Loksabha Elections: तीसरे चरण के चुनाव के लिए रविवार को थमा चुनाव प्रचार, 12 राज्यों की 93 सीटों पर 7 मई को मतदान होगा

सिंधिया, शिवराज, दिग्विजय,अधीर रंजन चौधरी, डिंपल यादव सहित कई दिग्गज राज नेताओं के भाग्य का फैसला EVM मशीनों में होगा कैद

366

Loksabha Elections: तीसरे चरण के चुनाव के लिए रविवार को थमा चुनाव प्रचार, 12 राज्यों की 93 सीटों पर 7 मई को मतदान होगा

गोपेन्द्र नाथ भट्ट की रिपोर्ट 

लोकसभा चुनाव के चुनावी महापर्व के तीसरे चरण में 7 मई को देश के 12 प्रदेशों की 93 लोकसभा सीटों पर होने जा रहे मतदान में इन राज्यों के मतदाता मंगलवार को अपने मताधिकार का प्रयोग करने वाले है। तीसरे चरण में 12 राज्यों की जिन 93 सीटों पर मतदान होगा, उनमें असम की 4, बिहार की 5, छत्तीसगढ़ की 7, कर्नाटक की 14,गोवा की 2, गुजरात की 25, मध्य प्रदेश की 9, महाराष्ट्र की 11,उत्तर प्रदेश की 10,पश्चिम बंगाल की 4, दमन और दीव की 2,जम्मू-कश्मीर की एक सीट पर सुबह 7 से शाम 6 बजे तक वोटिंग होगी।

 

तीसरे चरण के चुनाव का प्रचार कार्य रविवार शाम को 6 बजे संपन्न हो गया हैं। इसके साथ ही चुनावी सभाओं, रैलियों, रोड शो और माइक आदि से प्रचार का शोर थम गया हैं। अब प्रत्याशी घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क और प्रचार कर सकेंगे। प्रवासी राजस्थानियों मारवाड़ियों को साधने अन्य प्रदेशों में गए राजस्थान के नेता भी अब दूसरे प्रदेशों की ओर कूच कर गए हैं।तीसरे चरण में गुजरात की 26 लोकसभा सीटों सहित 3 प्रदेशों में चुनाव का कार्य पूरी तरह से और 9 राज्यों में आंशिक ढंग से पूरा होगा। तीसरे चरण की कुल 94 लोकसभा सीटों में से गुजरात की डायमंड नगरी सूरत में निर्विरोध चुनाव संपन्न होने से अब मंगलवार को 93 लोकसभा सीटों पर ही मतदान होगा।

 

18 वीं लोकसभा के गठन के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 19 अप्रेल से 1 जून तक सात चरणों में कराए जा रहें लोकसभा की 543 सीटों के लिए हो रहें चुनाव में 19 और 26 अप्रेल को 34 प्रदेशों और केंद्र शासित प्रदेशों की 194 लोकसभा सीटों पर मतदान के दो चरणों में मतदान हुआ था, जिसमें राजस्थान सहित 11 प्रदेशों में लोकसभा चुनाव के मतदान का पूरा कार्य संपन्न हो गया है। तीसरे चरण के बाद अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गृह प्रदेश गुजरात समेत तीन और प्रदेशों यानी देश के कुल 14 राज्यों में लोकसभा चुनाव के मतदान का कार्य पूरा हो जाएगा।

 

पहले दो चरणों की तरह तीसरे चरण में भी कई बड़े नेताओं के भाग्य का फैसला ईवीएम मशीनों में बंद हो जाएगा। विशेष कर गुजरात में मोदी मंत्री परिषद के बहुचर्चित रहें पुरुषोत्तम रुपाला सहित अन्य मंत्रियों एवं नेताओं की किस्मत का फैसला होगा। साथ ही देश में आबादी के हिसाब से सबसे बड़े प्रांत उत्तर प्रदेश में भी कई नामी गरमी नेताओं की किस्मत का वोटर्स फैसला करेंगे। तीसरे चरण में कई लोकसभा सीटें ऐसी है, जहां पर हाई प्रोफाइल उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। 7 मई को मध्य प्रदेश के गुना में भी वोटिंग होगी,जहां भाजपा के टिकट पर ग्वालियर राजघराने के ज्योतिरादित्य सिंधिया मैदान में हैं। 2019 के चुनाव में वह कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनाव हार गए थे। इसी प्रकार विश्व पत्लर्यतन सिरमौर यू पी की आगरा लोकसभा सीट पर बीजेपी के टिकट पर मोदी सरकार में मंत्री एसपी सिंह बघेल चुनाव लड़ रहे हैं। इसी प्रकार मोदी सरकार में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी कर्नाटक की धारवाड़ से चुनाव मैदान में हैं । इनके अलावा उत्तर प्रदेश की ही मैनपुरी सीट पर समाजवादी पार्टी मुखिया पूर्व मुख्यमंत्रीअखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव मैदान में है। बंगाल की बहरामपुर लोकसभा सीट से प्रतिपक्ष नेता अधीर रंजन चौधरी कांग्रेस के टिकट पर लड़ रहे हैं। चौधरी बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं। दक्षिण गोवा लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर पल्लवी डेम्पो चुनाव लड़ रही हैं। वह तीसरे चरण की सबसे अमीर उम्मीदवार हैं। असम की धुबरी सीट से ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल मैदान में हैं। वह 2009 से ही इस सीट पर चुनाव जीत रहे हैं। मध्य प्रदेश की विदिशा लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं। शिवराज सिंह चौहान पांच बार इस सीट से सांसद रह चुके हैं। इसी प्रकार मध्य प्रदेश की राजगढ़ सीट से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं। महाराष्ट्र की बारामती लोकसभा सीट से शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले मैदान में हैं। यहां पवार बनाम पवार की लड़ाई है, क्योंकि उनके खिलाफ अजित पवार की पत्नी मैदान में हैं।

 

उत्तर प्रदेश के फायर ब्रांड नेता मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के प्रदेश में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में संभल, हाथरस, आगरा, फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला और बरेली संसदीय सीट पर तीसरे चरण में मतदान होगा। तीसरे चरण में केंद्रीय मंत्री एस. पी. सिंह बघेल (आगरा), उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह (मैनपुरी) और राजस्व राज्य मंत्री अनूप प्रधान वाल्मीकि (हाथरस) की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। लोकसभा चुनाव का यह चरण समाजवादी पार्टी (सपा) के यादव परिवार के लिए भी महत्वपूर्ण है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव मैनपुरी लोकसभा सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखने के लिये प्रयास कर रही हैं, जिसे उन्होंने अपने ससुर और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद हुए उपचुनाव में जीता था। सपा के मुख्य राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव फिरोजाबाद सीट से फिर से मैदान में हैं। इस सीट से उन्होंने 2014 में चुनाव जीता था। आदित्य यादव सपा का गढ़ मानी जाने बदायूं लोकसभा सीट से अपने चुनावी करियर की शुरुआत कर रहे हैं। 2014 में बदायूं सीट पर आदित्य के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव ने जीत हासिल की थी। तीसरे चरण के चुनाव में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता रहे कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह एटा से हैट्रिक बनाने की उम्मीद कर रहे हैं। बरेली में मुख्य मुकाबला भाजपा के छत्रपाल सिंह गंगवार और सपा के प्रवीण सिंह ऐरन के बीच है। इस सीट पर बसपा उम्मीदवार मास्टर छोटे लाल गंगवार का नामांकन पत्र खारिज हो गया है। तीसरे चरण में जिन 10 लोकसभा सीट पर मतदान हो रहा है, उनमें से भाजपा ने इस बार पांच नए चेहरों को टिकट दिया है जिनमें बरेली से छत्रपाल सिंह गंगवार (केंद्रीय मंत्री रहें संतोष गंगवार की जगह), बदायूं से दुर्विजय सिंह शाक्य (संघमित्रा मौर्य की जगह), हाथरस से अनूप प्रधान वाल्मीकि (राजवीर सिंह दिलेर की जगह), फिरोजाबाद से विश्वदीप सिंह (चंद्रसेन जादौन की जगह) और मैनपुरी लोकसभा सीट से जयवीर सिंह को पहली बार प्रत्याशी बनाया गया है। भाजपा ने एटा, आगरा, आंवला और फतेहपुर सीकरी से मौजूदा सांसदों पर फिर से दांव लगाया गया है। दल ने संभल लोकसभा सीट से परमेश्वर लाल सैनी को टिकट दिया है।

 

तीसरे चरण में कांग्रेस ने फतेहपुर सीकरी से रामनाथ सिंह सिकरवार को मैदान में उतारा है, जबकि उसके सहयोगी दल समाजवादी पार्टी ने बाकी नौ संसदीय क्षेत्रों से अपने उम्मीदवार उतारे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा उम्मीदवारों के लिए ताबड़तोड़ जनसभाएं कीं। उन्होंने 26 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बरेली में रोड शो में भी भाग लिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दो मई को बरेली, बदायूं और सीतापुर में चुनावी रैलियों को संबोधित किया और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस को चुनावों में इतनी बड़ी हार मिलेगी कि राहुल गांधी को ‘कांग्रेस ढूंढो यात्रा’ पर जाना पड़ेगा। बरेली में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि राहुल, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और सपा प्रमुख अखिलेश यादव अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक समारोह में शामिल नहीं हुए, क्योंकि उन्हें डर था कि उनके जाने से उनका वोट बैंक छिटक सकता है। शाह ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि यह वंशवाद की राजनीति करती है, क्योंकि इसके अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मौजूदा चुनाव में अपने परिवार के पांच सदस्यों को टिकट दिया है। शाह ने कहा, “अगर उन्होंने कुछ अन्य यादव युवाओं को टिकट दिया होता, तो यह बेहतर होता।” समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी तीसरे चरण में अपने पार्टी उम्मीदवारों के लिए व्यापक प्रचार किया। वरिष्ठ सपा नेता शिवपाल यादव ने अपने बेटे आदित्य यादव के लिए वोट मांगे। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने भी अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार किया। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने तीन मई को पार्टी उम्मीदवार रामनाथ सिंह सिकरवार के पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए फतेहपुर सीकरी में रोड शो किया।

 

लोकसभा के तीसरे चरण के चुनाव से पहले राजनीतिक दलों के नेताओं ने तीन बड़े मुद्दे उछाल कर चुनाव माहौल को गर्माया है। उसमें चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने पाकिस्तान के पूर्व सूचना प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी हुसैन के सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर राहुल गांधी की तारीफ करने का बड़ा मुद्दा उछाला है। फवाद चौधरी हुसैन ने राहुल की तुलना पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से की थी। इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद गुजरात में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि राहुल गांधी के लिए पाकिस्तान से दुआऐं हो रही है। यानी पाकिस्तान भी भारत में कमजोर कांग्रेस सरकार चाहता है।

 

दूसरी ओर आरक्षण पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कथित बयान को प्रतिपक्ष द्वारा उछाला गया है। अमित शाह ने तेलंगाना में मुस्लिमों के लिए आरक्षण हटाने की बात कही थी। इस बयान को लेकर भी काफी हंगामा मच गया। इस वीडियो को एडिट करके ऐसा बना दिया गया जिससे ऐसा लग रहा हो कि अमित शाह एससी-एसटी और ओबीसी के आरक्षण को खत्म करने की बात कर रहे हैं। हालांकि पुलिस इस मामले में सक्रिय हो गई और बताया गया है कि यह एक डीपफेक वीडियो है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंथ रेड्डी को भी समन भेजा है।

 

तीसरा मुद्दा कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अमेठी के बजाय रायबरेली से चुनाव लड़ने से जुड़ा हुआ है। भाजपा ने राहुल पर अमेठी से भागने का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस बार अपनी मां सोनिया गांधी की सीट रायबरेली से भी नामांकन भरा है। यानी अब वह केरल के वायनाड और रायबरेली दो सीटों से चुनाव मैदान में है। पहले राहुल अमेठी से सांसद थे लेकिन 2019 में वह अमेठी से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के सामने चुनाव हार गए थे। अब उनके रायबरेली जाने पर भाजपा आरोप लगा रही है कि वह अमेठी से हारने के बाद अमेठी को छोड़कर रायबरेली भाग रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तो यहां आइए तक कह दिया कि राहुल इस बार रायबरेली से भी चुनाव हारेंगे। हालांकि रायबरेली में पांचवे चरण में 20 मई को चुनाव होना है।

 

लेकिन, देखना है कि लोकसभा के तीसरे चरण के चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों द्वारा उठाए गए विभिन्न चुनावी मुद्दों के आधार पर किस पार्टी को कितनी सफलता हासिल होगी। जनता जनार्दन का फैसला चार जून को ईवीएम मशीनों से बाहर आ ही जायेगा?