झूठ बोले कौआ काटे! न्यूक्लियर फैमिली, डिजीटल इंडिया में शादी का फर्जीवाड़ा

झूठ बोले कौआ काटे! न्यूक्लियर फैमिली, डिजीटल इंडिया में शादी का फर्जीवाड़ा

* दुल्हन गहने-नकदी लेकर रफूचक्कर हो गई?

* भावी दुल्हे ने लाखों का चूना लगा दिया?

* उसने तो लड़की के साथ एडवांस में सुहागरात भी मना ली!

* बदनामी और जग-हंसाई के डर से उन्होंने रपट तक नहीं लिखाई।

ऐसे मामले देश भर में हो रही एक बड़ी धोखाधड़ी का एक नमूना और मामूली हिस्सा हैं। न्यूक्लियर फैमिली और डिजीटल इंडिया के दौर में जब रिश्ते भी ऑनलाइन तलाशे और तय किये जा रहे तो आपकी जरी सी चूक बड़ी परेशानी सबब बन रही है।

लखनऊ के एक इंजीनियर दंपत्ति की छोटी बेटी के लिए मैट्रीमोनियल साइट से बढ़िया रिश्ता आया। लड़का सीबीआई का बड़ा अधिकारी, आईआईटीयन, समृद्ध परिवार। लड़के ने ही फोन पर संपर्क किया। इंजीनियर साहब ने लड़के को अपने पिता से बात कराने का आग्रह किया। पिता को अस्वस्थ बता कर बड़े भाई से बात कराया। अच्छा दामाद हाथ से निकल न जाए, इस चक्कर में लड़के की इच्छा पर पूना में कार्यरत लड़की का नंबर भी दे दिया जिससे दोनों वीडियो कॉल पर एक दूसरे को पसंद कर सकें। लड़की-लड़का में कई राउंड बात हुई और दोनों ने हामी भर दी।

लड़की दीवाली में लखनऊ घर आई तो लड़के ने भावी ससुर जी को फोन किया कि वो भी लखनऊ आ रहा और विवाह से पहले एक बार सबसे मिलना चाहता है। इंजीनियर साहब पुलकित हुए और बोले, हां-हां, क्यों नहीं। लड़के ने शर्त रख दी कि कोरोना के प्रकोप को देखते हुए वह होटल में रूकने की बजाय घर में ही रूकना चाहेगा। भला इसमें क्या आपत्ति हो सकती थी इंजीनियर दंपत्ति को। भावी दामाद को परखने-समझने का इससे अच्छा अवसर क्या हो सकता था।

झूठ बोले कौआ काटे! न्यूक्लियर फैमिली, डिजीटल इंडिया में शादी का फर्जीवाड़ा

लड़का फर्र-फर्र अंग्रेजी बोलने में तेज तो हिंदी भी बढ़िया। एक हफ्ते में दीवाली भी मन गई। जितने लोग त्यौहार पर घर आए, लड़के की बातचीत से गद्गद् हुए, बलैयां ली, इंजीनियर दंपत्ति को बधाई दी कि ‘वाह, कितने लकी हैं। कितना अच्छा दामाद मिल रहा’। यहां तक कि एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री तक सपरिवार आए और उन दंपत्ति को भी लड़का पसंद आया।

इंजीनियर दंपत्ति इन डेवलपमेंट्स की जानकारी विदेश में बसी अपनी बड़ी पुत्री को भी लगातार दे रहे थे। बड़ी बहन ने अपनी जिम्मेदारी निभाई और लड़के के जाने से एक दिन पहले सूचना दी कि फलां आईआईटी में इस नाम का कोई अल्युमनी बताए गए सत्र में या आगे-पीछे पंजीकृत नहीं रहा है, उसने पता किया है। दूसरी ओर, लड़के ने मुंबई स्थित अपने तथाकथित अभिभावक का जो पता बताया था, वो भी इंजीनियर साहब के एक अन्य रिश्तेदार ने फर्जी बताया।

इंजीनियर दंपत्ति को समझ में आ गया कि वे धोखाधड़ी के शिकार हो रहे। लेकिन, उन्होंने जालसाज लड़के को बिना कुछ कहे जाने दिया। इंजीनियर दंपत्ति ने मुझे बाद में सारी घटना बताई तो मैंने कहा भी कि क्यों नहीं पुलिस के हवाले किया। उनका जवाब था कि कैसे करते, उनका गिरोह बिटिया को नुकसान पहुंचा सकता था। वे लोग कहां-कहां निगरानी करते, इसीलिए खामोश रह गए। (नोट- इस घटना के पीड़ित पात्रों की पहचान छुपायी गई है)।

यह तो एक माता-पिता का डर था, कितने लोग तो बदनामी और जग-हंसाई के चलते हीन थाना-पुलिस से बचते हैं और जाने-अनजाने ऐसे ठगों को नई वारदात करने की शह प्रदान करते हैं। पिछले साल, मुंबई पुलिस ने आदित्य उर्फ ​​तन्मय म्हात्रे को वैवाहिक साइटों के माध्यम से कई महिलाओं को धोखा देने के आरोप में गिरफ्तार किया था। पुलिस के अनुसार, वैवाहिक साइटों पर, उसने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) या नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के वैज्ञानिक के रूप में अपनी फर्जी प्रोफाइल डाली थी।

म्हात्रे शुरू में संभावित दुल्हनों से मिलने में अनिच्छा प्रकट करता, लेकिन जोर देने पर वह किसी पांच सितारा होटल में मिलने को बुलाता। महिलाओं को प्रभावित करने के लिए वह ड्राइवर वाली कार में आता। विश्वास हासिल कर लेने के बाद वह पैसे की मांग शुरू कर देता। पुलिस के अनुसार उसने 50 से अधिक महिलाओं को धोखा देने का दावा किया। हालांकि, उसके खिलाफ पुणे, नवी-मुंबई, मुंबई और ठाणे क्षेत्राधिकार में 14 मामले ही दर्ज किए जा सके। साफ है कि अधिकतर मामलों में धोखाधड़ी के शिकार लोग सामने नहीं आना चाहते।

पुणे की एक 44 वर्षीय महिला एक मराठी वैवाहिक वेबसाइट पर एक लड़के से मिली और उसके करीब आ गई। कुछ दिन बाद उसने उसे विदेश जाने के लिए 4 लाख रुपये देने को कहा। इसे सच मानकर उसने उसे पैसे दे दिए। इतना ही नहीं, पैसे लेकर भागने से पहले उसने महिला के साथ दुष्कर्म भी किया।

अकसर अधेड़ उम्र की या अकेली महिलाएं वैवाहिक धोखाधड़ी का आसान निशाना बन जाती हैं, लेकिन ऐसा नहीं कि पुरुष इसके शिकार नहीं होते हैं। दो साल पहले, पुणे पुलिस ने नौ महिलाओं और दो पुरुषों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया था, जिन्होंने एक गरीब परिवार की सुंदर, स्मार्ट लड़की से शादी कराने के बहाने कई अधेड़ पुरुषों को धोखा दिया था। होता बस इतना ही था कि दुल्हन सुहागरात से ठीक पहले सारे गहने और नकदी लेकर भाग जाती थी!

पिछले साल जबलपुर पुलिस ने एक 28 वर्षीय महिला को गिरफ्तार किया था जिसने कथित तौर पर इसी तरह आठ पुरुषों को धोखा दिया था। पुलिस ने महिला के कुछ ‘रिश्तेदारों’ को भी गिरफ्तार किया, जो इस धोखाधड़ी में शामिल थे।

झूठ बोले कौआ काटेः

न्यूक्लियर फैमिली और डिजीटल इंडिया के दौर में, खासकर कोरोना काल के पश्चात् ऑनलाइन मैच मेकिंग का चलन और बढ़ा है, तो इसमें धोखाधड़ी और ठगी की घटनाएं भी खूब हो रहीं। यद्यपि, वैवाहिक साइट सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के तहत ‘मध्यस्थों’ के अंतर्गत आती हैं और वे अपनी साइटों के माध्यम से होने वाली धोखाधड़ी के लिए जिम्मेदार हैं। लेकिन, ये वेबसाइट प्रायः किसी भी कठोर केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) प्रक्रियाओं को अपनाते नहीं हैं। इसलिए नकली प्रोफाइल द्वारा प्रदान किए गए दस्तावेज़ों/तथ्यों को न्यूनतम केवाईसी प्रक्रियाओं के साथ ये आसानी से स्वीकार करते हैं, जिसके फलस्वरूप धोखाधड़ी को अंजाम दिया जाता है। हालांकि लगभग सभी वैवाहिक साइटें ऐसे घोटालों को रोकने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों का दावा करती हैं, फिर भी धोखाधड़ी जारी है।

झूठ बोले कौआ काटे! न्यूक्लियर फैमिली, डिजीटल इंडिया में शादी का फर्जीवाड़ा

कुछ साइबर जालसाज अखबारों में विज्ञापन देकर युवक व युवतियों का प्रोफाइल डालते हैं। इसके बाद जब इनका प्रोफाइल देखकर कोई भी इच्छुक युवक-युवती दिए गए नंबर पर फोन करते हैं तो बताया जाता है कि यह नंबर वैवाहिक साइट का है। अगर पांच से 20 हजार रुपये देकर रजिस्ट्रेशन कराते हैं तब विज्ञापन में दिए गए युवक-युवती या उसके परिजनों का नंबर दिया जाएगा। ऐसे में इच्छुक लोग कुछ हजार रुपये देकर रजिस्ट्रेशन करा लेते हैं और कुछ समय बाद जालसाज नंबर फिर नंबर बंद कर देते हैं।

अधिकांश वैवाहिक धोखाधड़ी में कार्यप्रणाली समान होती है। पीड़ितों को महंगे उपहार देने का वादा किया जाता है लेकिन वास्तव में उन्हें प्राप्त करने के लिए कुछ पैसे देने की आवश्यकता होती है। सूचना सुरक्षा जागरूकता (infosecawareness.in), केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा बनाई गई एक वेबसाइट में वैवाहिक धोखाधड़ी पर समर्पित एक पेज है।

इसमें जालसाजों के खतरों से सावधान किया गया है। वे जालसाज हैं यदि…

अपना चेहरा दिखाने को तैयार नहीं हैं, वीडियो चैट पर आने के लिए अनिच्छुक है, प्रोफाइल फोटो उनकी नहीं है, व्यक्तिगत रूप से मिलने के लिए अनिच्छुक हैं। कुछ आपात स्थिति का हवाला देते हुए, शुरू में एक छोटी राशि और बाद में एक बड़ी राशि का हवाला देते हुए धन हस्तांतरण के लिए कहें। सामाजिक प्रोफ़ाइल नहीं है या सोशल मीडिया पर दोस्त नहीं के बराबर हैं। परिवार/कार्यस्थल का विवरण साझा करने में संकोच करें। एक दूसरे को पूरी तरह से समझने से पहले ही बहुत जल्दी “प्यार” व्यक्त करें। आप में रुचि व्यक्त करने के लिए उस व्यक्ति को आपकी प्रोफ़ाइल बहुत अच्छी लगती है। वह कई नंबरों से कॉल करता है। वह आमतौर पर वापस कॉल करने के लिए नंबर नहीं देता है। नंबर देने के बाद भी फोन नहीं उठाता है। बाद में, वह आपको एक नए नंबर से कॉल बैक करता है।

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जब आप व्यक्तिगत विवरण मांगते हैं तो असंगत या भ्रमित करने वाला व्यवहार करता है। बिना किसी समुचित कारण के जल्दी शादी करने का दबाव बनाता है। आपका विश्वास जीतने के तुरंत बाद आपसे अपनी प्रोफ़ाइल को हटाने का अनुरोध करता है। ईमेल उपयोगकर्ता नाम/पासवर्ड या क्रेडिट कार्ड/बैंक खाता विवरण किसी बहाने पूछता है। सहानुभूति हासिल करने के लिए झूठी कहानियां गढ़ता है।

यहां तक कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी वैवाहिक धोखाधड़ी के बारे में लोगों को सावधान करने के लिए एडवाइजरी जारी की है। गृह मंत्रालय लोगों से सत्यापित वैवाहिक साइटों का उपयोग करने, इन वेबसाइटों के लिए एक नई ईमेल आईडी बनाने, हमेशा संभावित मैच की पृष्ठभूमि की जांच करने और परिवार को सूचित रखने के लिए कहता है। संवेदनशील जानकारी साझा न करने की चेतावनी देते हुए मंत्रालय संभावित मैच से पैसे के किसी भी अनुरोध पर विचार नहीं करने के लिए भी कहता है। “वैवाहिक वेबसाइटों पर अनिवासी भारतीय (एनआरआई) प्रोफाइल के साथ व्यवहार करते समय हमेशा सावधान रहें। आमने-सामने की बैठकों के बाद ही विवाह के लिए प्रतिबद्ध हों, विशेष रूप से संभावित मैच के माता-पिता या रिश्तेदारों के साथ और विदेश में उनके पते और रोजगार से संबंधित किसी भी दस्तावेज को मान्य करें।”

और ये भी गजबः

एक वैवाहिक साइट पर नागपुर की एक महिला से संपर्क स्थापित करने वाले जालसाज ने कहा कि वह पोलैंड से अपनी ‘भावी’ पत्नी को उपहार के रूप में एक कार भेज रहा। उस व्यक्ति ने 3.32 लाख रुपये के सीमा शुल्क का भुगतान करने में मदद की जरूरत बतायी। महिला ने पोलैंड में उस व्यक्ति द्वारा बताए गए बैंक अकाउंट नंबर पर पैसे भेज दिये। महिला ने नागपुर के अजनी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।

लखनऊ के वृंदावन कालोनी में एक युवती के पिता ने अपनी बेटी का प्रोफाइल मैट्रीमोनियल साइट पर शादी के लिए अपलोड किया था। पीड़ित के अनुसार अगले माह शादी की तारीख तय की गई। कुछ दिन बाद युवती के पिता के पास उसी नंबर से फोन आया। जालसाज ने खुद को पुलिसकर्मी बताते हुए कहा कि आपकी इतने दिनों से फोन पर जिससे बात हो रही थी। उनकी कार से एक शख्स की मौत हो गई है। अगर आप अपने परिचित को छुड़ाना चाहते हैं तो पीड़ित परिवार को दो लाख रुपये दे दीजिए। झांसे में आकर उन्होंने रुपये ट्रांसफर कर दिए। छानबीन करने पर पता लगा कि वह फर्जी काल थी।

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रामेन्द्र सिन्हा
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