमारे पूर्वज राव राजा नंदलाल मंडलोई ने इंदौर में व्यापार शुरू किया था। उन्होंने मुगल सल्तनत और मराठा सल्तनत से इंदौर के व्यापार को टैक्स फ्री कराया था। 3 मार्च 1716 को मुगल सल्तनत ने इस सनद को मंजूरी दी थी।

इंदौर के जिला गजेटियर और होलकर राजशाही के इतिहास की पुस्तक के मुताबिक इंदौर में 1973-74 में रामबाग और सुख निवास क्षेत्र में पुरातत्व विभाग ने खुदाई की थी। तब यहां पाषाणकाल और 4100 वर्ष पूर्व की सामग्री मिली थी। पुराणों में इंदौर और उज्जैन क्षेत्र का उल्लेख मालव और अवंति प्रदेश के रूप में किया गया है। महाभारत के स्कंद पुराण में भी अवंति खंड का उल्लेख है।