व्यक्ति के शरीर में रीढ़ की हड्डी एक अहम अंग है. यह पूरी शरीर की संरचना को मेंटेंन रखता है. लेकिन आज के समय में लोगों को रीढ़ की हड्डी से संबंधित कई तरह की बीमारियां हो रही हैं. इनमें डिस्क की बीमारी, स्पाइनल स्टेनोसिस की समस्या काफी आम हो गई है.
ये बीमारियां लाइफ को मुश्किल बना देती हैं. इस वजह से रोजमर्रा के काम करने में भी परेशानी होती है. ऐसी बीमारियों के लिए पहले ओपन सर्जरी होती थी, लेकिन अब ऐसी बीमारियों के इलाज के लिए एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी ने पूरा गेम बदल दिया है.
डॉक्टरों के मुताबिक, एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी एक ऐसी तकनीक है जिसके जरिए बहुत ही सटीक तरीके से ऑपरेशन किए के सीके बिरला अस्पताल के स्पाइन सर्जरी विभाग के डायरेक्टर डॉ अरुण भनोट ने बताया की एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी में छोटे कट लगाए जाते हैं. इसका यह फायदा ये होता है कि मरीज की रिकवरी बहुत तेजी से होती है. सामान्य सर्जरी की तुलना में मरीज काफी जल्दी रिकवर हो जाता है और सर्जरी में समय भी काफी कम लगता है. इस सर्जरी के और भी कई फायदे होते हैं.
कम निशान
इस सर्जरी में मरीज के शरीर पर काफी कम निशान लगते हैं और शरीर में नुकसान भी कम होता है. इस सर्जरी में इंफेक्शन का रिस्क बहुत कम होता है. इस सर्जरी के जरिए हर्नियेटेड डिस्क और स्पाइनल इंफेक्शन जैसी बीमारियों का आसानी से इलाज हो जाता है.एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी में बहुत कम समय मरीज को अस्पताल में रहना पड़ता है. मरीज को एक या दो दिन ही अस्पताल में भर्ती रहना पड़ता है. अच्छी बात यह है कि एंडोस्कोपिक सर्जरी कराने में अब खर्च भी पहले की तुलना कम आता है और अगर किसी मरीज को रीढ़ की हड्डी से संबंधित कोई बीमारी है तो वह इस सर्जरी को करा सकते हैं.
डॉक्टर से लें सलाह
रीढ़ की हड्डी से संबंधित हर बीमारी के मामले में इस सर्जरी को नहीं कराना चाहिए. डॉक्टर की सलाह लेकर ही करवाना चाहिए .