Heart Attack: मतदान करने आई महिला को आया हार्ट अटैक, मतदान करने आए डॉक्टर ने सीपीआर देकर बचायी जान

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Heart Attack: मतदान करने आई महिला को आया हार्ट अटैक, मतदान करने आए डॉक्टर ने सीपीआर दे कर बचायी जान

बेंगलुरु में एक मतदान केंद्र के अंदर अचानक अचेत होकर गिर पड़ी एक महिला को वही मतदान करने आए डॉक्टर ने मौत के मुंह से बचाया है.खास बात ये है कि बेहोश होकर गिरने के बाद महिला की नब्ज नहीं चल रही थी.सीपीआर यानी कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन, एक आपातकालीन जीवनरक्षक तकनीक है. इसका इस्तेमाल तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति की सांस रुक जाती है या दिल की धड़कन बंद हो जाती है. सीपीआर से कार्डियक अरेस्ट के बाद बचने की संभावना दोगुनी या तिगुनी हो सकती है.यह  चमत्कार एक मतदान करने आये डॉक्टर द्वारा उस महिला को सीपीआर देकर किया गया .

शुक्रवार (26 अप्रैल) को एक मतदाता केंद्र पर उस समय अफरातफरी मच गई जब एक महिला अचानक बेहोश होकर गिर पड़ी. लोगों ने इसकी सूचना चुनाव कर्मचारियों को दी. जब तक चुनाव कर्मचारी वहां पहुंचते वोट देने आए एक डॉक्टर ने मामले की गंभीरता को समझा और तुरंत सीपीआर किया, जिससे उसकी जान बच गई.

मतदान की लाइन में पड़ा था दिल का दौरा

प्राप्त जानकारी के मुताबिक बेंगलुरु के जंबो सावरी दिन्ने नगर के पास यह घटना हुई. मतदान करने आई एक महिला को अचनाक दिल का दौरा पड़ा. उसी मतदान केंद्र पर मतदान करने आए एक डॉक्टर ने तुरंत रिस्पांस किया जिसकी वजह से जान बच गई. करीब 50 साल की एक महिला पानी पी रही थी जब वह अचानक गिर पड़ीं.

डॉ गणेश श्रीनिवास प्रसाद उसी मतदान केंद्र पर वोट देने आए थे और कतार में खड़े थे. डॉ गणेश श्रीनिवास प्रसाद ने महिला को देखा तो उन्हें खतरे का एहसास हुआ. वह और एक अन्य महिला तुरंत उसकी मदद के लिए भागे. डॉक्टर गणेश ने स्वास्थ्य की जांच की तो पाया कि नाड़ी में उतार-चढ़ाव हो रहा था. शरीर में कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई दी. डॉक्टर ने तुरंत सीपीआर किया और स्वास्थ्य में सुधार हुआ. बाद में चुनाव ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारी पहुंचे और उन्हें जूस दिया और एंबुलेंस से अस्पताल ले गए.

क्या कहना है जान बचाने वाले डॉक्टर का?

इस बारे में जानकारी देते हुए डॉ. गणेश श्रीनिवास ने कहा, ‘महिला को गिरते हुए देखकर मैं मदद के लिए दौड़ा. मैंने उसकी नब्ज की जांच की तो वह बहुत कम थी. उसकी आंखों की जांच करते समय, कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई. उसके शरीर ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई और उसका दम घुट रहा था. मैंने तुरंत सीपीआर किया और उसकी हालत में सुधार हुआ. तभी चुनाव ड्यूटी वाले लोग आए और जूस दिया. एक एम्बुलेंस बुलाई गई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया. अगर तत्काल सीपीआर नहीं दिया जाता तो उनकी जान नहीं बचती.

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