Life Logistics: दो तरह की जीवन शैली

आपकी कौन सी, समझे और उसी अनुसार जीने का, रहने का अंदाज बनाएं

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व्यक्ति को अपने जीवन शैली के बारे में समझना बहुत आवश्यक है। यहां अमिरी या गरीबी इस स्तर पर जीवन शैली की बात नहीं हो रही है, व्यक्ति किस प्रकार से जीवन जीते हैं इस पर ध्यान देने वाली बात हैं। अनेक व्यक्ति की जीवन शैली मेहनती होती है। दिन भर काम करते हैं, खूब शारीरिक श्रम करते हैं, पसीना बहाते हैं,उनका शरीर अत्यधिक मजबूती से काम करता है। कुछ लोग दुभरी जीवनशैली वाले हैं उन्हे कम या अत्यधिक कम शारीरिक श्रम करना होता हैं उनके जीवन में मेहनती काम करने का मौका नहीं मिलता, सभी काम या अधिकतर काम उनके नौकर चाकर करते हैं। नौकरीपेशे, व्यापारी, फैक्ट्री मालिक या ऑफिस में काम करते हो, दिन या रात की शिफ्ट में काम करना पडता है, अधिकतर बौद्धिक काम ज्यादा करते है।

अय: दो तरह की जीवन शैली है। एक जिन्हे शारीरिक मेहनत ज्यादा करना होती है दूसरा जिन्हे बहुत कम, दिन भर बैठ कर दिमागी मेहनत ज्यादा करना होती है। ऐसे बहुत कम होते हैं जो बौद्धिक तौर पर काम करते हुए भी अपने शरीर को मेंटेन करने के लिए योगा एक्सरसाइज जिम्नेशियम या फिटनेस सेंटर में जाते हैं।

जिनकी दिनचर्या बहुत मेहनती होती है उन्हें बहुत पौष्टिक आहार लेना चाहिए और दिन में तीन बार भोजन करना चाहिए। उन्हें पान बीड़ी सिगरेट तंबाकू वाले गुटके पान पराग या अन्य नशे की आदत नहीं होना चाहिए। जीवन में मनोरंजन और प्रकृति के करीब अधिकतर रहना चाहिए।

जिनमें ज्यादा शारीरिक मेहनत नहीं करना होती है उन्हें संतुलित आहार लेना चाहिए अधिक से अधिक सादा भोजन लेना चाहिए गरिष्ठ खाने से थोड़ा दूर रहना चाहिए। फल फ्रूट सब्जी इनका सेवन ज्यादा करें। नमक और शक्कर का सेवन कम करें।

भोजन कैसा हो यह आपके शरीर की भोजन पचाने की क्षमता पर निर्भर है और उसी अनुसार भोजन आपको करना है। बहुत से ऐसे व्यक्ति आपको देखने को मिलेंगे जो बहुत गरिष्ठ खाना खाते हैं लेकिन उनका शरीर भोजन पचा नहीं पाता और बे कोलोस्ट्रेल, ह्रदय रोग, मोटापे, एसिडिटी, गैस, शुगर आदि कई बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं। संतुलित भोजन, मधुर संगीत और जितना भी समय मिले, ध्यान योग प्राणायाम जरूर करें। जहां तक हो सके मॉर्निंग और इवनिंग वाॅक जरूर करें।