Took Revenge for Insult Like This : जिस कॉन्सटेबल को अपमानित किया, उसने UPSC क्रेक किया!

अपमान के बाद नौकरी छोड़ी और UPSC की तैयारी में जुट गए!

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Took Revenge for Insult Like This : जिस कॉन्सटेबल को अपमानित किया, उसने UPSC क्रेक किया!

 

Hyderabad : उदय कृष्ण रेड्डी पुलिस फोर्स में कॉन्सटेबल के पद पर थे। सीनियर अधिकारी ने एक दिन सबके सामने उनका अपमान किया तो वे नौकरी से इस्तीफा देकर यूपीएससी की तैयारी में जुटे गए। उनका मकसद था, आईएएस बनकर लौटना। उन्होंने यह सच कर दिखाया। इस बार उदय को 780वीं रैंक मिली और उन्हें आईआरएस अधिकारी के तौर पर चुना गया है। 2013 से 2018 तक पुलिस फोर्स में थे। सर्किल इंस्पेक्टर ने निजी विवाद में 60 पुलिस वालों के सामने उनका अपमान किया था।

आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले से आने वाले उदय कृष्ण रेड्डी पुलिस में कॉन्सटेबल थे। सब ठीक चल रहा था, लेकिन एक दिन अचानक कुछ ऐसा हुआ कि उदय ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। नौकरी छोड़ने के बाद उदय ने 5 साल जमकर मेहनत की और 16 अप्रैल को जब देश ही नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी का रिजल्ट घोषित हुआ, तो मेरिट लिस्ट में उनका नाम था। आखिर साल 2018 में ऐसा क्या हुआ था कि उदय ने कॉन्सटेबल की नौकरी छोड़कर सीधे यूपीएससी करने का फैसला ले लिया?

यह घटना 2018 की है। उदय कृष्ण रेड्डी को पुलिस फोर्स ज्वॉइन किए पांच साल हो चुके थे। एक दिन उनके सर्किल इंस्पेक्टर ने किसी निजी विवाद को लेकर करीब 60 पुलिसकर्मियों के सामने उन्हें ऐसी अपमानजनक बातें कहीं, जो उदय के दिल को लग गईं। उदय दिनभर अपने इस अपमान के बारे में सोचते रहे और आखिरकार शाम होते-होते एक बड़ा फैसला ले लिया। उन्होंने पुलिस फोर्स की नौकरी से इस्तीफा दे दिया। उदय ने तय कर लिया कि वो अब यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बनेंगे।

यूपीएससी में मिली 780वीं रैंक

उदय कृष्ण रेड्डी ने पांच साल तक तैयारी की और 2023 में यूपीएससी की परीक्षा में बैठे। रिजल्ट आया तो उन्हें 780वीं रैंक मिली। रैंक के आधार पर उन्हें आईआरएस अधिकारी के तौर पर सेलेक्ट किया गया है। हालांकि, उदय का मकसद आईएएस अधिकारी बनना है। उनका कहना है कि जब तक वो आईएएस अधिकारी नहीं बन जाते, अपनी पढ़ाई जारी रखेंगे।

 

8वें प्रयास में मिली सफलता

कर्नाटक में बेल्लारी जिले के रहने वाले सब-इंस्पेक्टर शांथप्पा की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। शांथप्पा जब गांव में थे, तो ग्रेजुएशन से पहले चार-चार विषयों में फेल हुए। उनकी इस असफलता ने गांव के लोगों और उनके दोस्तों का बर्ताव उनके प्रति बदल दिया। शांथप्पा को एहसास हो गया कि केवल शिक्षा ही उनकी जिंदगी को बदल सकती है। वो दिल्ली आ गए और कोचिंग सेंटर ज्वॉइन कर लिया। शांथप्पा लगातार सात बार यूपीएससी में फेल हुए और आखिरकार 8वें प्रयास में मेरिट लिस्ट में अपना नाम बना लिया। हालांकि, इस बीच साल 2016 में उनका सेलेक्शन कर्नाटक पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर हो गया था, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने यूपीएससी पास करने की अपनी जिद नहीं छोड़ी।