New Scam in Municipal Corporation : नगर निगम में 20 करोड़ का नया घोटाला, 16 नई फाइलें मिली!  

मोबाइल बंद, आरोपियों के गिरफ्तारी वारंट जारी, परिवार सहयोग नहीं कर रहा!

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New Scam in Municipal Corporation : नगर निगम में 20 करोड़ का नया घोटाला, 16 नई फाइलें मिली!

Indore : निगम में 28 करोड़ के फर्जी बिल लगाकर भुगतान लेने की कोशिश करने वाले पांच ठेकेदारों की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं। मामले की जांच के बाद निगम ने एमजी रोड पुलिस को 16 नई फाइलें सौंपी हैं। इसमें 20 करोड़ का नया घोटाला सामने आया। पूर्व में ठेकेदारों ने फर्जी बिल लगाकर लगभग पौने 4 करोड़ रुपए हासिल कर लिए थे।

बताया जा रहा है कि जिस नए घोटाले की फाइल पुलिस को बुधवार को निगम ने सौंपी, उस फाइल की भी कुछ राशि का भुगतान हो चुका है। टीआई विजयसिंह सिसोदिया ने बताया कि एक सप्ताह पहले निगम के कार्यपालन यंत्री सुनील गुप्ता ने जनकार्य विभाग में भुगतान की फाइल लगाने वाले 5 ठेकेदारों की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत पर ठेकेदारों पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। केस में जांच के लिए निगम आयुक्त ने भी अधिकारी नियुक्त किया है।

जमानत खारिज, वारंट निकला

मामले में दो ठेकेदारों ने पुलिस के शिकंजे से बचने जिला कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया। याचिका खारिज होते ही डीपीसी जोन-3 ने आरोपित ठेकेदारों को पकड़ने उन पर 2-2 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया है, वहीं बुधवार को पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने गिरफ्तारी वारंट जारी कराया है। आरोपियों के मोबाइल बंद आ रहे हैं।

ट्रांजेक्शन की जांच शुरू

दो दिन पहले पुलिस ने आरोपित ठेकेदारों के बैंक खाते सीज कराए थे। खातों में 65 लाख का ट्रांजेक्शन मिला था। पुलिस ने बैंक खातों के ट्रांजेक्शनों की जांच शुरू कर दी है। सूत्रों की मानें तो 65 लाख की राशि जो बैंक खाते में जमा है, उसमें से कुछ राशि का भुगतान भी फर्जी बिल लगाकर किए जाने की बात सामने आई है।

परिवार नहीं कर रहा सहयोग

आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने उनके घर और ऑफिसों पर दबिश दी, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। परिजन भी आरोपियों के बारे में कुछ बताने को तैयार नहीं हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी जल्द गिरफ्त में नहीं आए तो इनाम की राशि बढ़ाई जा सकती है।

परिवार के बैंक खाते सीज करेंगे

पुलिस रिपोर्ट के बाद से फरार चल रहे पांचों आरोपियों को गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है। क्राइम ब्रांच की टीम के साथ मुखबिर भी सक्रिय किए गए हैं। फरारी में आरोपी आर्थिक मदद नहीं ले सकें, इसलिए उनके परिजन के बैंक खाते भी सीज किए जाएंगे।