स्थापना दिवस पर विशेष:जनपरिषद – रचनात्मक प्रयासों के शानदार 35 वर्ष – यह मंजिल नहीं पड़ाव है

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स्थापना दिवस पर विशेष:जनपरिषद – रचनात्मक प्रयासों के शानदार 35 वर्ष – यह मंजिल नहीं पड़ाव है

 

मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल द्वारा 

जनपरिषद सामाजिक और सार्वजनिक क्षेत्र में देश – प्रदेश में कार्यरत प्रमुख अराजनीतिक संस्था है जो विभिन्न वर्गों में प्रामाणिकता और विश्वास का प्रतीक बनकर उभरी है ।अपनी स्थापना के उल्लेखनीय 35 वर्ष पूर्ण करने जारही जनपरिषद राजधानी भोपाल में विशिष्ट आयोजन करने जारही है ।

सांस्कृतिक , सामाजिक , संगीत गतिविधियों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में समाज में श्रेष्ठ योगदान करने वाले अग्रणी व्यक्तित्व का सम्मान होगा ।

 

संस्था को ऊंचाई पर लेजाने में पूर्व डीजीपी और जन परिषद के मुखिया श्री एन के त्रिपाठी एवं अन्य विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधि हस्ताक्षर वरिष्ठ पदाधिकारियों का सक्षम नेतृत्व, प्रांतीय संयोजक रामजी श्रीवास्तव व साथियों की अतुलनीय मेहनत एवं प्रयासों से तथा जन परिषद के अनेक शुभचिंतक पत्रकार मित्रों के बेमिसाल और अतुलनीय सहयोग से , संस्था जन परिषद, आगामी 30 जून 2024 को अपनी रचनात्मक यात्रा के सुनहरे 35 वर्ष पूर्ण कर रही है l

 

जनपरिषद का ध्येय ही संस्था नहीं परिवार माना गया है और उसी आधार पर संस्था के बैनर तले रचनात्मक प्रयासों का सिलसिला चल रहा है , सकारात्मक गतिविधियों की लंबी श्रृंखला देश – प्रदेश में फैले चैप्टर जारी रखे हुए हैं ।

 

एक तरफ यात्रा का यह 35 वर्ष का पड़ाव प्रफुल्लित कर रहा है तो दूसरी ओर उनको उन तमाम सहयात्रियों की याद भी दिला रहा है, जिन्होंने पूरे समर्पित भाव से जन परिषद को पल्लवित किया परंतु आज वे उनके बीच नहीं हैं l बिछुड़े साथी मित्रों की स्मृतियों को नमन करते हैं । वे जहां भी होंगे , अपने लगाए पौधे के इस विराट रूप को देखकर प्रसन्न होंगे तथा अपना अपना आशीर्वाद प्रदान कर रहे होंगे , उन्हें जन परिषद ने अपनी ओर से कृतज्ञ श्रद्धांजलि अर्पित की है l

 

संस्था के संयोजक एवं वरिष्ठ पत्रकार रामजी श्रीवास्तव के अनुसार जन परिषद ने भले ही गत 35 वर्षों में अनेक ऐतिहासिक एवं रचनात्मक कार्य किए हों, दस अंतराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंसो ( तीन विदेशो मे )ंं

का आयोजन किया हो,कई विधाओं के हजारों गुमनाम से परंतु बिरले प्रतिभा के धनी व्यक्तित्वों को गरिमापूर्ण ढंग से सम्मानित किया हो , इस यात्रा में हजारों लाखों लोग जन परिषद से जुड़े हों, पूरे देश में जन परिषद के 210 चैप्टर्स गठित हुए हों , कई राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के व्यक्तित्व जन परिषद से जुड़े हों , परंतु फिर भी जन परिषद की असल ताकत वे चैप्टर्स हैं और माननीय सदस्य हैं, जो निस्वार्थ भाव से समाजसेवा के क्षेत्र में सक्रिय हैं l जन परिषद उन्हें प्रणाम करना नहीं भूलती है l

 

ज्ञात हो , जन परिषद राष्ट्रीय स्तर की सामाजिक संस्था है, जो कि गत 35 वर्षों से सामाजिक एवम् रचनात्मक कार्यों में सक्रिय होने के साथ साथ, कई ऐतिहासिक एवम् अभूतपूर्व संदर्भ ग्रन्थों का प्रकाशन कर चुकी है। और अब जन परिषद सबके प्रयासों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदार्पण करने का विनम्र प्रयास कर रही है

हमारी इस यात्रा में प्रत्येक वर्ग से सक्रिय , समर्पित प्रबुद्धजनों की सहभागिता है ।

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जन परिषद ने भले ही गत 35 वर्षों में अनेक ऐतिहासिक एवं रचनात्मक कार्य किए हों, दस अंतराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंसो ( तीन विदेशो मे )ंं

का आयोजन किया हो,कई विधाओं के हजारों गुमनाम से परंतु बिरले प्रतिभा के धनी व्यक्तित्वों को गरिमापूर्ण ढंग से सम्मानित किया हो , इस यात्रा में हजारों लाखों लोग जन परिषद से जुड़े हों, पूरे देश में जन परिषद के 210 चैप्टर्स गठित हुए हों , कई राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के व्यक्तित्व जन परिषद से जुड़े हों , परंतु फिर भी जन परिषद की असल ताकत वे चैप्टर्स हैं और माननीय सदस्य हैं, जो निस्वार्थ भाव से समाजसेवा के क्षेत्र में सक्रिय हैं l प्रणाम हैं उन्हें, साधुवाद हैं उन्हें l

जैस कि आप जानते हैं कि जन परिषद राष्ट्रीय स्तर की सामाजिक संस्था है, जो कि गत 35 वर्षों से सामाजिक एवम् रचनात्मक कार्यों में सक्रिय होने के साथ साथ, कई ऐतिहासिक एवम् अभूतपूर्व संदर्भ ग्रन्थों का प्रकाशन कर चुकी है। और अब आप सबके संबल से जन परिषद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदार्पण करने का विनम्र प्रयास कर रही है l अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आपकी अपनी जन परिषद को, इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ पीपल ,कहा जायेगा , जिसका शाब्दिक अर्थ है अंतर्राष्ट्रीय जन परिषद l

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संस्था प्रतिवर्ष उन व्यक्तियों को अलंकृत करती है जो कि रचनात्मक एवम् सामाजिक सुधार के कार्यों को मूर्तरूप दे रहे हैं।संस्था का मुख्य आधार मानवीय , सामाजिक एवम् राष्ट्रीय दृष्टिकोण है l

जनपरिषद के एक समारोह में प्रदेश के उप लोकायुक्त जस्टिस माननीय श्री एस के पालो ने कहा था कि जन परिषद का *वर्तमान स्वरूप जन परिषद की मंजिल नहीं बल्कि एक पड़ाव है* , उनका इस एक वाक्य को जन परिषद ने एक तरफ अपने लिए आशीर्वाद माना तो दूसरी तरफ और आगे बढ़ने एवं प्रोत्साहित होने का मूलमंत्र l

संस्था की इस यात्रा में संस्था को प्रत्येक वर्ग से संबल और आशीर्वाद मिला है, पर श्री श्रीवास्तव के अनुसार पत्रकार बंधुओं ने , बिना किसी व्यवसायिक हित के ,जो अतुलनीय सहयोग दिया है , उसकी जितनी सराहना की जाए , कम है l

इस यात्रा में जन परिषद टीम ने अनेक खट्टे मीठे अनुभव भी किए , मान भी पाया और कई बार अपमान भी सहा,लेकिन पूरी टीम अपने लक्ष्य से भटकी नहीं l और उसी का परिणाम है उनका , आज का यह उत्साहजनक एवं सुखद पड़ाव l

 

संस्था के उपाध्यक्ष एवं पूर्व डीजीपी श्री महान भारत कहते हैं कि हम सब मिलकर कोशिश करेंगे कि रचनात्मक यात्रा का यह सिलसिला चलता रहे , तथा यह अभियान और ज्यादा तेज गति से चले l वे करते हैं कि रचनात्मक दृष्टिकोण वाले व्यक्तियों को इस सिलसिले से जुड़कर ,संस्था को अपना अपना आशीर्वाद और संबल प्रदान करना चाहिए क्योंकि दिग्गज फिल्म अभिनेता श्री यशपाल शर्मा का कहना है कि वर्तमान परिवेश में जन परिषद जैसी संस्थाएं ,समाज की आवश्यकता हैं l

जन परिषद ने इस वर्ष पर्यावरण संरक्षण हित में गतिविधियां संचालित करने का संकल्प लिया है और विभिन्न चैप्टर्स द्वारा कार्य किया जारहा है । आगामी सितम्बर माह में इंडोनेशिया और सिंगापुर में भी अंतरराष्ट्रीय सेमिनार आयोजित है ।

स्थापना दिवस के मौके पर पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन हित में सामुहिक प्रयासों पर बल दिया जारहा है । समाज , स्वयं सेवी संगठन , स्थानीय जनसमुदाय के साथ जनपरिषद मिलकर कार्य कर रही है । इसके अच्छे परिणाम की उम्मीद है ।