Recommendation of Action Against IAS : चुनाव आयोग ने एक IAS समेत 6 के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा!

फर्जी तरीके से 34000 मतदाता परिचय पत्र डाउनलोड कर मतदान को प्रभावित करने का मामला!

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Recommendation of Action Against IAS : चुनाव आयोग ने एक IAS समेत 6 के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा!

Tirupati (Andhra Pradesh) : भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने 2021 में मार्च और अप्रैल के बीच लगभग 34 हजार मतदाता फोटो पहचान पत्र (EPIC) को अनधिकृत रूप से डाउनलोड करने के मामले में एक भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी को निलंबित करने का लिखा है। इसके अलावा उनके साथ के दो अन्य अधिकारियों और तीन आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को निलंबित करने की सिफारिश की गई। यह मामला तिरुपति लोकसभा उपचुनाव के समय का है।

इसके अलावा, चुनाव आयोग ने आरोपों की पुलिस जांच के भी आदेश दिए। आयोग ने इस मामले में प्रथम दृष्टया आयोग के आधिकारिक सर्वर के कथित दुरुपयोग का उल्लेख किया। यहीं से कथित रूप से मतदाता फोटो पहचान पत्र डाउनलोड किए गए थे और उप-चुनाव के दौरान उनका दुरुपयोग भी किया गया। बताया गया कि ये सभी मतदाता फोटो पहचान पत्र तत्कालीन चुनावी पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) के लॉगिन से डाउनलोड किए गए, जो उस समय तिरुपति नगर निगम के आयुक्त के रूप में कार्यरत थे। वर्तमान में वे एक जिले के कलेक्टर के रूप में पदस्थ है। आयोग ने तत्कालीन सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (एईआरओ) और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को भी निलंबित करने की सिफारिश की है।

दिसंबर 2023 में भाजपा द्वारा तिरूपति लोकसभा उपचुनाव से संबंधित मतदाता सूची में उल्लंघनों के खिलाफ दर्ज कराई थी। उस आधार पर चुनाव आयोग ने ये कार्रवाई की। तत्कालीन ईआरओ व अन्य के निलंबन से संबंधित फाइल अधिकृत अधिकारियों के पास है। गुंटूर के वेलागापुडी स्थित राज्य सचिवालय के सूत्रों के अनुसार आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव जवाहर रेड्डी कुछ दिनों में इस मामले में कार्रवाई कर सकते हैं।

जानकारी में बताया गया कि चुनाव आयोग के सर्वर से मतदाता परिचय पत्र के किसी भी संशोधन, परिवर्तन और डाउनलोड के लिए, ईआरओ की लॉगिन क्रेडेंशियल अनिवार्य है। ईआरओ के माध्यम से आयोग की वेबसाइट में लॉग इन करने के लिए अधिकृत अधिकारी के मोबाइल नंबर को एक वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) मिलता है और पोर्टल में कोई भी ऑपरेशन करने से पहले इसे दर्ज करना आवश्यक है। उस समय, ईसीआई ने ईआरओ को दिन में एक बार लॉगिन करने के बाद, पूरे दिन पोर्टल संचालित करने की अनुमति दी थी।

आईएएस अधिकारी ने आरोपों को नकारा

आईएएस अधिकारी ने इसमें अपनी कथित भूमिका से इनकार किया है, लेकिन उस समय उनके पद के अनुसार वे चुनाव आयोग के रडार पर हैं। उन्हें जांच में सहयोग करने के साथ अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी। फिर भी, वे अपने लॉगिन के दुरुपयोग और फोटो मतदाता परिचय पत्र डाउनलोड करने के लिए मुख्य जिम्मेदार अधिकारियों में है। विपक्षी दलों ने तब आरोप लगाया था कि सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने ईपीआईसी में हेरफेर किया और फर्जी मतदाताओं के माध्यम से वोट डाले। उस उपचुनाव में, वाईएसआरसीपी के उम्मीदवार मद्दीला गुरुमूर्ति ने टीडीपी के पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री पनाबाका लक्ष्मी को 14% से अधिक मतों के अंतर से हराया था।