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VRS of 6th IAS : यूपी में 6 IAS ने 2 साल में वीआरएस लिया, अब मोहम्मद मुस्तफा के जाने की चर्चा तेज!
Lucknow : पिछले दो साल में 6 आईएएस ने वीआरएस नौकरी छोड़ दी। अब एक और आईएएस मोहम्मद मुफ़्तफ़ा ने भी वीआरएस ले लिया। उनके निजी क्षेत्र में किसी बड़े पद पर जाने की चर्चा है। यूपी में दो साल में भारतीय प्रशासनिक सेवा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेने वाले मोहम्मद मुस्तफा छठे अधिकारी हैं। ज्यादातर ने वजह निजी या स्वास्थ्य संबंधी बताई लेकिन बाद में मोटे पैकेज पर निजी क्षेत्र से जुड़े।
1995 बैच के यूपी कैडर के आईएएस मुस्तफा ने रिटायरमेंट के चार साल पहले वीआरएस ले लिया। वे प्रमुख सचिव-सार्वजनिक उद्यम विभाग थे। वर्ष 2020 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे मुस्तफा को श्रम आयुक्त बनाया गया था। वे प्रतापगढ़, रामपुर, फतेहपुर और बलरामपुर के डीएम भी रहे। बताते हैं कि वे निजी क्षेत्र की किसी कंपनी में बड़ी जिम्मेदारी संभालेंगे। यह भी कहते हैं कि साल-दो साल निजी जिम्मेदारी पूरी करेंगे, फिर आगे की सोचेंगे।
2023 में 2003 बैच के आईएएस रिग्जियान सैंफल ने स्वास्थ्य कारणों से वीआरएस लिया था। 2003 बैच के ही आईएएस विकास गोठलवाल का वीआरएस भी पिछले साल मंजूर किया गया था। उनकी सेवानिवृत्ति वर्ष 2038 में होती। बाद में वे बिल गेट्स फाउंडेशन से जुड़े। वीआरएस के लिए आवेदन के दौरान वह स्टडी लीव पर विदेश गए थे।
इसी तरह 2008 बैच के आईएएस विद्या भूषण ने भी सेवानिवृत्ति के करीब 15 साल पहले इस्तीफा दे दिया था। उनके भी किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी से जुड़ने की चर्चा रही। 1987 बैच की आईएएस रेणुका कुमार को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से अचानक यूपी वापस भेज दिया गया, पर उन्होंने यहां ज्वाइन करने के बजाय वीआरएस ले लिया। 1988 बैच की जूथिका पाटणकर ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनाती के दौरान वीआरएस लिया था। 1993 बैच के आईएएस राजीव अग्रवाल ने भी वर्ष 2019 में वीआरएस लिया था। इसके पीछे कारण निजी बताए थे। पर बाद में वह उबर और फेसबुक में महत्वपूर्ण पदों पर रहे।
अभिषेक सिंह का इस्तीफा
2011 बैच के आईएएस अभिषेक सिंह ने अक्तूबर 2023 में इस्तीफा दे दिया। उससे पहले नवंबर 2022 में गुजरात विधानसभा चुनाव में प्रेक्षक ड्यूटी के दौरान उनकी एक फोटो वायरल होने पर चुनाव आयोग ने उन्हें वापस भेज दिया था। पर, उन्होंने यूपी में ज्वाइनिंग नहीं दी। इस पर सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया। अभिषेक संगीत और अभिनय के क्षेत्र में पहले से सक्रिय हैं। उनकी लोकसभा चुनाव लड़ने की योजना थी, पर टिकट न मिलने पर चुनाव मैदान में नहीं उतर सके।
सोशल सेक्टर के लिए काम
वीआरएस लेने वाले विकास गोठलवाल बताते हैं कि वे सोशल सेक्टर में सक्रिय संस्थाओं के कंसल्टेंट के रूप में काम कर रहे हैं। पब्लिक हेल्थ व पब्लिक पॉलिसी से संबंधित परामर्श देते हैं। काम वर्क फ्रॉम होम कैटेगरी का है।
आईएएस कभी तनाव के कारण नौकरी नहीं छोडते
पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन कहते हैं कि फाइनेंशियल लिहाज से भी कोई और बेहतर ऑप्शन लगता है तो प्रशासनिक सेवा को छोड़कर उधर रुख कर लेते हैं। तनाव के कारण कोई आईएएस की नौकरी नहीं छोड़ता है।