Parliament’s Budget Session: संसद के 22 जुलाई से शुरु होने वाले बजट सत्र के भी हंगामेदार रहने की आशंका

183

Parliament’s Budget Session: संसद के 22 जुलाई से शुरु होने वाले बजट सत्र के भी हंगामेदार रहने की आशंका

गोपेन्द्र नाथ भट्ट की रिपोर्ट 

संसद का बजट सत्र 22 जुलाई, 2024 से 12 अगस्त, 2024 तक चलेगा। संसद के 21 दिवसीय इस महत्वपूर्ण सत्र में दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा में केन्द्रीय बजट को पारित कराने के साथ ही अन्य संसदीय कार्यों को भी सम्पादित किया जायेगा।आजकल एक नया फैशन प्रचलन में आ गया है जिसके अन्तर्गत महत्वपूर्ण संसदीय महत्व की जानकारियाँ भी सोशल मीडिया अकाउंट पर ही दी जाने लगी है,जबकि पहले यह जानकारियाँ राज्यसभा और लोकसभा सचिवालयों अथवा भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय पीआईबी द्वारा दी जाती थी।

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार 6 जुलाई को अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक पोस्ट किया है जिसमें संसद के आगामी बजट सत्र का ऐलान किया गया है। उन्होंने लिखा है कि भारत सरकार की संस्तुति पर भारत के माननीय राष्ट्रपति ने बजट सत्र, 2024 के लिए संसद के दोनों सदनों को 22 जुलाई, 2024 से 12 अगस्त, 2024 तक संसदीय कार्यों की अनिवार्यताओं के अधीन बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।इस दौरान 23 जुलाई, 2024 को लोकसभा में केंद्रीय बजट, 2024-25 पेश किया जाएगा।

इधर राज्यसभा सचिवालय द्वारा भी शनिवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति में राज्यसभा के महासचिव पी.सी. मुड़ी के हवाले से कहा गया है कि राष्ट्रपति महोदया ने सोमवार, 22 जुलाई, 2024 को संसदीय कार्य की अनिवार्यताओं के अधीन, नई दिल्ली में राज्यसभा की बैठक बुलाई है। यह सत्र सोमवार, 12 अगस्त, 2024 को समाप्त होने वाला है।राज्यसभा सचिवालय के उप निदेशक (मीडिया) राजेश कुमार कालरा ने भारत सरकार के मान्यता प्राप्त पत्रकारों को व्हाट्स एप ग्रुप पर यह सूचना दी हैं।

18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून को शुरू हुआ था और 2 जुलाई को संपन्न हुआ था। इसी प्रकार राज्यसभा का 264 वाँ सत्र 27 जून से शुरू होकर उसका समापन 3 जुलाई को हुआ था। 18वीं लोकसभा के प्रथम सत्र में नव निर्वाचित सांसदों की शपथ, लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव, प्रतिपक्ष के नेता की नियुक्ति और राष्ट्रपति का संसद के सयुँक्त अधिवेशन को संबोधन तथा उस पर सांसदों द्वारा चर्चा किए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्रपति के अभिभाषण पर संसद में हुई बहस का जवाब देने के साथ सम्पन्न हुआ था।लोकसभा में कांग्रेस और इंडी गठबन्धन के सांसदों की संख्या बढ़ने के कारण ट्रेजरी बैंच के साथ उनकी तकरार और तीखी बहसों के कारण इस बार पहला सत्र में हंगामेदार रहा था। राज्यसभा में प्रतिपक्ष की अगुवाई कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रतिपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में पहली बार प्रतिपक्ष के नेता बने राहुल गाँधी ने की । लोकसभा में उनके तेज तर्रार भाषण और हिन्दुत्व पर उनकी टिप्पणी से पूरे संसद और देश में एक नई बहस शुरू हो गई ।लोकसभा में लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा में सभापति उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने प्रतिपक्ष के आचरण की निंदा की। लोकसभा में आपातकाल की 50 वीं वर्षगाँठ पर लोकसभाध्यक्ष की पहल पर एक निंदा प्रस्ताव भी पारित किया गया।

अब 19 दिनों के अन्तराल के बाद फिर से शुरू होने जा रहें संसद के बजट सत्र के भी हंगामेदार रहने की आशंका है।इस सत्र में केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को केन्द्र सरकार का पूर्ण क़ालीन बजट प्रस्तुत करेगी। वे सातवीं बार वित्त मंत्री के रूप में केन्द्रीय बजट पेश करेगी और ऐसा करने वाली पहली महिला वित्त मंत्री होंगी।लोकसभा चुनाव से पहले 17 वीं लोकसभा में उन्होंने आवश्यक खर्चों को पूरा करने के लिए अन्तरिम बजट प्रस्तुत किया था। अब वे पूर्ण कालीन बजट पेश करेगीं जिसमें एनडीए सरकार के विजन का दिग्दर्शन भी होगा। संसद में बजट पारित होने के बाद राज्यों को केन्द्र से मिलने वाले अंशदान, योगदान और अनुदान की स्थिति भी स्पष्ट होगीं जिसके आधार पर प्रदेश भी अपने अपने राज्यों के पूर्ण कालीन बजट को अन्तिम रूप देंगें।

क्षेत्रफल की दृष्टि से देश के सबसे बड़े प्रदेश राजस्थान को इस बार भी केन्द्र सरकार से काफी उम्मीदें हैं। विशेष कर रेगिस्तान प्रधान और सीमावर्ती इस प्रदेश में पानी की कमी की समस्या के निराकरण के लिए विशेष राज्य का दर्जा प्रदान कर शत प्रतिशत केन्द्रीय सहायता देने और पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी ) को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना घोषित करने के साथ ही रावी-व्यास और यमुना जल सहित अंर्तराज्यीय जल और बिजली समझौतों के अनुरूप मदद दिलवाने, सीमावर्ती क्षेत्र विकास कार्यक्रमों और राज्य की सड़क परियोजनाओं के लिए अधिक केन्द्रीय सहायता, लम्बित रेल परियोजनाओं तथा अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं को पूर्ण कराने तथा केन्द्रीय करों में राज्य की भागीदारी बढ़ाने एवं केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं में राज्य की अधिक अनुपात में हिस्सेदारी तय करने, ऊर्जा परियोजनाओं के लिए कोयला संकट को दूर करने,पर्यावरणीय और ख़ान-खनिज तथा पत्थर उद्योग से जुड़ी योजनाओं, टाईगर और अन्य वन्य जीव अभयारण्यों के विकास ,टेक्सटाइल, हेंडीक्राफ्ट्स, पर्यटन और हेरिटेज संवर्द्धन से जुड़ी परियोजनाओं , अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों और अन्य हवाई अड्डों की लंबित परियोजनाओं एवं प्रदेश के किसानों विशेष कर अफीम किसानों की समस्याओं के साथ ही प्रदेश की शिक्षा,चिकित्सा और स्वास्थ्य तथा अन्य महत्वाकांक्षी योजनाओं के समाधान के लिए अधिक सहायता मिलने की उम्मीद है।

प्रदेश की भाजपा सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी , केंद्रीय रक्षा राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह , वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण,रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी, चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा तथा अन्य केंद्रीय मंत्रियों से भेंट कर राजस्थान की वाजिब माँगों को पूरा कराने और प्रदेश के हक़ों को दिलवाने की वकालत की है। केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव राजस्थान मूल के है। इसी प्रकार पर्यटन की दृष्टि से विश्व में अपना अलग ही स्थान रखने वाले राजस्थान के लिये यह भी ख़ुशी की बात है कि इस बार पर्यटन और संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत भी राजस्थान से ही है। इसके अलावा वन और पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव, क़ानून (स्वतंत्र प्रभार) और संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल तथा कृषि राज्य मन्त्री भगीरथ चौधरी भी प्रदेश का संसद में प्रतिनिधित्व कर रहें हैं । इन सबसे ऊपर उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ तथा लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला भी राजस्थान से ही है जोकि राजस्थान की वाजिब समस्यायों और लम्बित परियोजनाओं के समाधान के लिए भारत सरकार से राजस्थान को वांछित सहयोग दिलाने के लिए आगे आकर मदद करेंगे। उम्मीद है कि इस बार संसद में राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कर उसे मान्यता प्रदान करने की चिर प्रतीक्षित माँग को भी पूरा किया जायेगा अथवा संविधान संशोधन कर राज्यों की अपनी आधिकारिक राज्य भाषा का प्रावधान रखें जाने का कोई संकल्प पारित किया जायेगा।

देखना है देश के सबसे बड़े भोगौलिक प्रदेश राजस्थान को इस बार केन्द्रीय बजट से क्या क्या नये तोहफे मिलते है?

—-