स्वागत है नव वर्ष तुम्हारा!! ======================
बिखेरीं रश्मियां रवि ने,
करो स्वागत सभी मिलकर।
उषा की लालिमा सा तेज,
बिखराओ कहे दिनकर ।।
अमावस निशि स्याह चाहे,
चांद पूनम उजाला है।
अटल हैं यह समझ लो तुम,
प्रकृति का क्रम निराला है।।
ना होता चाहने से कुछ ,
अथक श्रम तो जरूरी है।
सफलता फिर कदम चूमे,
हर एक अभिलाष पूरी है।।
करो तुम कर्म अपना बस,
नहीं चिंता करो फल की।
समय खुद पथ-प्रदर्शक है,
न यह चर्चा किसी बल की।।
करो आगाज वर्ष नूतन,
विचारों के नए किसलय।
नयी सुर तान छेड़ो फिर,
रखो गतिमान जीवन लय ।।
नववर्ष हो सुंदर,सफल ,
ऐसी हमारी कामना ।
मिलजुल प्रगति पथ पर चलें,
सहयोग की हो भावना।।
स्मित सभी चेहरों पर हो।
कोई दुखी किंचित न हो।
आए कोई दुख की घड़ी,
कर थाम लें,विचलित ना हों।।
©® ~संजू पाठक
इंदौर,म.प्र.