MP में सार्वजनिक उपक्रमों और निगमों से 1940 करोड़ का घाटा, 25 हजार करोड़ का कर्ज बाकी

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MP में सार्वजनिक उपक्रमों और निगमों से 1940 करोड़ का घाटा, 25 हजार करोड़ का कर्ज बाकी

 

भोपाल:मध्यप्रदेश के सार्वजनिक उपक्रम और निगम घाटे में चल रहे है। बारह सार्वजनिक उपक्रमों और निगमों से 1940 करोड़ 50 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। घाटे के बाद भी इनके संचालन के कारण राज्य सरकार इन्हें संचालन के लिए समय-समय पर कर्ज भी देती रही है। अभी इन निगमों और उपक्रमों पर 25 हजार 236 करोड़ रुपए का राज्य सरकार का कर्ज बाकी है। प्रदेश के जो एक दर्जन निगम, उपक्रम हानि में थे उनकी कुल संचित हानि तो 60 हजार 690 करोड़ रुपए है। अकेले एक वर्ष की हानि ही 1940 करोड़ रुपए है।

अकाउंटेंट जनरल (AG) रिपोर्ट में यह जानकारी सार्वजनिक की गई है।मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी 617 करोड़ 84 लाख रुपए के घाटें में चल रही है। मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का घाटा 903 करोड़ 88 लाख रुपए है। मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का घाटा 257 करोड़ 54 लाख रुपए है। डीएमआईसी पीथमपुर जल प्रबंधन लिमिटेड का पिछले साल का घाटा 12 करोड़ 69 लाख रुपए रहा है। मध्यप्रदेश प्लास्टिक पार्क डेवलपमेंट कारपोरेशन का नुकसान 53 लाख रुपए का रहा है। मध्यप्रदेश होटल कार्पोरेशन लिमिटेड का नुकसान 3 करोड़ 74 लाख रुपए है। डीएमआईसी विक्रम उद्योगपुरी लिमिटेड ने 76 करोड़ 39 लाख रुपए का नुकसान उठाया है। मध्यप्रदेश जल निगम भी 28 लाख रुपए के नुकसान में चल रहा है। मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम इस समय 14 करोड़ 85 लाख रुपए के घाटे में है। मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कार्पोरेशन 3 करोड़ 41 लाख रुपए के घाटे में है। मध्यप्रदेश वित्त निगम का पिछले साल का नुकसान 49 करोड़ 30 लाख रुपए रहा है। सागर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कारपोरेशन को 5 लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है।

पिछले साल राज्य सार्वजनिक क्षेत्र के 32 उपक्रमों में से 63 हजार 830 करोड़ रुपए की हानि हुई। राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के छह उपक्रमों की पूंजी नष्ट हो गई थी उन पर राज्य शासन का 25 हजार 236 करोड़ रुपया बाकी था। इन निगमों में मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी पर 8022करोड़ 65 लाख रुपए, मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी पर 9 हजार 237 करोड़ 63 लाख, मध्यप्रदेश् पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी पर 7 हजार 976 करोड़ 62 लाख रुपए का राज्य सरकार का कर्ज बाकी था। इसके अलावा डीएमआईसी विक्रम उद्योगपुरी, डीएमआईसी पीथमपुर जलप्रबंधन औ मध्यप्रदेश होटल कारपोरेशन को मिलाकर इनपर 60 हजार 766 करोड़ रुपए की संचित हानि थी।