विधायकों के सम्मान की रक्षा करने अब सदस्य सम्मान अनुरक्षण समिति

पिछड़े वर्गो के कल्याण के लिए भी होगी अलग समिति

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Vidhan sabha

भोपाल-मध्यप्रदेश के विधायकों के सम्मान की रक्षा करने और उनके साथ असम्मानजनक व्यवहार से जुड़ी शिकायतों की सुनवाई के लिए विधानसभा सचिवालय नई समिति बनाएगा। इसका नाम सदस्यों के शिष्टाचार एवं सम्मान अनुरक्षण समिति होगा। इसके लिए विधानसभा सचिवालय ने नियमों में संशोधन कर दिया है। अगले सत्र में इस समिति का गठन किया जाएगा।
विधानसभा सचिवालय ने विधानसभा की प्रक्रिया तथा संचालन संबंधी नियमावली में संशोधन कर दिया है। अभी तक विधायकों के साथ शासकीय अधिकारियों द्वारा किए जाने वाले असम्मानजनक व्यवहार संबंधित विषयों की सुनवाई सदस्य सुविधा समिति करती थी अब इसके लिए एक अलग समिति बनाई जाएगी। सदस्यों के शिष्टाचार एवं सम्मान अनुरक्षण समिति सदस्यों की शिकायतों पर विचार करेगी और मंत्रणा देगी। इस समिति में किसी मंत्री को सदस्य नहीं बनाया जाएगा। वहीं समिति का कोई सदस्य मंत्री बन जाएगा तो वह नियुक्ति की तिथि से समिति का सदस्य नहीं रहेगा। इस समिति में अध्यक्ष द्वारा नाम निर्देशित कुल सात सदस्य होंगे। समिति का कार्यकाल एक साल का होगा। नवीन समिति के गठन होंने तक पूर्ववर्ती समिति काम करती रहेगी।
ऐसे करेगी काम- प्रत्येक विधानसभा के आरंभ होंने के बाद शासकीय अधिकारियों द्वारा विधायकों के साथ किए जाने वाले असम्मानजनक व्यवहार से संबंधित सभी विषयों पर विचार करने और इससे संबंधित शिकायतों की जांच कर विधानसभा को अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए सदस्यों के शिष्टाचार एवं सम्मान अनुरक्षण समिति की नियुक्ति की जाएगी। सदस्यों अथवा शासन के निर्देशों आदेशों के विपरीत अथवा ऐसे आदेशें के उल्लंघन से संबंधित शासकीय कार्यालयों, शासकीय अधिकारियों द्वारा उनके साथ किए गए असम्मानजनक व्यवहार,दुर्व्यवहार की शिकायत समिति अध्यक्ष को प्रस्तुत कर सकेगी। शिकायत प्राप्त होंने पर अध्यक्ष शिकायत की प्रारंभिक जांच के लिए निर्देशित कर सकेंगे।विशेषाधिकार समिति की तर्ज पर शिकायत की जांच प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। शिकायत पर अपना प्रतिवेदन अध्यक्ष अथवा विधानसभा को प्रस्तुत करेगी। समिति उचित समझे तो गंभीर मामलों को जांच एवं अनुशंसा के लिए अध्यक्ष की अनुमति से विशेषाधिकार समिति को भेज सकेगी।
क्षेत्र में काम नहीं करने पर भी शिकायते सुनेगी समिति-
यह समिति सदस्य के निर्वाचित क्षेत्र विकास निधि से उनके विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत कामों के प्रस्तावों पर संबंधित अधिकारियों द्वारा तत्परता से कार्यवाही नहीं करने और प्रस्तावित कार्य को शुरु नहीं करने या अनावश्यक देरी करने संबंधी शिकायतें भी अध्यक्ष को प्रस्तुत कर सकेगी। अध्यक्ष शिकायत को जांच, प्रतिवेदन एसवं अनुशंसा के लिए समिति को निर्देशिता कर सकेंगे।
पिछड़े वर्गो के कल्याण के लिए भी अलग समिति-
अभी तक अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग कल्याण से जुड़ी एक समिति थी। अब पिछड़ा वर्ग कल्याण से जुड़ी अलग समिति होगी। इस समिति में 11 सदस्य होंगे। आठ सदस्य शासन द्वारा अधिसूचित पिछड़े वर्ग के होंगे जो विधानसभा द्वारा उसके सदस्यों में से आनुपातिक प्रतिनिधित्व के सिद्धांत के अनुसार संक्रमणीय मत द्वारा निर्वाचित किए जाएंगे। इस समिति में भी किसी मंत्री को शामिल नहीं किया जाएगा। सदस्य के मंत्री बनने पर वह समिति का सदस्य नहीं रह सकेगा। यह समिति पिछड़े वर्ग के कल्याण संबंधित सभी मामलों की सुनवार्ठ कर उनपर विचार करने के बाद प्रतिवेदन दे सकेगी।