Workshop on Creative Writing : मुंबई के मणिबेन नानावटी महिला कॉलेज में ‘रचनात्मक लेखन’ पर कार्यशाला!

524

Workshop on Creative Writing : मुंबई के मणिबेन नानावटी महिला कॉलेज में ‘रचनात्मक लेखन’ पर कार्यशाला!

कथाकार हरीश पाठक ने कहा ‘जीवन का सच ही बने लेखन का आधार’

Mumbai : ‘रचनात्मक लेखन न पत्रकारिता है, न तकनीकी ज्ञान, न शोध और न अकादमिक लेखन। कविता, कहानी व कथेतर को ही रचनात्मक लेखन माना गया है। यह एक सतत और धैर्यपूर्वक रचा गया वह साहित्य है जिससे झाँकता है जीवन, उसका सुख, दुख, जय, पराजय और वह सच जिसे आपने जिया है। हाशिए पर पड़े सच को ही हमें केंद्र में लाना है तभी हम सफल लेखक बन सकेंगे।’

WhatsApp Image 2024 04 16 at 17.09.19 1

यह विचार कथाकार, पत्रकार हरीश पाठक ने मुंबई के अति प्रतिष्ठित मणिबेन नानावटी महिला महाविद्यालय में ‘रचनात्मक लेखन’ पर आयोजित कार्यशाला में व्यक्त किये। यह कार्यशाला महाविद्यालय के हिंदी व गुजराती विभाग ने आयोजित की थी।

कार्यशाला के आयोजन के प्रयोजन पर हिंदी विभाग के अध्यक्ष व प्रख्यात कथाकार डॉ रवींद्र कात्यायन ने हरीश पाठक का परिचय दिया और अपनी बात रखते हुए कहा कि मौजूदा दौर में बहुत मुश्किल है अपनी बात सहज भाषा में कहना। सोशल मीडिया के शोर में सच दब गया है। गुजराती विभाग की अध्यक्ष गीता वरुण ने कहा कि रचनात्मक लेखन आज समय की जरूरत है। कार्यशाला में छात्राओं ने कई सवाल पूछे जिनका विस्तार से जवाब हरीश पाठक व डॉ रवींद्र कात्यायन ने दिया।