Machine Generated Receipt Mandatory : नगर निगम से अब मशीन से बनी रसीद देना अनिवार्य होगा! 

घोटालों पर नियंत्रण के लिए अपर आयुक्त का नवाचार, बहानेबाजी को हिदायत! 

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Machine Generated Receipt Mandatory : नगर निगम से अब मशीन से बनी रसीद देना अनिवार्य होगा!   

Indore : फर्जी बिल घोटाले के बाद नगर निगम के अधिकारी अब नए-नए प्रयोग करके संभावित घोटालों को रोकने की कोशिश में लगे हैं। अब नगर निगम से किसी भी टैक्स भुगतान की रसीद हाथ से लिखी नहीं मिलेगी। करदाताओं को पोस मशीन से जनरेट रसीद ही दी जाएगी। अभी ये तय कर लिया गया, पर आदेश चुनाव आचार संहिता ख़त्म होने के बाद ही निकलेंगे।

निगम में घोटाले रोकने के लिए अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा ने यह नवाचार किया है। इसके तहत टैक्स वसूली के दौरान बिल कलेक्टर और निगम के राजस्व अधिकारियों को मशीन से टैक्स की रसीद जनरेट कर संबंधित व्यक्ति को देना होगी। अपर आयुक्त ने सभी बिल कलेक्टर और राजस्व विभाग की टीम को निर्देश दिए हैं कि सभी पोस मशीन से रसीद जनरेट करने की आदत डाल लें। अब हाथ से बनाई हुई रसीद करदाताओं को नहीं दी जाएंगी।

राजस्व वसूली अमले की एक बड़ी मीटिंग एआईसीटीएसएल ऑफिस में हुई। बताया जा रहा है कि इसका मकसद था नगर निगम के राजस्व विभाग को घोटाले से दूर रखना। मीटिंग की शुरुआत से ही अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा सख्त नजर आए। उन्होंने सभी एआरओ और बिल कलेक्टर सहित राजस्व वसूली अमले को स्पष्ट निर्देश दिए कि राजस्व विभाग में टैक्स वसूली की रसीद अब हाथ की बनी नहीं चलेगी। राजस्व अमले को पोस मशीन से ही रसीद जनरेट करना होगी और करदाता को देना होगी। इसके लिए मिश्रा ने स्पष्ट निर्देश भी दिए कि सभी अधिकारी पोस मशीन से टैक्स की रसीद जनरेट करने की प्रैक्टिस कर लें।

बहानेबाजी करने वालों को हिदायत 

अपर आयुक्त मिश्रा सख्त लहजे में नजर आए तो बैठक में मौजूद बिल कलेक्टर और एआरओ सहित अन्य अधिकारियों ने यह मुद्दा उठाया कि लोगों की शिकायत रहती है कि पोस मशीन से जनरेट की हुई रसीद की प्रिंटिंग गायब हो जाती है। इस पर अपर आयुक्त मिश्रा ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए की रसीद देते समय करदाता को यह भी समझाएं कि इस रसीद की प्रिंटिंग थोड़े समय बाद गायब हो जाती है, इसलिए इसकी एक फोटोकॉपी भी करवा कर अपने पास रखें। ताकि, भविष्य में किसी प्रकार की परेशानी करदाता को नहीं हो सके। इसके बाद तो बैठक में अधिकारियों की बहानेबाजी चल ही नहीं पाई। हालांकि सभी बिल कलेक्टर और अन्य अधिकारी हाथ से बनी रसीदों के मोह से दूर नहीं हो पा रहे थे।

ऑनलाइन एंट्री की भी की शिकायत

राजस्व वसूली हमले की लंबी चली मीटिंग में एआरओ और अन्य अधिकारियों का पोस मशीन से छुटकारा पाने का कोई बहाना नहीं चला। इसके बाद उन्होंने यह मुद्दा भी उठाया कि चालू वित्तीय वर्ष में जो भुगतान ऑनलाइन जमा हुआ है उसकी ऑनलाइन एंट्री दिखाई नहीं दे रही। इस पर अपर आयुक्त ने सभी अधिकारियों को बताया कि इसके लिए जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। मुहिम के तहत सभी एंट्री ऑनलाइन की जाएगी। ई नगर पालिका का पोर्टल भी चालू हो गया है।