भोपाल :नगरीय निकायों में अफसर मनमर्जी से काम कर रहे है। उन्हें नियम-प्रक्रियाओं की तनिक भी चिंता नहीं है। मांडव नगर परिषद के सीएमओ संजय कानूनगो ने नेशनल सफाई कर्मचारी फाइनेंस एंड डेवपलमेंट कारपोरेशन नई दिल्ली से सफाई, पब्लिक टॉयलेट मशीन,उपकरण के लिए मिली राशि वेतन-भत्ते और बिजली बिल, बीमा पर खर्च कर दी। स्वीकृत कामों से भिन्न कामों पर राशि खर्च करने वाले इस अफसर को आयुक्त नगरीय प्रशासन निकुंज श्रीवास्तव ने निलंबित कर दिया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक धार जिले के मांडव नगर परिषद को केन्द्र से 45 लाख रुपए मिले थे। यह राशि प्लास्टिक बॉटल क्रसर, स्माल जेसीबी, रोड स्वीपिंग मशीन, पब्लिक टॉयलेट संबंधी मशीनरी उपकरण की खरीद और संचालन के लिए एसयूवॉय योजना के तहत दी गई थी। मांडव नगर परिषद के तत्कालीन सीएमओ संजय कानूनगो ने इस राशि से यह सारे काम नहीं कराए बल्कि निकाय के स्वच्छता कार्य व्यवस्था,वाहनों के र्इंधन पर व्यय, बिजली बिल के देयकों पर खर्च, निकाय कर्मचारियों के वेतन भुगतान पर व्यय, संबंल योजना पर व्यय, वाहनों के बीमा कार्यो के भुगतान कर दिए। वर्तमान में एसयूवॉय योजना के तहत प्राप्त राशि का उपयोगिता प्रमाणपत्र वे नहीं दे पाए। राज्य शासन ने इसे नियमों के विपरीत और गंभीर वित्तीय अनियमितता माना है।
आयुक्त नगरीय प्रशासन ने इसके लिए दोषी मांडव के तत्कालीन सीएमओ और वर्तमान में अतिरिक्त मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद डही संजय कानूनगो को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा।