

10 हजार सेवा केंद्रों का संचालन किया जाना अपने आप में अनूठी मिसाल: विशाल शर्मा.
Ratlam : 10 हजार सेवा केंद्रों का संचालन बहनों द्वारा किया जाना अपने आप में एक अनूठी मिसाल है। यदि हम विश्व एकता की बात करें, तो हर वर्ग के भाई-बहन हमारे मध्य उपस्थित हैं। यह दृश्य आज इस सभा में विश्व एकता का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है, यह उद्गार शहर के जावरा रोड़ स्थित गौरव पैलेस कॉलोनी में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के भाग्योदय भवन के विशाल प्रांगण में वर्ष 2025-26 की थीम विश्व एकता एवं विश्वास के लिए ध्यान पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पार्षद एवं एमआईसी सदस्य विशाल शर्मा ने कही।
इंदौर से आए मुख्य वक्ता वरिष्ठ राजयोगी बीके प्रकाश ने कहा, भाग्योदय भवन के माध्यम से समस्त रतलामवासियों को बहुत-बहुत बधाई। उन्होंने दादी रतन मोहिनी जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, दादीजी हमेशा कहती थीं कि यदि हम स्वयं को निमित्त समझकर कार्य करें तो हर कार्य में परफेक्शन आता है।
उन्होंने आगे कहा, आज व्यक्ति, समाज और देश को सबसे अधिक आवश्यकता हैं आपसी विश्वास की। ध्यान के माध्यम से हम एकाग्रता प्राप्त करते हैं और आत्मनिरीक्षण करके स्वयं को परिवर्तित करते हैं। राजयोग हमें आत्म-परिवर्तन की दिशा में प्रेरित करता है। जितना अधिक हम दूसरों को खुशी देंगे, उतना ही अधिक हम स्वयं भी आनंदित रहेंगे। खुशी वर्तमान समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। विशेष अतिथि राजीव ऊबी (अध्यक्ष अभिभाषक संघ) ने कहा, भाग्योदय भवन की सेवाएं सतत चलती रहें। अभिभाषक संघ की ओर से ढेरों शुभकामनाएं।
विशेष अतिथि सतीश चंद्र तिवारी प्रधानाचार्य, जन चेतना बधिर एवं मंदबुद्धि विद्यालय ने कहा, भाग्योदय भवन के माध्यम से सबका भाग्य उदय होगा हैं यह मेरा पूर्ण विश्वास है। विशेष अतिथि लोकेन्द्र सिंह गहलोत जी ने कहा, आज हमारी पहचान भाग्योदय भवन से जुड़ चुकी है। मेरी शुभकामनाएं हैं कि यह भवन निरंतर प्रगति करता रहें।
विशेष अतिथि राजेन्द्र प्रसाद शर्मा, रिटायर्ड जीएम, इफ्का लैबोरेटरी ने कहा, मैं सभी से निवेदन करता हूं कि अधिक से अधिक संख्या में आकर इस संस्था से जुड़ें। भाग्योदय भवन सेवा केंद्र की संचालिका राजयोगिनी मनोरमा दीदी ने आए हुए सभी अतिथियों और नागरिकों का शब्दों द्वारा स्वागत किया।नजरबाग सेवा केंद्र की संचालिका राजयोगिनी सीमा बहन ने संस्था का परिचय दिया। अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। तत्पश्चात पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी रतन मोहिनी जी को श्रद्धा-सुमन अर्पित किए गए।