Laborer’s Son Becomes IAS : पिता ने मजदूरी कर सेकंड हैंड मोबाइल लिया, अब वो बेटा बना आईएएस!

छप्पर के नीचे पढ़ाई की, घर में गैस नहीं, चूल्हे पर बनता है खाना!  

989

Laborer’s Son Becomes IAS : पिता ने मजदूरी कर सेकंड हैंड मोबाइल लिया, अब वो बेटा बना आईएएस!

Bulandshahar (UP) : मंगलवार को जारी हुए यूपीएससी के रिजल्ट में कई ऐसे परीक्षार्थी भी चयनित हुए जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, पर वे प्रतिभा से समृद्ध हैं। जिनके यहां चूल्हा जलाने तक के लिए व्यवस्था नहीं थी, वे भी आईएएस बने। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के नरसेना थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर गांव के रहने वाले मुकेश के बेटे पवन की कहानी कुछ ऐसी ही है।

मुकेश पेशे से मजदूर हैं। उनके बेटे पवन ने आईएएस बनकर नाम रोशन कर दिया। पवन के परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं है। आसपास के क्षेत्र के लोग बधाई देने पहुंच रहे हैं। रघुनाथपुर का रहने वाला पवन बहुत ही गरीब परिवार से ताल्लुक रखता है। पवन के पिताजी मुकेश ने मजदूरी कर अपने बेटे को बड़ी मुश्किल से पढ़ाया है। पवन की तीन बहनें हैं और वह अकेला भाई है।

पिता के पास चार बीघा जमीन है, लेकिन फिर भी पवन के पिताजी मुकेश ने मजदूरी कर अपने बेटे को पहले प्राथमिक शिक्षा गांव के ही स्कूल से दिलाई। उसके बाद बुलंदशहर के जवाहर नवोदय विद्यालय बुकलाना में पढ़ाकर 12वीं तक की शिक्षा दिलाई। मुकेश का कहना है कि लड़के ने शुरू से ही काफी मेहनत की। पैसा नहीं था, लेकिन पवन की पढ़ाई की लगन को देखते हुए हिम्मत नहीं हारी।

उसे पढ़ाने के लिए उसकी बहन और परिवार के लोग उसका उत्साहवर्धन करते रहे। पढ़ाई करने के लिए जब पवन को मोबाइल की जरूरत पड़ी तो उनके पिताजी और बहनों ने मेहनत मजदूरी कर 3200 रुपए का एक एंड्रॉयड पुराना मोबाइल फोन दिलाया, जिससे वह पढ़ाई करता था।

पवन के घर पर छत नहीं है और वह एक छप्पर के नीचे पढ़कर यहां तक पहुंचा। पवन के परिवार की हालत ऐसी है कि घर में अभी भी खाना बनाने के लिए चूल्हा जलता है। पवन के पिताजी का कहना है कि उनके पास प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का गैस कनेक्शन तो है, लेकिन, गैस के सिलेंडर भरवाने के लिए पैसे नहीं हैं। पवन के आईएएस बनने पर परिवार में खुशियां आ गई।