Many BSP Leaders Expelled : मायावती ने BSP की हार का गुस्सा अपने नेताओं पर निकाला, कई निष्कासित!

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Many BSP Leaders Expelled : मायावती ने BSP की हार का गुस्सा अपने नेताओं पर निकाला, कई निष्कासित!

UP में एक भी सीट नहीं मिली, यही हालत 2014 के चुनाव ने भी पार्टी की हुई!

Lucknow : इस बार के लोकसभा चुनाव में सबसे बुरी गत मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की हुई। एक समय उत्तर प्रदेश पर राज करने वाली पार्टी को चुनाव में एक सीट नहीं मिली। उत्तर प्रदेश की अधिकांश सीटों पर बसपा उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई। यही स्थिति 2014 में भी बीएसपी की हुई थी, जब उसका खाता इस बार की तरह ही खाली रहा था।

मायावती के निर्देश पर मंडल प्रभारी राजू गौतम और अमरेंद्र भारती ने पार्टी प्रत्याशी शुभ नारायण गौतम और वरिष्ठ नेता डॉ अशोक गौतम के निष्कासन की सूचना जारी की गई। इन नेताओं को निष्कासित किए जाने के अलावा प्रयागराज के जिला अध्यक्ष को भी बदल दिया गया। बीएसपी ने प्रयागराज में आरबी त्यागी को हटाकर पंकज गौतम को नया जिला अध्यक्ष नियुक्त किया। जल्द ही कई अन्य उम्मीदवारों और नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। पदाधिकारियों को हटाकर दूसरे कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी जा सकती है।

अब तक के सबसे खराब प्रदर्शन के बाद बीएसपी प्रमुख मायावती अब ने कार्यवाही शुरू कर दी। कौशांबी सीट पर चुनाव लड़ने वाले बीएसपी के उम्मीदवार शुभ नारायण गौतम समेत कई पदाधिकारियों को पार्टी से निकाल दिया। सभी पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया है।

कौशांबी सीट से बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले शुभ नारायण गौतम पुलिस के रिटायर्ड डीएसपी हैं। पुलिस से रिटायर होने के बाद वह बीएसपी में शामिल हुए और कौशांबी सीट पर मायावती की पार्टी से उम्मीदवार बने। चुनाव में उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। बीएसपी उम्मीदवार सिर्फ 55 हजार वोटों पर सिमट गए, उनकी जमानत जब्त हो गई।
पार्टी का गढ़ रही कौशांबी की इस रिजर्व सीट पर बीएसपी का अब तक का यह सबसे खराब प्रदर्शन रहा। मायावती को यह प्रदर्शन बेहद नागवार गुजरा। उन्होंने इस बारे में पार्टी पदाधिकारियो से रिपोर्ट मांग कर कार्यवाही शुरू की। नतीजे आने के 5वें दिन ही कौशांबी सीट के उम्मीदवार को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में निष्कासित कर दिया गया।

शुभ नारायण गौतम टिकट लेने के बाद सक्रिय नहीं रहे और ठीक से चुनाव प्रचार नहीं किया। उनके निष्क्रिय रहने और ठीक से चुनाव प्रचार नहीं करने का खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा। उनके साथ पार्टी के प्रयागराज और मिर्जापुर मंडल के प्रभारी वरिष्ठ नेता डॉ अशोक गौतम को भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया। माना जा रहा है कि अशोक गौतम की पैरवी की वजह से ही शुभ नारायण कौशांबी से उम्मीदवार बनाए गए थे।