सरकार 5 लाख पेंशनरों को समय पर महंगाई राहत न देकर आर्थिक हितों पर कर रही कुठाराघात,पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के संरक्षक जोशी ने लगाया आरोप!

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सरकार 5 लाख पेंशनरों को समय पर महंगाई राहत न देकर आर्थिक हितों पर कर रही कुठाराघात,पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के संरक्षक जोशी ने लगाया आरोप!

भोपाल: प्रदेश के लगभग 5 लाख पेंशनरों के खातों में बढ़ाई गई चार प्रतिशत महंगाई राहत 1 साल बाद मिली है । नियमित कर्मचारियों के मुकाबले इन्हें जुलाई 23 की बजाय मार्च 24 से महंगाई राहत दी गई। इस तरह इन्हें 8 महीने का नुकसान हुआ है ।

पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के संरक्षक गणेश दत्त जोशी ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश के वृद्ध, बीमार एवं असहाय पेंशनरों को समय पर महंगाई राहत न देकर आर्थिक हितों पर लगातार कुठाराघात कर रही है ।
सरकार ने छठवें वेतनमान में न्यूनतम पेंशन रुपए 3500 के स्थान पर 3025 निर्धारित कर 475 रुपए की प्रतिमाह हानि पहुंचाई है, जिससे पचपन हजार पारिवारिक पेंशन पाने वालों का अहित हुआ है इतना ही नहीं छठवें वेतनमान का लाभ 1 जनवरी 2006 के स्थान पर अगस्त 2008 से दिया गया। इस प्रकार पेंशनरों के 32 माह के एरियर्स की राशि दी ही नहीं गई । सातवां वेतनमान का भुगतान 1 जनवरी 16 के स्थान पर 1 अप्रैल 2018 से कर 27 माह की आर्थिक हानि पहुंचाई गई । न्यूनतम पेंशन भी रुपए 9000 के स्थान पर रुपए 7775 निर्धारित की गई इस कारण पारिवारिक पेंशन पाने वाले लगभग साठ हजार पेंशनरो को रुपए 1225 की हर माह हानि उठानी पड़ रही है ।

पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष आमोद सक्सेना ने बताया की 1 जुलाई 2019 से 5% महंगाई राहत बढ़ाने का निर्णय लेते हुए मध्य प्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 के तहत छत्तीसगढ़ को लिखा गया । छत्तीसगढ़ सरकार ने 1 जुलाई 19 के स्थान पर 1 जुलाई 2021 से दी गई सहमति को प्रदेश सरकार ने 1 अक्टूबर 2021 से लागू किया ।

सक्सेना ने बताया कि छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश सरकार महंगाई राहत देने के संबंध में राष्ट्रीय मूल सूचकांक के विपरीत स्वयं के मापदंड से महंगाई राहत दे रही है, जो संवैधानिक व्यवस्था एवं नैसर्गिक न्याय सिद्धांतों के प्रतिकूल है ।
सक्सेना ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ राज्य को बने लगभग 24 वर्ष हो रहें हैं किंतु दोनों राज्य सरकार मध्य प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 की आड़ में प्रदेश के पेंशनरों को मोहरा बनाकर ठग रही है ।