Zero Tolerance Policy : अवैध निर्माण रोकने के लिए जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाए!

बीओ, बीआई, डीसीआर सेल को राजेश उदावत के निर्देश!

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Zero Tolerance Policy : अवैध निर्माण रोकने के लिए जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाए!

Indore : नगर निगम में नक्शे से संबंधित प्रकरणों में आने वाली दिक्कतों का मौके पर निराकरण करने के लिए भोपाल से ‘एबी-पास वन’ का रिकॉर्ड मंगवाया जाए। अवैध निर्माणों को रोकने के लिए बीओ और बीआई जीरो टॉलरेंस की तरह काम करें। इसमें किसी तरह की लापरवाही और अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

ये निर्देश योजना एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रभारी राजेश उदावत ने बीओ, बीआई और डीसीआर सेल के अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि नक्शा पास करने को लेकर बीओ, बीआई, डीसीआर विभाग, आर्किटेक्टों में विरोधाभास बना रहता है, जिसका खामियाजा आवेदक उठाते हैं। कई बार देखा गया है कि जो नक्शा कंसोल में आने के बाद 10 से 12 दिन में स्वीकृत होना चाहिए, वह 20 से 25 दिन तक खिंच जाता है। इससे निगम की कार्यशैली पर सवाल उठते हैं। इसी तरह की समस्या को दूर करने बीओ, बीआई और कॉलोनी सेल के अधिकारियों की बैठक ली।

निगम की भूमि को मुक्त कराएं

कई दिनों से शिकायत मिल रही थी कि निगम की भूमि, ग्रीन बेल्ट, नजूल, फॉरेस्ट की जमीन पर कतिपय लोगों ने कब्जा कर अवैध निर्माण कर लिया है। कब्जाधारियों पर कार्रवाई के लिए उनकी सूची बनाई जाएगी। अगले सप्ताह निगम के पंजीकृत आर्किटेक्टों की बैठक ली जाएगी। इसमें उनके लाइसेंस चेक किए जाएंगे। आवेदन लगाने के बाद उन्हें किस स्तर पर परेशानी आती है, इसकी जानकारी मांगी जाएगी। उनका त्वरित निराकरण करने सुझाव भी मांगे जाएंगे।

बैठक में ये निर्देश दिए गए 

● सीएम हेल्पलाइन से जुड़े प्रकरणों का त्वरित निराकरण हो।

● 72 घंटे की अवधि वाले नक्शा आवेदन लंबित न रखे जाएं।

● नक्शा स्वीकृति के दौरान पार्किंग, एमओएस की भी जानकारी लें।

● डीसीआर के सॉफ्टवेयर से होने वाली परेशानी तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को बताएं।

इस पर भी होगा विचार

निगम के 19 जोन हैं। रोजाना सभी जोनों से 3 से 5 नक्शा आवेदन डीसीआर सेल तक पहुंचते हैं। नक्शा पास कराने के लिए जोनल अधिकारियों, बीओ, बीआई को जिम्मेदारी सौंपी गई है। कई बीओ, बीआई के पास 3 से 5 जोन हैं। ऐसे में उनके पास रोजाना 10 से अधिक आवेदन जांच के लिए पहुंचते हैं। कार्य की व्यस्तता के चलते समय सीमा में आवेदन आगे नहीं बढ़ पाता। इस समस्या को हल कराने निगम आयुक्त और महापौर के साथ बैठक की जाएगी।