Silver Screen:सिनेमा के दर्शकों के सिर चढ़कर बोलने लगा ओटीटी का जादू! 

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Silver Screen:सिनेमा के दर्शकों के सिर चढ़कर बोलने लगा ओटीटी का जादू! 

कोरोना काल के बाद मनोरंजन का चेहरा काफी कुछ बदल गया। महामारी के कारण जब सारे सिनेमाघर बंद कर दिए गए थे, उस दौर में दर्शकों की मनोरंजन की कमी ओटीटी प्लेटफॉर्म ने पूरी की। करीब डेढ़ साल तक इसी माध्यम दर्शकों ने कई घंटों तक दिल बहलाया। तब तो इस तरह की समीक्षा का समय नहीं था कि ओटीटी प्लेटफार्म पर क्या अच्छा है और नहीं! पर, जब कोरोना काल ख़त्म हुआ और सिनेमा घरों के दरवाजे खुले, तब भी दर्शकों का ओटीटी मोह ख़त्म नहीं हुआ। अब महामारी के वे बुरे दिन बीत गए, फिल्मों का पुराना दौर लौट आया, फिर भी ओटीटी का मोह ख़त्म नहीं हुआ। कोरोना के समय तो ओटीटी पर दर्शकों ने अपनी पसंद-नापसंद का ध्यान नहीं रखा। क्योंकि, उस समय मनोरंजन का कोई और विकल्प नहीं था, पर अब ओटीटी ने अपना स्तर फिल्मों की तरह सुधार लिया। बल्कि, कुछ मामलों में फिल्मों से बेहतर हो गया। जिस फिल्म इंडस्ट्री को अपने सर्वशक्तिमान होने का दंभ था, वह भी ओटीटी के सामने शरणागत हो गया।

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एक समय था जब फिल्मों में वही चलता, जिसका नाम होता था। प्रतिभा होने के बावजूद नए कलाकारों को बड़ी मुश्किल से मौका मिलता रहा। लेकिन, अब वो दौर नहीं रहा। ओटीटी ऐसे कई ऐसे नए कलाकारों को सामने लाने और अपनी अदाकारी दिखाने का जरिया बना, जिनके सपनों पर जंग लगने लगी थी। इनमें कई ऐसे चेहरे भी हैं, जिन्हें फिल्मकारों ने नकार दिया था, पर आज वे ओटीटी के सितारे हैं। फिल्म इंडस्ट्री में यह बदलाव बरसों बाद आया। दरअसल, ये हालात दो तरह से आए। एक तो नए कलाकारों को इस प्लेटफॉर्म ने मौका दिया और सिनेमा के नामी सितारों को इस सच्चाई से वाकिफ कराया कि अच्छा कथानक, अच्छा निर्देशन और अच्छी अदाकारी कहीं भी हो उसे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।

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जयदीप अहलावत आज ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आने वाली वेब सीरीज के बड़े कलाकार हैं। उनकी अपनी पहचान है। पर, एक समय वे फिल्मों में छोटे-मोटे रोल तक सीमित थे। अक्षय कुमार की फिल्म ‘खट्टा मीठा’ और आलिया भट्ट की ‘राज़ी’ से उन्हें पहचाना तो गया, पर उतना काम नहीं मिला। लेकिन, ‘पाताल लोक’ वेब सीरीज ने उन्हें दर्शकों की आंख में ला दिया। अपनी अदाकारी से उन्होंने साबित कर दिया, कि वे जिस तरह के कलाकार थे, उसे सिर्फ ओटीटी ने साबित किया। ऐसे ही एक कलाकार हैं प्रतीक गांधी जिन्होंने हर्षद मेहता पर बनी वेब सीरीज ‘1992 : द स्कैम’ में लीड रोल किया और देखने वालों के दिल पर छा गए। जबकि, इससे पहले वे गुजराती फिल्मों और थिएटर तक सीमित थे। वे अच्छे कलाकार हैं, पर उन्हें पहचाना गया ओटीटी की वेब सीरीज जरिए ही।

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‘मिर्ज़ापुर’ जैसी हिट वेब सीरीज़ में निगेटिव लीड रोल निभाने वाले दिव्येंदु शर्मा को ‘बत्ती गुल मीटर चालू’ में श्रद्धा कपूर के साथ रोमांस करने का मौका इसीलिए मिला कि उन्होंने ‘मिर्जापुर’ से नाम कमाया। सीज़न 2 में उनका कैरेक्टर खत्म जरूर हो गया, पर उनके मुन्ना भैया के किरदार को भुलाया नहीं जा सकेगा। फिल्म इंडस्ट्री में विक्रांत मेसी दस साल तक छोटे-छोटे किरदार निभाते रहे। लेकिन, सितारों की रोशनी में उनकी कोई चमक दिखाई नहीं देती थी। लेकिन, जब वे ‘मिर्ज़ापुर’ वेब सीरीज़ में बबलू और ‘क्रिमिनल जस्टिस’ में आदित्य बने तो दर्शकों ने उनकी अदाकारी लोहा माना। मानवी गगरू ने नो वन किल्ड जेसिका, आमरस में और यहाँ तक कि ‘पीके’ में भी सपोर्टिंग रोल किए। किंतु, जब दर्शकों ने ‘ट्रिपलिंग’ में मानवी को देखा तो वे समझ गए इस लड़की की ऐक्टिंग में दम है। इसके बाद ही उन्हें ‘शुभ मंगल ज़्यादा सावधान’ और ‘उजड़ा चमन’ जैसी फिल्मों में लीड रोल का मौका मिला।

वेब सीरीज ‘फर्जी’ में अपराध की दुनिया में शाहिद कपूर के पार्टनर बने भुवन अरोड़ा ने फ़िरोज़ की भूमिका में अपने काम से दर्शकों को प्रभावित किया। यह अब तक कि सबसे स्ट्रीमिंग वेब सीरीज में से एक है। टीवी सीरियल में करण टॅकर जाना माना नाम थे। लेकिन, उनके करियर में मोड़ आया नीरज पांडे के ‘स्पेशल ऑप्स’ से। इसमें उन्होंने अपनी वास्तविक प्रतिभा दिखाई। ‘खाकी: द बिहार चैप्टर’ में आईपीएस अमित लोढ़ा की लाइफ को चित्रित करते हुए प्रशंसा अर्जित की। ये भी सफल ओटीटी शो में से एक रहा। इसी तरह ताहा शाह बदूशा ने ‘लव का द एंड’ में श्रद्धा कपूर के साथ चॉकलेट बॉय का रोल निभाया। उन्होंने मैग्नम ओपस, ताज: डिवाइडेड बाय ब्लड के साथ खतरनाक राजकुमार मुराद के किरदार में अपना कौशल दिखाया। इस शो ने मुगल राजवंश के कई अनकहे रहस्यों को उजागर किया और ताहा को एक कलाकार के रूप में पहचान दी।

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वेब सीरीज ‘क्लास’ में नीरज की भूमिका में गुरफतेह सिंह पीरजादा ने अपनी अलग छाप छोड़ी। स्पेनिश हिट शो ‘एलीट’ के रूपांतरण शो ‘क्लास’ ने अपना मूल भाव नहीं खोया और ओटीटी के दर्शकों की भावनाओं झंकृत कर दिया। गुरफतेह सिंह पीरजादा को दर्शकों ने पहले ‘ब्रह्मास्त्र’ और ‘गिल्टी’ में भी देखा था। लेकिन ‘क्लास’ में गंभीर प्रदर्शन से अलग बनाई। वेब सीरीज ‘जुबली’ ने नए सितारे सिद्धांत गुप्ता को जन्म दिया। आत्मविश्वास से भरपूर किरदार में उन्होंने दर्शकों को प्रभावित किया। उन्हें भविष्य के सबसे होनहार सितारों में से एक बना दिया। ‘इनसाइड एज’ और ‘सिल्वर स्क्रीन’ पर अपने काम की काबिलियत की झलक दिखाने के बाद सिद्धांत गुप्ता ने ‘जुबली’ से अपनी क्षमता को साबित किया। थिएटर से आने वाले जिम सर्भ ने फिल्म और ओटीटी समेत सभी माध्यमों पर अपनी छाप छोड़ी। इसके अलावा ‘पद्मावत’ और ‘मेड इन हेवन’ जैसी फिल्मों में भी उन्होंने अच्छा काम किया। ‘रॉकेट बॉयज़’ में डॉ होमी भाभा के किरदार में उन्होंने न केवल प्रशंसा बटोरी बल्कि पुरस्कारों में भी हिस्सेदारी की। ये वो कलाकार हैं जिन्हें दर्शक चेहरे से जानते हैं।

कोरोना काल समाप्त हो गया, पर महामारी के दौर ने दर्शकों को घर में ही मनोरंजन की दुकान का रास्ता जरूर बता दिया। जब टीवी आया, तब भी मनोरंजन की दुनिया में इतना बड़ा बदलाव नहीं आया था, जो ओटीटी से आया। सबसे बड़ा चमत्कार तो यह हुआ कि बड़े परदे के नामी सितारों ने भी ओटीटी में अपनी हिस्सेदारी ढूंढ ली। सिर्फ एक्टिंग में ही नहीं वेब सीरीज निर्माण में भी ये सितारे और फ़िल्मकार उतर आए। संजय लीला भंसाली के बाद अब फिल्म इंडस्ट्री में उनसे कोई बड़ा डायरेक्टर नहीं बचा, जो ओटीटी में नहीं आया हो! अब दर्शक घर में बैठकर मनोरंजन करना पसंद करने लगे। बॉबी देओल, नसीरुद्दीन शाह, अरशद वारसी काजोल, करिश्मा कपूर और अभिषेक बच्चन जैसे कई कलाकारों ने ओटीटी पर डेब्यू किया। कई नामचीन और बड़े स्टार्स ने फिल्मों और वेब सीरीज के जरिए डेब्यू किया। रवीना टंडन ने ओटीटी पर अपना डेब्यू ‘आरण्यक’ के साथ किया। इसमें वे पुलिस वाले की भूमिका निभा रही हैं। वे एक हत्या के मामले का पता लगाने के लिए कोई मौका नहीं छोड़ती है।

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अजय देवगन की रूद्र, रवीना टंडन की आरण्यक, माधुरी की ‘फेम गेम’ और सुष्मिता सेन की आर्या-1 और आर्या-2। ने इन्हें नईदुनिया रास्ता दिखा दिया। अजय देवगन ‘रुद्र : द एज ऑफ डार्कनेस’ की रिलीज के साथ अपना एक्चुअल ओटीटी डेब्यू करने वाले हैं। इस सीरीज में वे एक पुलिस वाले की भूमिका निभाते हुए नजर आएंगे। उनके साथ ईशा देओल भी हैं। माधुरी भी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आ चुकी है। अपने वेब शो ‘फाइंडिंग अनामिका’ से उन्होंने ओटीटी पर डेब्यू किया। यह एक थ्रिलर शो है। सोनाक्षी सिन्हा ने ‘फॉलन’ सीरीज से अपना ओटीटी डेब्यू किया। फिल्मों में बड़ी पहचान की मोहताज रही सुष्मिता सेन ने भी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अपना जलवा दिखाया। उनकी वेब सीरीज ‘आर्या’ में अपनी एक्टिंग से दर्शकों को उन्होंने चौंका दिया। इस शो का दूसरा सीजन भी आ गया। ओटीटी प्लेटफॉर्म के सराहे जाने के बाद कई सितारों ने ओटीटी पर डेब्यू किया। शाहिद कपूर ने वेब सीरीज ‘फर्जी’ से ओटीटी पर कमाल दिखाया। अनिल कपूर ने 66 की उम्र में ‘द नाइट मैनेजर’ से माध्यम को अपनाया। मनीष पॉल जैसे होस्ट और एक्टर ने फिल्म ‘रफूचक्कर’ से ओटीटी पर डेब्यू किया। आदित्य रॉय कपूर ने भी वेब सीरीज ‘द नाइट मैनेजर’ से ओटीटी पर धमाकेदार एंट्री की। करीना कपूर भी ओटीटी पर डेब्यू किया। वे ‘जाने जान’ में नजर आई। सोनाक्षी सिन्हा ने भी ‘दहाड़’ वेब सीरीज से ओटीटी पर कदम रखा।

मनोज बाजपेयी ने ऐसे किरदार निभाए, जिनकी तारीफ की गई। उन्हें हमेशा एक अच्छे कलाकार के तौर पर लोग याद किया गया। उनकी वेब सीरीज ‘द फैमिली मैन’ सीरीज ने उन्हें ओटीटी का बड़ा स्टार बना दिया। ‘सेक्रेड गेम्स’ से सैफ अली खान ने ओटीटी पर डेब्यू किया और दर्शकों को लुभा लिया। नवाजुद्दीन सिद्दीकी भी बड़े अभिनेताओं की लिस्ट में हैं। काजोल ड्रामा सीरीज़ ‘द ट्रायल’ में अपने प्रदर्शन और ‘लस्ट स्टोरीज़-2’ में अपनी भूमिका के साथ ओटीटी की दुनिया में भी कदम रखा। पंकज त्रिपाठी तो अपने प्रभावशाली अभिनय के लिए मशहूर हैं। मिर्जापुर, सेक्रेड गेम्स और ‘क्रिमिनल जस्टिस’ जैसी वेब सीरीज़ में उनकी भूमिकाओं ने उन्हें पहचान दिलाई। कियारा आडवाणी ने ‘लस्ट स्टोरीज़’ और ‘गिल्टी’ जैसे प्रोजेक्ट से ओटीटी पर नाम कमाया। नरगिस फाखरी ने ‘टटलूबाज’ में अभिनय के साथ काम शुरू किया। ओटीटी पर मनोज बाजपेयी की यात्रा असाधारण रही। ओटीटी ने उन्हें डिजिटल दुनिया में ख़ास भूमिका निभाने वाले कलाकार के रूप में स्थापित किया। द फैमिली मैन, रे, गुलमोहर और ‘बंदा’ जैसे शो उनकी प्रतिभा का प्रतीक है।

फिल्म इंडस्ट्री में कई कलाकार ऐसे हैं, जिनका सितारा बहुत कम वक्त के लिए ही चमका। इन कलाकारों ने जब इंडस्ट्री में कदम रखा तो दर्शकों ने जमकर प्यार लुटाया। लेकिन, बाद में इनके सितारे गर्दिश में चले गए। बॉबी देओल ऐसे ही कलाकार हैं। बॉबी की ही तरह कई ऐसे कलाकार हैं, जिनके करियर को ओटीटी ने बचाया। इस माध्यम ने ऐसे कई कलाकारों को जीवनदान दिया। बरसात, बिच्छू, सोल्जर और ‘बादल’ जैसी फिल्मों से चमके बॉबी देओल का अचानक ही बुरा वक्त शुरू हो गया। पर, ओटीटी ने उन्हें फिर स्टार बना दिया। बॉबी की ‘आश्रम’ सीरीज ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। अब तक इसके तीन सीजन आ गए। ऐसे ही अभिषेक बच्चन ने बॉब बिस्वास, दसवीं और ‘द बिग बुल’ जैसी फिल्मों से अपनी अलग पहचान बनाई है। जैकलीन फर्नांडिस ने ‘मिसेस सीरियल किलर’ से दर्शकों को बता दिया है कि अच्छे रोल मिलें तो वे कमाल कर सकती हैं। अर्जुन कपूर ने कोरोना काल के दौरान भूत पुलिस, संदीप और पिंकी फरार और ‘सरदार का ग्रैंडसन’ जैसी फिल्में ओटीटी पर रिलीज की। अभी आगे देखना है कि ओटीटी मनोरंजन की दुनिया में कहां-कहां अपना जादू चलाता है।

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हेमंत पाल

चार दशक से हिंदी पत्रकारिता से जुड़े हेमंत पाल ने देश के सभी प्रतिष्ठित अख़बारों और पत्रिकाओं में कई विषयों पर अपनी लेखनी चलाई। लेकिन, राजनीति और फिल्म पर लेखन उनके प्रिय विषय हैं। दो दशक से ज्यादा समय तक 'नईदुनिया' में पत्रकारिता की, लम्बे समय तक 'चुनाव डेस्क' के प्रभारी रहे। वे 'जनसत्ता' (मुंबई) में भी रहे और सभी संस्करणों के लिए फिल्म/टीवी पेज के प्रभारी के रूप में काम किया। फ़िलहाल 'सुबह सवेरे' इंदौर संस्करण के स्थानीय संपादक हैं।

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