World Book Day 23rd April: एक गृहिणी का पुस्तकालय 

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कविता 

एक गृहिणी का पुस्तकालय

किताबे
औंधी
पड़ी है
मसनद मे
आराम कुर्सी
मे
मुसका रही
पूजा
घर मे
गुनगुना
रही
झूले मे
हिलोर
ले रही
फाइल
से
झांक रही
दुकान
से
आवाज
दे
रही
तुम्हे
मेरी जरूरत
है


आज
गृहणी
ने
फिर एक
किताब
खरीदी
पैसे
बचाकर
हर
महीने
की तरह!!!!

वन्दिता श्रीवास्तव 

विश्व पुस्तक दिवस📚📚
23अप्रैल

Earth Day: धरती है तो हम है यह कथन हमे हर सांस के साथ याद रखना पड़ेगा। 

कहानी: वो कौन था