Operation Hospital कलेक्टर ने मरीज बनकर हॉस्पिटल की हकीकत जानी!

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हाथरस। यहां के कलेक्टर रमेश रंजन (Ramesh ranjan) ने मरीज बनकर हाथरस अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्था देखीं और डॉक्टर्स पर कार्रवाई की।

उन्होंने अस्पताल से गैरहाज़िर 8 डॉक्टर्स का एक दिन का वेतन काटने के आदेश दिए।

बुखार और डेंगू के प्रकोप के बीच स्वास्थ्य सेवाओं की पड़ताल के लिए कलेक्टर मरीज बनकर बाइक से जिला अस्पताल पहुंचे। वहां उन्हें कई डाक्टर गैरहाज़िर मिले। उन्होंने ऐसे 8 डाक्टरों का एक दिन का वेतन रोकने के निर्देश दिए। उन्होंने CMS से भी स्पष्टीकरण मांगा और व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए।

हाथरस जनपद में बुखार का प्रकोप फैला हुआ है। संचारी रोग नियंत्रण अभियान भी शुरू हो गया। इसी को लेकर कलेक्टर अपने स्टेनो शैलेष वर्मन के साथ बाइक से जिला अस्पताल पहुंचे।

उन्होंने रमेश नाम से ही अपना पर्चा बनवाया। जबकि, स्टेनो शैलेष वर्मन ने अपने नाम से। इसके लिए एक-एक रुपए का भुगतान किया। जब कलेक्टर जिला अस्पताल के अंदर पहुंचे तो मरीजों की भीड़ लगी थी। अलग-अलग बीमारी के लिए OPD के बाहर मरीज लाइन में लगे थे। लेकिन, डाक्टर नहीं थे।

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इसी दौरान कलेक्टर भी मास्क पहनकर जिला अस्पताल परिसर में बनी बेंच पर बैठ गए। उन्होंने पर्चे में दांत में दर्द होना लिखवाया था। डॉक्टर नहीं आने पर वे वार्डों का निरीक्षण करने निकल गए। बच्चा वार्ड में कुछ बच्चे और उनके परिजन थे, पर डॉक्टर नहीं थे। इसके बाद कलेक्टर ने इमरजेंसी वार्ड का निरीक्षण किया।

करीब 45 मिनट तक कलेक्टर जिला अस्पताल परिसर में मौजूद रहे। बाद में उन्होंने CMS को गैरहाज़िर डॉक्टर्स पर कार्रवाई करने और स्पष्टीकरण लेने करने के निर्देश दिए।

निरीक्षण के दौरान सफाईकर्मी ने कलेक्टर को पहचान लिया। करीब 25 मिनट तक तो कलेक्टर रमेश रंजन को जिला अस्पताल में न तो स्टाफ और न मरीज पहचान पाए। मगर काफी देर बाद एक सफाईकर्मी ने कलेक्टर को पहचान लिया। इसके बाद यह बात पूरे अस्पताल में फैल गई। थोड़ी ही देर में CMS भी वहां पहुंच गए।

अनुपस्थित मिले ये डॉक्टर
जिला अस्पताल में अनुपस्थित डाक्टरों में डा अमित शर्मा, डा एके मौर्या, डा केके शर्मा, डा डीके शर्मा, डा मल्होत्रा, डा सागर हैं। निरीक्षण के समय मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सूर्य प्रकाश मिले।

इसके बाद जिलाधिकारी प्रथम तल पर डाक्टरों के बने कक्षों में पहुंचे, वहां पर भी कोई डाक्टर उपस्थित नहीं मिला। इसके बाद कलेक्टर महिला अस्पताल पहुंचे, वहां पर भी कोई डाक्टर उपस्थित नहीं मिली। महिला अस्पताल में सीएमएस रूपेंद्र गोयल अनुपस्थित मिले।

महिला अस्पताल में डा रचना व डा मंजू रानी की ड्यूटी थी, जो अनुपस्थित मिलीं। अस्पताल में बेडों पर शीट धुली हुई नहीं थी, गंदगी मिली, शौचालय गंदे मिले तथा पानी भी नहीं था। डस्टबिन खुले व गंदे मिले।

कलेक्टर इमरजेंसी में पहुंचे तो डा रमेश की ड्यूटी थी, जो अनुपस्थित मिले। गैरहाज़िर डाक्टरों का वेतन रोकने के आदेश दिए हैं। उनसे स्पष्टीकरण भी मांगा है।

इधर, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सूर्य प्रकाश से अधीनस्थ डाक्टरों व अन्य कार्मिकों पर नियंत्रण न होने के कारण स्पष्टीकरण तलब किया है। महिला अस्पताल के सीएमएस से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है।