Mysterious Pilgrimage Site Bhimkund: अपने अंदर कई रहस्य समेटे हैं भीमकुंड, वैज्ञानिक पता लगाने में असफल रहे

भीषण गर्मी में जल स्तर 8 फीट तक नीचे गया

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छतरपुर से राजेश चौरसिया की रिपोर्ट

छतरपुर: जिले में भीषण गर्मी और सूरज की तपन से जिले भर और आसपास के स्थित जलाशयों का जल स्तर रोजाना घटता जा रहा है। जहां इस गर्मी की तपन बढनें से रहस्यमयी तीर्थ स्थल भीमकुंड का भी जल स्तर 8 फीट तक नीचे चला गया है। ऐसे में अंचल में जल संकट के संकेत नजर आ रहे हैं।

बताते हैं कि, लंबे समय बाद भीमकुंड का जल स्तर इतनें नीचले स्तर पर देखने को मिला है। जबकि माना जाता है कि भीमकुंड का जुडाव सीधे पाताल लोक से से माना जाता है। इसके जुडी अनेंक मान्यताएं भी हैं।

● *यह है कहानी…* 

छतरपुर जिले के बड़ामलहरा के बकस्वाहा विकाश खंड की ग्राम पंचायत बाजना में एक ऐसा जलस्रोत भी है जिसमें अचानक बढ़ता पानी एक खतरनाक मैसेज देता है। भीमकुंड नाम से मशहूर यह जलस्रोत बुंदेलखंड ही नहीं बल्कि देश विदेश में विख्यात है। प्राकृतिक अनहोनी के पहले ही कुंड में हलचल होना शुरु हो जाती है। दक्षिण में 2004 में आई सुनामी के पहले ही इस कुंड ने बड़े प्रलय का संकेत दे दिया था। इस खबर से वैज्ञानिकों ने यहां शोध भी किया। भीमकुंड में यह कैसे और किस कारण से संभव है वैज्ञानिक भी पता नहीं लगा सके है।

इतना ही नहीं भीमकुंड की गहराई कितनी है, इसे नापने में भी वैज्ञानिक असफल हुए है। रहस्यों से भरे भीमकुंड को लेकर अनेक कहानियां प्रचलित है।

मानना है कि… भीमकुंड का इतिहास महाभारत काल से जुडा है। चारों ओर कई प्रकार की दुर्लभ वनस्पतियों और वृक्षों से आच्छादित भीमकुंड के बारे में कहा जाता है कि भीम के गदा के प्रहार से यह अस्तित्व में आया था। जनश्रुतियों के अनुसार अज्ञातवास के समय जंगल में विचरण के समय द्रोपदी की प्यास बुझानें के लिए भीम ने एक स्थान पर अपनी गदा से पूरी ताकत से प्रहार किया तो वहां पाताली कुंड निर्मित हुआ और अथाह जल राशि नजर आई वर्तमान में यह भीमकुंड नाम से जाना जा रहा है। यहां चट्टानों के बीच निर्मित प्राकृतिक गुफाएं पांडवों के रहने का प्रमाण देती हैं। अंदर से देखने पर ऊपर चट्टानों के बीच से आसमान गोलाकार नजर आता है। ऐसा प्रतीत होता है जैसे यहां की चट्टानी छत को किसी ने गोल आकार के रूप में काटा है।

माना जाता है कि, यह गोलाकार विशाल छेद भीम की गदा के प्रहार से निर्मित हुआ है।