Strange Arguments for Divorce :  पत्नी दोस्तों के लिए चाय तक नहीं बनाती, परेशान पति ने मांगा तलाक!

हाई कोर्ट ने खारिज कर दी पति की अर्जी, चाय नहीं बनाने को अत्याचार नहीं माना! 

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Strange Arguments for Divorce :  पत्नी दोस्तों के लिए चाय तक नहीं बनाती, परेशान पति ने मांगा तलाक!

 

Chandigarh : पत्नी के व्यवहार से तंग एक पति ने फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी डाली। कहा कि बीवी ने उसकी जिंदगी नर्क बना दी। हर छोटी बात पर झगड़ा करती है। घर पर कोई दोस्त या रिश्तेदार आ जाए तो खाना पूछना तो दूर, चाय तक नहीं बनाकर देती। पति की गुहार को फैमिली कोर्ट ने अनसुना कर दिया। परेशान पति ने फिर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। वहां से भी उसे वही जवाब मिला। अदालत ने कहा कि इस आधार पर तो तलाक की मांग को मंजूर नहीं कर सकते। हाई कोर्ट ने भी पति की याचिका खारिज कर दी।
फैमिली कोर्ट से तलाक न मिलने पर पति ने हाई कोर्ट का रुख किया। उसकी अपील थी कि फैमिली कोर्ट के फैसले को खारिज कर तलाक की अर्जी मंजूर की जाए। अपनी याचिका में पति ने कहा कि पत्नी जरा-जरा सी बात पर उससे झगड़ती है। घर में रोज कलह होती है। उसकी वैवाहिक जिंदगी तबाह हो गई। शादीशुदा जिंदगी में तनाव का असर उसके काम पर पड़ने लगा है।
शिकायत में कहा गया कि पत्नी पति के रिश्तेदारों या दोस्तों से सीधे मुंह बात नहीं करती। कभी कोई आ जाता है तो पत्नी चाय बनाकर तक नहीं देती, खाने की तो बात छोड़िए। पति ने अर्जी में कहा कि पत्नी से तनावपूर्ण रिश्तों के चलते उसकी बाकी जिंदगी पर असर पड़ रहा है. दोस्त और रिश्तेदार नाराज हो गए हैं। परिस्थितियां ऐसी हैं कि दोनों लोग खुश नहीं रह पा रहे इसलिए तलाक मंजूर किया जाए।
मामला जस्टिस सुधीर सिंह और जस्टिस हर्ष बुंगर की बेंच के सामने आया. हाई कोर्ट ने कहा कि पति-पत्नी के बीच मामूली कहासुनी को तलाक का आधार नहीं बनाया जा सकता। हाई कोर्ट के अनुसार, पत्नी अगर पति के रिश्तेदारों या दोस्तों के लिए चाय नहीं बनाती तो यह अत्याचार नहीं कहा जा सकता। बेंच ने कहा कि इस तरह की बातें शादी के ताने-बाने का हिस्सा हैं, जिसके लिए पति और पत्नी को तैयार रहना चाहिए। अदालत ने पति की अर्जी खारिज कर दी।