130 साल पुराने ब्रिटिश जेल अधिनियम में होगा बदलाव,MP की जेलों में नया कानून लागू करने की तैयारी

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सिंहस्थ-2004

130 साल पुराने ब्रिटिश जेल अधिनियम में होगा बदलाव,MP की जेलों में नया कानून लागू करने की तैयारी

भोपाल: मध्य प्रदेश में करीब 130 वर्ष पुराने ब्रिटिश हुकूमत के समय से चले आ रहे जेल अधिनियम में बदलाव होने जा रहा है। इसके लिए गृह विभाग द्वारा पूरा खाका तैयार कर लिया गया है, जिससे आचार संहिता हटने के बाद आगामी जुलाई से प्रदेश की जेलों में नया कानून लागू करने की तैयारी है। एमपी में विभाग के अधिकारियों की पिछले दिनों हुई बैठक में मॉडल जेल अधिनियम-2023 के ड्राफ्ट पर उक्त प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई है।

अभी 1894 का जेल अधिनियम लागू है

यहां बता दें कि वर्तमान में जेलों में ब्रिटिश कालीन 1894 का जेल अधिनियम लागू है, जिसमें समय के साथ कई विसंगतियां आ गई हैं। इन्हें देखते हुए लंबे समय से इसमें बड़ा परिवर्तन करने की जरूरत महसूस की जा रही थी। केंद्र सरकार के निर्देश पर मप्र जेल विभाग ने अब इसमें परिवर्तन करने के लिए मप्र सुधारात्मक सेवाएं एवं बंदीगृह विधेयक- 2024 बनाया है।

*नई जेल और नए बैरक तैयार* 

वर्तमान में अधिकांश जेलों में क्षमता से अधिक कैदी हैं। मप्र सुधारात्मक सेवाएं एवं बंदीगृह विधेयक-2024 में सर्वाधिक जोर क्षमता के अनुसार ही बंदी रखने को दिया जा रहा है, क्योंकि जेलों में संख्या ज्यादा होने से बंदियों में संक्रमण का खतरा बना रहता है। इसके लिए चंबल अंचल के भिंड सहित सागर, दमोह, छतरपुर, रतलाम, मंदसौर व बैतूल में नई जेलों का निर्माण किया जा रहा है, वहीं कुछ जेलों में नए बैरक बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा जेलों में नए बैरकों का निर्माण किया जा रहा है।

बता दें कि अभी प्रदेश में 11 केंद्रीय जेल, 42 जिला जेल, 72 उप जेल व सात ओपन जेल हैं। इनकी कुल क्षमता 30 हजार बंदी रखने की है, किंतु जगह का अभाव होने से फिलहाल इनमें 48 हजार बंदी रखे जा रहे हैं जो डेढ़ गुना से भी अधिक हैं।

*कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा प्रस्ताव* 

मप्र सुधारात्मक सेवाएं एवं बंदीगृह विधेयक-2024 के प्रस्ताव को कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। वहां से मंजूर होने के बाद जुलाई में होने वाले विधानसभा सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा। इस सत्र से स्वीकृति मिलते यह अमल में आएगा।